Farmers Demand Cold Storage and Market Facilities to Boost Vegetable Production in Patouna बोले जमुई; सब्जियों के भंडारण व सरंक्षण का सरकारी स्तर पर हो प्रबंध, Katihar Hindi News - Hindustan
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बोले जमुई; सब्जियों के भंडारण व सरंक्षण का सरकारी स्तर पर हो प्रबंध

पतौना गांव के किसानों ने सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कोल्ड स्टोरेज और सब्जी मंडी की मांग की है। 175 एकड़ भूमि पर सब्जी की खेती होती है, लेकिन उचित भंडारण के अभाव में किसान लाभ नहीं उठा पा रहे...

Newswrap हिन्दुस्तान, कटिहारTue, 17 June 2025 08:56 PM
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बोले जमुई; सब्जियों के भंडारण व सरंक्षण का सरकारी स्तर पर हो प्रबंध

प्रस्तुति: राकेश कुमार सिंह किसानों को मिले सुविधाएं और प्रशिक्षण तो पतौना बन सकता है सब्जी उत्पादन केंद्र का हब। किसानों ने भंडारण के लिए कोल्ड स्टारेज तथा सब्जी मंडी बनाए जाने की मांग वर्षों से करती आ रही है। पतौना गांव के 175 एकड़ में सब्जी की खेती होती है। यहां के किसान अपनी मेहनत से सब्जी के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा उदाहरण बना हुआ है। किसानों का कहना है कि जैविक खेती और आन लाइन बाजार को बढ़ावा मिले तो किसानों के लिए भी राहत की खबर होगी। इससे किसानों को पैदावार करने में भी आनंद आएगा। प्रखंड के बरियारपुर पंचायत का पतौना गांव, सब्जी खेती के रूप में अपनी पहचान बना चुका है।

