78 वर्षों से पेंघी गांव के रविदास टोला में नहीं पहुंच पाई है सड़क
78 वर्षों से पेंघी गांव के रविदास टोला में नहीं पहुंच पाई है सड़क 78 वर्षों से पेंघी गांव के रविदास टोला में नहीं पहुंच पाई है सड़क 78 वर्षों से पेंघी

बरहट । निज संवाददाता प्रखंड के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बहुल टोलों में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु सरकार की ओर से विशेष विकास शिविर आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। यह पहल इसलिए की जा रही है ताकि केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों तक पहुंचे। लेकिन ज़मीनी सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। प्रखंड के वार्ड संख्या 3 अंतर्गत पेंघी गांव स्थित मुसहरी और टांड के रविदास टोला में लगभग 1000 परिवार वर्षों से मूलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित है । आज़ादी के 78 साल बीत जाने के बावजूद यहां सड़क तक नहीं बन सकी है।
पंचायत भवन से काली मंदिर होते हुए मुसहरी टोला तक जाने के लिए अब तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है।वार्ड सदस्य पंचा देवी का कहना है कि बरसात के समय यह रास्ता कीचड़ में तब्दील हो जाता है जिससे पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। शादी-ब्याह, बीमार को अस्पताल ले जाना या गर्भवती महिलाओं की समय पर चिकित्सा ये सभी काम बाधित हो जाते हैं। ग्रामीणों ने मदन दास, किशुन दास, जगदेव दास, गणेश दास, बालेश्वर दास, परमेश्वर मांझी, भानरु मांझी, उमेश मांझी, अनिल मांझी, पारो मांझी ने बताया कि हर चुनाव के वक्त नेता और जनप्रतिनिधि टोले में आकर बड़े-बड़े वादे करते हैं और सड़क निर्माण का भरोसा देते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे कभी पलटकर नहीं आते। उनकी अनदेखी से नाराज ग्रामीणों ने इस बार चुनाव में नेताओं को सबक सिखाने की बात कही है। ग्रामीणों ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि इस महादलित टोले में भी अविलंब सड़क निर्माण का कार्य शुरू कराया जाए। उनका कहना है कि सम्मानपूर्वक जीवन जीने के लिए सड़क जैसी बुनियादी सुविधा बेहद जरूरी है और इससे वंचित रखना संविधान और लोकतंत्र के मूल भावना के खिलाफ है। इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी एसके पांडेय ने बताया कि सड़क बनाने के लिए उपयुक्त जमीन है कि नहीं इसका इसका सर्वे कराकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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