पति के दीर्घायु के लिए महिलाओं ने किया वट सावित्री व्रत
गोरौल में महिलाओं ने सोमवार को वट सावित्री का व्रत श्रद्धा से किया। उन्होंने दिनभर उपवास रखा और वट वृक्ष के साथ देवी देवताओं की पूजा की। महिलाएं 108 बार वट वृक्ष की परिक्रमा करती हैं। इस दिन देवी सती...

गोरौल, संवाद सूत्र पति के दिर्घायु के लिए महिलाओं ने सोमवार को वट सावित्री का व्रत श्रद्धा के साथ किया। क्षेत्र की महिलाओं ने दिनभर उपवास रखकर वट वृक्ष के अलावा विभिन्न देवी देवताओं की भी पूजा अर्चना की। व्रत में महिलाएं 108 बार वरगद वृक्ष की परिक्रमा कर पूजा अर्चना करती हैं। इस वर्ष यह बेहद फलदायी माना जा रहा है। देवी सती सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे ही पूजा कर अपने पति सत्यवान के प्राण को यमराज से वापस ले आयी थी। इस दिन महिलाएं सुबह में ही स्नान कर लेती हैं और सुहाग से जुड़ा हर प्रकार के सोलह शृंगार भी करती हैं और वट वृक्ष की पूजा करने के बाद ही सुहागन महिलाएं जल ग्रहण करती हैं।
इस व्रत के पीछे मान्यता है कि वट का मतलव होता है बरगद का पेड़। इस विशाल बरगद के पेड़ में कई जटाएं निकली होती हैं। इसी के फेरे कर वट सावित्री व्रत किया जाता है। इस व्रत के दौरान देवी सावित्री को देवी एवं सती का रूप माना गया है। पुराणों में बरगद के पेड़ में ब्रह्मा विष्णु एवं महेश का वास माना गया है।
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