पतौना गांव के लगभग 400 घरों में 250 घर सब्जी की खेती पर निर्भर है । आप कह सकते हैं कि सब्जी की खेती यहां के किसानों की मुख्य आजीविका है। यहां के किसान सालों भर सीजनल सब्जी की खेती करते हैं जिसमें मुख्य रूप से गोभी, टमाटर, भिंडी,नेनुआ, करेला,लौकी, खीरा, बैगन,सतपुतिया,झींगा आदि मुख्य है। यहां लगभग 350 एकड़ में लगभग 175 एकड़ जमीन पर सालों भर सब्जी की खेती होती है। यहां के उपचाई सब्जी मुख्य रूप से जमुई शहर,मलयपुर, गिद्धौर,खैरा, कटौना आदि बाजारों में सालों भर बिकते हैं। किसान सुदामा मंडल महेंद्र साह,शंकर साह, साकिन्द्र साह, गुड्डन साह,मुसो मंडल, अरविंद मंडल, बुंदेली यादव,रेखा देवी,रानी देवी सहित दर्जनों किसान बताते हैं कि दिन भर सपरिवार की मेहनत के बल एक कट्ठा खेती पर 6 हजार रुपए की आमदनी हो जाती है जो पर्याप्त नहीं है। किसानों ने बताया कि उन लोगों को सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं भी नहीं मिलती है। सरकारी सुविधाओं पर बिचौलिए हावी रहते हैं। चूंकि हमलोगों के गांव एवं आसपास का किसान सलाहकार नहीं है जिस कारण सरकारी सुविधाओं की जानकारी नहीं मिल पाती है। किसानों ने बताया कि यदि उन लोगों को वैज्ञानिक तरीके की खेती व प्रशिक्षण सहित बाजार उपलब्ध हो जाए तो पतौना गांव सब्जी उत्पादन केंद्र के रूप में जिले ही नहीं बल्कि सूबे में भी अपना स्थान बना सकता है। किसानों के लिए यदि सरकार सुलभ तरीके से बैंक से कृषि ऋण दिलाए तो यहां के किसान व्यावसायिक तरीके से सब्जी की खेती कर मोटी कमाई से सकते हैं तथा यहां के किसान स्वरोजगार का सृजन कर लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा सकते हैं। किसानों को यदि ऐसी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाए तो सब्जी मंडी के रूप में पतौना गांव एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है। किसानों ने कहा कि यहां प्रतिदिन लगभग 20 क्विंटल सब्जी जमुई,मलयपुर व अन्य जगहों पर जाती है। कोल्ड स्टोरेज नहीं रहने के कारण यहां के किसान सब्जी को जमा नहीं रख पाते हैं जिस कारण उनको उचित मुनाफा नहीं मिल पाता है। यहां किसानों ने सरकार से सब्जी खराब नहीं हो इसके लिए कोल्ड स्टोरेज बनाए जाने की मांग की है। यह सुविधाएँ किसानों को बेहतर उत्पादन और बिक्त्री के लिए आवश्यक संसाधनों को प्राप्त करने में मदद करेगी, जिस कारण पतौना गांव सब्जी मंडी के रूप में एक महत्वपूर्ण बाजार बन सके। किसानों ने पतनेश्वर चौक एवं उसके आसपास जिला प्रशासन से सब्जी मंडी बनाए जाने की मांग की है ताकि यहां की सब्जी जिला ही नहीं बल्कि उसके बाहर भी भेजी जा सके। इसके साथ ही किसानों ने जिला प्रशासन से किसानों के लिए सुलभ बाजार उपलब्ध कराने की बात कही है ताकि किसान अपनी आमदनी में इजाफा कर सके। किसानों को जिला प्रशासन से समय-समय पर उन्नत खेती की तकनीक के लिए प्रशिक्षण दिलाने की बात कही है। इसके साथ ही कुशल खेती के तरीकों जैसे बेहतर बीज, उर्वरक, सिंचाई प्रणाली और कीट नियंत्रण के बारे में विशेष जानकारी देने की बात कही है ताकि किसान अपनी फसल को आसानी से कीड़े मकोड़े से बचा सके । इनकी भी सुनिए किसान सुदामा मंडल कहते हैं कि यहां किसानों के सब्जी भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाया जाए ताकि यहां के किसान सब्जी उत्पादन कर कोल्ड स्टोरेज में रख सकें तथा सालों भर सब्जी को बाजार में बेच सके। इससे किसानों की आमदनी में इजाफा होगा। सुदामा मंडल आज की खेती महंगा व व्यावसायिक हो गई है। इसलिए किसानों को सब्जी उत्पादन के लिए सस्ते दर पर ऋण की सुविधा मिले ताकि किसान महाजन के चंगुल में न फंसे। महेन्द्र साह सरकार हर किसानों के लिए उनके खेत में बोरिंग कराए ताकि किसानों को पानी के लिए नहीं भटकना पड़े। रूवेन्द्र मंडल कृषि विभाग किसानों के लिए खाद बीज मुफ्त या सब्सिडी पर उपलब्ध कराए ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके और वो खेती से जुड़े रहे। शंकर साह किसानों के लिए जिला प्रशासन सब्जी मंडी बनाए ताकि किसानों को उत्पादन के बाद भटकना नहीं पड़े और उन्हें उचित दाम मिल सके। गुड्डन साह किसान संजय मंडल कहते हैं कि कृषि कार्य के लिए सरकार किसानों का बिजली बिल माफ करे ताकि किसानों पर किसी तरह का दवाब न हो और वो खुलकर खेती कार्य में भाग लें। संजय मंडल मजदूर रामधन मांझी कहते हैं कि सब्जी खेती में ही वो सालों भर मजदूरी करते हैं। यदि किसानों की आमदनी बढ़ेगी तो उन लोगों की भी आमदनी बढ़ेगी। रामधन मांझी उन्होंने कहा कि बचपन से सब्जी खेती करते आ रहे हैं किन्तु उन लोगों की आमदनी नहीं बढ़ पाई है। उनकी आमदनी भी बढ़े इसलिए सरकार द्वारा सब्जी खेती का मूल्य निर्धारण किया जाए। अमरिक मांझी खेती को छोड़ कहीं नहीं जा पाते हैं जिस कारण बीज लाहर, मसूर, चना नहीं मिल पाता है। किसानों के खेतों तक बीज पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। परशुराम मंडल सुबह से शाम तक खेती कार्य में लगे रहते हैं बावजूद दो वक्त की रोटी से ज्यादा नहीं हो पाता है। जिस कारण खेती काम से किसान विमुख होने लगे हैं। किसानों के लिए सरकार समय-समय पर कोई योजना चलाए, जिसका फायदा सही किसानों को मिल सके। रेखा देवी किसान सलाहकार सही किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं देता है। जिस कारण हम किसान सरकारी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं। दलाली प्रथा पर लगाम लगे। रानी देवी किसानों के लिए सरकार उनके खेतों व सड़क किनारे शेड निर्माण कराए ताकि सर्दी, गर्मी व बरसात के दिनों में किसान थोड़ी देर आराम कर सकें। अरविंद मंडल सब्जी खेती ही उनकी आजीविका का साधन है। सब्जी का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है जिसका अफसोस है। राम साह आज की खेती में पूंजी अधिक व मुनाफा कम होता है। जिस कारण आज के युवा खेती काम से विमुख होने लगे हैं। खेती कार्य को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित करे। मल्हु यादव किसान नवीन मंडल कहते हैं कि हर किसानों को उनका उचित हक मिले। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग उनके फसलों को प्रदर्शनी में लगाए ताकि किसानों का हौसला बढ़ सके। नवीन मंडल किसान दया देवी कहती है कि उनके बच्चे सब्जी की खेती करते हैं और वह बाजार जाकर बेच परिवार का गुजारा करती हैं। सरकार बुजुर्ग किसानों को प्रोत्साहित राशि दे। दया देवी बोले जिम्मेदार इस संबंध में जिला उद्यान पदाधिकारी शिवाजी हेम्ब्रम कहते हैं कि सब्जी किसानों के लिए शीघ्र ही सरकार सब्जी विकास योजना लागू कर रही है। इसके द्वारा किसानों को प्लांटिंग मेटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने किसानों के बीच शीघ्र जाने की बात कही है। सरकार स्तर पर जो भी संभव है सब्जी उत्पादकों की मदद दी सकती है। शिकायत कच्ची सब्जियों, फलों के भंडारण, संरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। कुछ दिनों में खराब हो जाती है। उत्पादों के निर्माण, पैकेजिंग के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है। कच्ची सब्जियों को दूसरे बड़े शहरों में भेजने के लिए वातानुकुलित सेवा उपलब्ध नहीं। धान, गेंहू आदि फसलों की तरह गोभी का कोई न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं। कच्ची सब्जियों के लिए कोल्ड स्टोर की जिले में कोई व्यवस्था नहीं है। सुझाव सब्जियों के भंडारण, सरंक्षण का सरकारी स्तर पर प्रबंध किया जाए। गोभी के अचार, सुखौटा सहित अन्य उत्पादों के निर्माण, पैकेजिंग के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। बीज उत्पादन, विक्रय के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया सरल किया जाए। सरकारी स्तर पर खरीदा जाए। गेंहू, धान अन्य फसलों की तरह गोभी का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाए। कच्चे सब्जियों को दूसरे बड़े शहरों में भेजने के लिए रियायती दर पर वातानुकुलित वाहन की व्यवस्था हो।

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