बोले मुंगेर: सिंचाई की हो सुविधा, खेतों तक पहुंचे बिजली का पोल
भारत के जमालपुर प्रखंड के इटहरी गांव में आजादी के 76 साल बाद भी कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। ग्रामीणों को सड़क, सिंचाई, और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। संवाद...
प्रस्तुति: नवीन कुमार झा/अमरेन्द्र कुमार
कहा जाता है कि भारत गांवो का देश है,भारत की आत्मा गांव में बसती है। लेकिन देश की आत्मा कहे जाने वाले गांव में आजादी के76 साल बाद भी कई बुनियादी समस्याएं आम जनों के लिए परेशानियों का सबक बना हुआ है। जमालपुर प्रखंड की इटहरी पंचायत के इटहरी गांव में अब भी कई ऐसे बुनियादी समस्याएं हैं, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां के लोगों के लिए सबसे बड़ी परेशानी एन एच 80 तथा हाईवे पर पहुंचने के लिए समुचित सड़क की व्यवस्था नहीं है, जो सड़कें उपलब्ध है उसे पर बड़ा वाहनों का आवागमन सही रूप में नहीं हो पता है। जिसके कारण यहां के लोगों को घर वह मकान बनाने मे ंरॉ मैटेरियल लाने में काफी खर्च करना पड़ता है। इतना ही नहीं गांव की कई सड़कों पर गर्मी के मौसम में भी जल जमाव की स्थिति बनी हुई है।
इटहरी गांव के अधिकांश लोग किसान है,जिन्हें सिंचाई का साधन उपलब्ध नहीं है। किसान भगवान भरोसे ही फसल उपजाते हैं। यानी खेती पूरी तरह वर्षा पर ही निर्भर है। बारिश के समय में पहाड़ से उतरने वाला बारिश का पानी गंगा नदी में मिल जाता है। उसे रोकने के लिए चेकडैम की व्यवस्था नहीं की गई है। अगर चेकडैम की व्यवस्था होती तो किसानों को खेती करने में सिंचाई के लिए परेशान नहीं होना पड़ता। सोमवार को हिंदुस्तान टीम इटहरी पहुंचकर ग्रामीणों के साथ संवाद किया। संवाद के दौरान ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं से टीम को अवगत कराया।
जमालपुर प्रखंड की इटहरी पंचायत के इटहरी गांव में आजादी के 76 साल बाद भी कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। शिक्षा, चिकित्सा, शौचालय, जल जमाव सहित कई समस्याएं गांव में मुंह बाएं खड़ी है। सोमवार को हिंदुस्तान टीम इटहरी गांव में ग्रामीणों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया। संवाद कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने कई समस्याओं का जिक्र किया। ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के 76 साल बाद भी गांव के अंदर कई ज्वलंत समस्याएं मौजूद है। जिसका समाधान होना अति आवश्यक है। गांव के अंदर जल निकासी की सबसे बड़ी समस्या है। जगह-जगह नाली का अभाव है, जिसके कारण घरों का पानी सड़कों पर जमा रहता है। जलजमाव कारण आवागमन में असुविधा तो होती ही है। वहीं सड़ांध के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकुल असर पड़ रहा है।
इटहरी गांव में 500 से भी अधिक परिवार जीवन यापन करते हैं। इस गांव की आबादी 3200 से भी अधिक है। खेती पर आधारित रहने वाले इस गांव के किसानों के लिए समुचित सिंचाई की व्यवस्था नहीं है। बारिश के भरोसे ही यहां के किसान खेती करते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि अगर पहाड़ से उतरने वाले बारिश के पानी को संग्रहण किया जाए तो यहां के किसानों के लिए काफी फायदेमंद होगा। इसके लिए कम से कम पांच जगह पर चेकडैम बनाए जाने की आवश्यकता है। गांव के अंदर आंगनबाड़ी केंद्र तो है, लेकिन केंद्र जाने वाले रास्ते को कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है, अतिक्रमण को हटाया जाना काफी जरूरी है। जिससे कि बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र जाने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। अगर