एक स्कूल में एक ही बीमार शिक्षक रहेंगे
एक स्कूल में एक ही बीमार शिक्षक रहेंगे एक स्कूल में एक ही बीमार शिक्षक रहेंगेएक स्कूल में एक ही बीमार शिक्षक रहेंगेएक स्कूल में एक ही बीमार शिक्षक रहे

कटिहार, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। कटिहार समेत राज्य भर के सरकारी स्कूलों में असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों के ट्रांसफर की प्रक्रिया पहले चरण में जारी है, लेकिन इस व्यवस्था को लेकर शिक्षक समुदाय में मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। दरअसल, सरकारी सॉफ्टवेयर में ऐसी व्यवस्था की गई है, जिससे एक ही स्कूल में सिर्फ एक बीमार शिक्षक का ही पदस्थापन हो पा रहा है। जैसे ही एक शिक्षक का ट्रांसफर उस विद्यालय में होता है, शेष खाली पद सॉफ्टवेयर द्वारा लॉक कर दिए जाते हैं। इस व्यवस्था का उद्देश्य यह बताया गया है कि एक ही स्कूल में दो-तीन अस्वस्थ शिक्षक न भेजे जाएं, ताकि शिक्षण व्यवस्था पर असर न पड़े।
लेकिन इस तकनीकी बाध्यता के कारण कई योग्य और जरूरतमंद शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं हो पा रहा है। अब तक 20 फीसदी शिक्षकों का ट्रांसफर इसी वजह से लंबित है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हुई समीक्षा वीसी (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) में जब इस समस्या की समीक्षा हुई, तो सामने आया कि एक शिक्षक का ट्रांसफर पूरा हुए बिना अगले शिक्षक का नाम सॉफ्टवेयर में सक्रिय नहीं हो रहा है। इससे पूरी प्रक्रिया धीमी और जटिल हो गई है। बताते चलें कि ट्रांसफर नीति में एक नया प्रावधान यह भी जोड़ा गया है कि जिस जिले से जितने शिक्षकों का स्थानांतरण होता है, उनकी रिक्तियां सार्वजनिक की जा रही हैं, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। हालांकि यह प्रक्रिया भी काफी धीमी गति से आगे बढ़ रही है। शिक्षक संघ ने उठाया मामला अब तक कटिहार जिले में सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों का ट्रांसफर और पदस्थापन हो चुका है। लेकिन डेढ़ हजार से अधिक शिक्षकों का ट्रांसफर अभी बाकी है। शिक्षक संगठनों के जिला महासचिव रितेश आनंद ने मांग की है कि सॉफ्टवेयर की तकनीकी बाध्यता को लचीला बनाया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों को समय पर राहत मिल सके।
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