How Amit Shah took Nitish Kumar Chirag Paswan into confidence over Waqf Bill अमित शाह ने नीतीश और चिराग को कैसे भरोसे में लिया, वक्फ बिल पर NDA की इनसाइड स्टोरी, Bihar Hindi News - Hindustan
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अमित शाह ने नीतीश और चिराग को कैसे भरोसे में लिया, वक्फ बिल पर NDA की इनसाइड स्टोरी

बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और वक्फ बिल को लेकर राजनीतिक पारा चरम पर है। लोकसभा में पारित होने से पहले इस बिल पर नीतीश कुमार और चिराग पासवान की पार्टियों के रुख पर सबकी नजरें थीं। आखिर में जेडीयू और लोजपा-आर ने इस बिल पर अपना समर्थन दे दिया।

Jayesh Jetawat लाइव हिन्दुस्तान, पटनाThu, 3 April 2025 12:03 PM
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अमित शाह ने नीतीश और चिराग को कैसे भरोसे में लिया, वक्फ बिल पर NDA की इनसाइड स्टोरी

वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को लोकसभा में पारित हो गया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सहयोगी दल इस बिल पर पहले संशय में थे। हालांकि, सदन में जेडीयू, लोजपा (रामविलास) समेत एनडीए के सभी दल सरकार के साथ नजर आए। बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को भरोसे में लेकर इनकी पार्टी को वक्फ बिल पर समर्थन के लिए राजी किया। इसके लिए पटना से दिल्ली तक बैठकों का दौर भी चला।

नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल अगस्त महीने में वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पेश किया था। इस बिल पर विपक्षी दलों के साथ ही बीजेपी के सहयोगी चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी-आर ने भी आपत्ति जताई थी। नीतीश की जेडीयू ने उस वक्त सदन में भले ही वक्फ बिल का समर्थन किया, लेकिन पार्टी का एक धड़ा इसके खिलाफ था। जेडीयू के कई मुस्लिम नेताओं ने वक्फ बिल के विरोध में खुलकर बयानबाजी की। फिर इस बिल को जेपीसी को भेज दिया गया था। जेपीसी ने कई दिनों तक इस पर मंथन किया। जेडीयू, एलजेपी-आर समेत एनडीए के सांसदों ने जो सुझाव दिए, उन 14 संशोधनों को जेपीसी ने मंजूर कर दिया। वहीं, विपक्षी दलों के 44 संशोधनों को खारिज कर दिया गया।

जेडीयू और एलजेपी-आर पर वक्फ बिल का विरोध करने का दबाव लगातार बनाया जा रहा था। पटना में जब इस विधेयक के विरोध में मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन किया तो नीतीश एवं चिराग पासवान को भी इस धरने में शामिल होने का न्योता दिया गया। मुस्लिम संगठनों ने जेडीयू और एलजेपी-आर की इफ्तार पार्टियों से किनारा करने का भी ऐलान कर दिया। ऐसे में नीतीश के सामने अपने मुस्लिम जनाधार को बचाने की चुनौती पैदा हो गई।

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दो दिन पहले खबर आई कि 2 अप्रैल को वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा। उस समय नीतीश और चिराग की पार्टियों ने पत्ते नहीं खोले। जेडीयू के ललन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी सदन में ही इस बिल पर अपना रुख स्पष्ट करेगी। मंगलवार को इस मुद्दे पर ललन सिंह और जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मीटिंग हुई। बहुत देर तक चली बैठक में शाह ने सिलसिलेवार जेडीयू के एक-एक संशय को दूर किया और पार्टी को इस बिल पर समर्थन के लिए राजी कर दिया। 1 अप्रैल को रात में ही जेडीयू ने व्हिप जारी कर इस बिल पर सरकार का समर्थन करने की घोषणा कर दी।

पटना में नीतीश और चिराग से मिले थे शाह

इससे पहले 30 मार्च को जब अमित शाह पटना आए थे, तब भी एनडीए के नेताओं के साथ उनकी बैठक हुई थी। उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सभी प्रमुख नेता मौजूद रहे थे। बताया जा रहा है कि उस बैठक में भी शाह ने नीतीश को वक्फ बिल पर भरोसे में लेने की पूरी कोशिश की। सूत्रों के अनुसार शाह ने नीतीश को बताया कि यह बिल वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने के लिए बनाया गया है। इससे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं होगा। यह भी कहा गया कि इस बिल से पसमांदा और गरीब मुसलमानों के साथ ही मुस्लिम महिलाओं का एनडीए के प्रति झुकाव बढ़ेगा।

चिराग दे रहे सहयोगियों को टेंशन, शाह ने मनाया

बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एलजेपी-आर के प्रमुख चिराग पासवान विभिन्न मुद्दों पर अलग राह दिखाकर अपने सहयोगियों को चिंतित करते रहे हैं। पिछले दिनों, छत पर नमाज पढ़ने पर रोक लगाने और नवरात्र में मांस की दुकानों को बंद करने की मांग बीजेपी के नेता उठाने लगे। चिराग पासवान से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने बीजेपी नेताओं की इस मांग को ही गलत बता दिया। उन्होंने सभी धर्मों के लोगों को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता का हवाला दिया।

5 सांसदों वाली चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी-आर वक्फ बिल पर सरकार के पूर्ण रूप से समर्थन में नहीं थी। बताया जा रहा है कि हाल के महीनों में अमित शाह ने चिराग से मिलकर उनके संशय को दूर करने की कोशिश की। दिल्ली में दोनों नेताओं के बीच बातचीत भी हुई थी। बीजेपी ने आगामी चुनाव में चिराग को सीट शेयरिंग में उचित हिस्सेदारी देने का भी भरोसा दिलाया है। आखिर में एलजेपी-आर ने भी वक्फ बिल का पुरजोर समर्थन कर दिया।