किसानों को बिजली का कनेक्शन दिया जाए तो यहां के किसान मालामाल हो सकते हैं। लेकिन इस ओर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शौचालय के मामले में अब भी 260 लोगों का आवेदन लंबित है, जिन्हें अब तक शौचालय का राशि प्राप्त नहीं हुआ है। सरकार की ओर से ग्रामीणों को पंचायत सरकार भवन में ही सरकारी योजनाओं से संबंधित कार्य कराए जाने का निर्णय लिया गया है, इसके लिए रोस्टर भी तैयार किया गया है, एक भी दिन कोई भी कर्मचारी पंचायत सरकार भवन में बैठकर कार्य का निपटारा नहीं करते हैं। जिसके कारण ग्रामीणों को साधारण कार्य के लिए भी प्रखंड मुख्यालय जमालपुर जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने गांव के अंदर विभिन्न विद्यालयों का जिक्र करते हुए कहा कि विद्यालय में शिक्षक तो है लेकिन बच्चों के अनुसार विद्यालय में कमरों का अभाव है। अगर बच्चों को विद्यालय में बैठने का समुचित जगह मिले तो पठन-पाठन का भी माहौल बेहतर होगा। इतना ही नहीं बच्चों को स्किल डेवलपमेंट के लिए स्थानीय स्तर पर कोर्स कराए जाने की व्यवस्था किया जाए, जिससे कि बच्चों में आत्मनिर्भरता का बोध हो सके। वहीं ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केन्द्र की सुविधा बढ़ाए जाने की वकालत की। साथ ही साथ स्वास्थ्य केन्द्र जाने वाले रास्ते को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।
इनकी भी सुनिए
गांव में पक्की नाली नहीं रहने से बीच सड़क पर ही नाली का गंदा पानी का निकासी हो रहा है। यहां तक कि घर के आगे पानी जमा रहने से लोगों को आवागमण में कठनाईयों का सामना करना पड़ता है। गांव में तुरंत पक्क ी नाले की व्यवस्था हो।
अमित सिंह
गांव में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्किल डेवलपमेंट की व्यवस्था हो। जिससे युवाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार आए तथा गांव से रोजगार के लिए युवाओं के पलायन पर रोक लग सके।
रवीश कुमार
इटहरी गांव में किसानों के लिए सिंचाई की समुचित व्यवस्था हो। यहां के किसानों की खेती भगवान भरोसे चल रही है। अगर सिंचाई की व्यवस्था मजबूत होती है तो किसानों के आर्थिक आय में सुधार आएगी।
सुधो मंडल
इटहरी गांव के 5 नंबर वार्ड में आंगनबाड़ी केद्र जाने का रास्ता नहीं रहने से बच्चों को आवागमण में परेशानी होती है। अतिक्रमण हटाकर बच्चों के आवागमन के लिए अविलंब रास्ते की व्यवस्था हो।
देवेन्द्र कुमार
किसानों को अविलंब बिजली कनेक्शन मिले, यह इटहरी गांव के किसानों की मुख्य समस्या है। ससमय बिजली कनेक्शन नहीं मिलने से किसानों को फसल छति का नुकसान उठाना पड़ता है।
सकलदेव कुमार
इटहरी गांव में शौचालय के लिए 260 लोगों ने आवेदन किया है। लेकिन अबतक लोगों को राशि नहीं मिलने से वंचित लोग शौच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं। हम सबों को शौचालय की राशि दिया जाए।
अनिल कुमार
इटहरी पंचायत सरकार भवन में रोस्टर के अनुसार कर्मचारी नहीं आने से लोगों को कागजात बनाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कर्मचारियों के नियमित ड्यूटी की व्यवस्था हो, जिससे लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र व अन्य कागजात समय पर बन सके।
सौरभ कुमार
इटहरी गांव में लगभग 3200 की आबादी है, तथा रोज सैकड़ों लोग अपने कार्य से सड़क मार्ग की यात्रा करते हैं। हाईवे पर जाने के लिए समुचित मार्ग नहीं रहने से बड़े वाहन प्रवेश नहीं कर पाते हैं। हाईवे पर जाने के लिए मुख्य मार्ग की व्यवस्था हो।
अरविंद कुमार
इटहरी गांव में पहाड़ी पानी को स्टॉक करने के लिए चेकडेम की व्यवस्था हो। चेकडेम नहीं रहने से सारा पानी गंगा नदी में बहकर व्यर्थ चला जाता है। जिससे किसानों को पटवन में परेशानी होती है।
भूपेश कुमार
गांव में स्वास्थ्य सुविधा का समुचित व्यवस्था हो। स्वास्थय सुविधा गांव में बेहतर नहीं रहने से प्रसव पीड़ा से ग्रसित रोगी का इलाज कराने में परेशानी होती है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देते हुए अविलंब बेहतर व्यवस्था के लिये प्रयास करना चाहिये।
इटहरी गांव के प्राथमिक विद्यालय में कमरे की समस्या है। मात्र दो कमरों में बच्चों की पठन-पाठन की व्यवस्था हो रही है। विद्यालय में कमरे की संख्या बढ़ जाने से बच्चों को पढ़ने में सुविधा होगी। तथा उसका भविष्य बेहतर हो सकेगा।
मंटू डोम
समाज की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में रोजगार की व्यवस्था हो। जिससे यहां के महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार आए। महिलाओं को विकसित किये बिना समाज का विकास ही संभव नहीं है। इस ओर विषेष ध्यान दिया जाना चाहिये।
सुनीता देवी
शौचालय की राशि नहीं मिलने से बहु-बेटियों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है। जल्द से जल्द हम सभी को शौचालय की राशि मिले जिससे खुले में शौच जाने पर रोक लग सके। और स्वच्छता का महौल बना रहे।
ममता
गांव में अतिक्रमण के कारण नाला नहीं बन पाया है। पानी का निकास नहीं रहने के कारण घर के सामने ही बीच सड़क पर गंदे पानी का बहाव होते रहता है। महज हल्की बारिश होने पर हमसबों के घरों में नाली का पानी प्रवेश कर जाता है। गांव में नाला का निर्माण हो जिससे इन परेशानियों से निजात मिल सके।
कंचन देवी
गांव में स्वास्थय सेवा बेहतर नहीं रहने से हल्की तबीयत खराब होने पर रोगी को लेकर जमालपुर या मुंगेर जाना पड़ता है। गांव में स्वास्थ्य सुविधा में सुधार हो, जिसके चलते लोगों को इलाज के लिए बाहर जाना नहीं पड़े।
किन्नु सिंह, मुखिया प्रतिनिधि
इटहरी के वार्ड नंबर 5 में आंगनबाड़ी केंद्र जाने के लिए रास्ते की व्यवस्था हो ताकि बच्चों को आने व जाने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। केन्द्र जाने का अतिक्रमित रास्ते को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए।
किरण देवी
बोले जिम्मेदार
जमालपुर प्रखंड की इटहरी गांव में विकास के कई कार्य कराए गए हैं। मुख्यमंत्री के संवाद कार्यक्रम के दौरान वहां तालाब सौंदर्यीकरण के साथ ही हेल्थ एंड वेलनस सेंटर सहित कई कार्य हुए हैं। इसके बाद भी अगर इटहरी में कुछ कार्य बांकी रह गया तो संबंधित विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर वहां की समस्याओं का सामाधान किया जाएगा। अतिक्रमण जैसी बातों को तो आपस में पहले बैठकर सुलझाना चाहिये। फिर भी अगर बात नहीं बनती है तो प्रशासनिक हस्तक्षेप से अतिक्रमण को हटाया जाएगा।
अजीत कुमार सिंह, डीडीसी, मुंगेर
शिकायत
1. शौचालय की राशि से इटहरी गांव के 260 लोग अब तक वंचित।
2. गांव में जल निकासी की बड़ी समस्या, लोगों को हो रही परेशानी।
3. गांव के किसानों के लिए समुचित सिंचाई की व्यवस्था नहीं।
4. आंगनबाड़ी केंद्र जाने का रास्ता हो गया है अतिक्रमण का शिकार।
5. इटहरी गांव में हो बेहतर चिकित्सा की सुविधा।
सुझाव
1. इटहरी गांव में शौचालय की राशि से वंचित 260 परिवारों को मिले अविलंब राशि।
2. इटहरी गांव में जल निकासी की समस्या से लोगों को मिले निजात।
3. इटहरी गांव के किसानों के लिए सिंचाई की हो समुचित व्यवस्था।
4. आंगनबाड़ी केंद्र जाने वाली रास्ता को किया जाए अविलंब अतिक्रमण मुक्त।
5. इटहरी गांव में हो बेहतर चिकित्सा की सुविधा।
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