Concerns Over Durability of Newly Repaired Road in Beldaur तिलाठी-सकरोहर आरईओ सड़क हुई चकाचक, गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल, Khagaria Hindi News - Hindustan
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तिलाठी-सकरोहर आरईओ सड़क हुई चकाचक, गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल

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Newswrap हिन्दुस्तान, खगडि़याFri, 6 June 2025 03:48 AM
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तिलाठी-सकरोहर आरईओ सड़क हुई चकाचक, गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल

बेलदौर, एक संवाददाता। प्रखंड के पीडब्ल्यूडी सड़क से तिलाठी चौक से सकरोहर मधेपुरा जिला के सीमा तक जाने वाली सड़क चकाचक तो हो गई, लेकिन ऐसा कितने दिनों तक रह पाएगा। इस पर ग्रामीण संदेह व्यक्त कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि छह किलोमीटर से अधिक यह आरडब्ल्यूडी सड़क गत पांच वर्षों से जर्जरावस्था में थी। इस सड़क से आवागमन में हो रही परेशानी को देखते हुए पिछले वर्ष 22 जुलाई 2024 को 9 करोड़ 22 लाख रुपये के लागत से इस सड़क में अनुरक्षण का कार्य प्रारंभ करवाया गया था, जो कि अब तक लगभग 75 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा कर लिया गया है, लेकिन सड़क के फ्लैंक में मिट्टी नहीं दिए जाने एवं प्राक्कलन के मुताबिक सड़क निर्माण कार्य नहीं किए जाने से सड़क के सालों भर स्थायित्व रहने पर कई तरह के प्रश्न खड़ा हो रहा है।

सड़क से लाभान्वित होने वाले लोगों को के मुताबिक बनाई गई यह सड़क तो वर्तमान समय में सूखे के मौसम में ठीक है, लेकिन वर्षा एवं बाढ़ के मौसम में सड़क खराब होने के वे प्रबल संभावना व्यक्त कर रहे हैं। संदेह व्यक्त करने वालों के मुताबिक गांव में बनाई गई सड़क में पहली बार पीसीसी सड़क का प्रावधान किया गया है। लेकिन इसमें प्रयुक्त मेटेरियल निम्न कोटि के होने एवं मोटाई कम दिए जाने से इसके जल्दी ही क्षतिग्रस्त हो जाने की संभावना अधिक है। इसके साथ ही गांव में बनी सड़क पर वर्षा का पानी के निकासी के लिए नाला निर्माण कार्य नहीं करवाए जाने से समस्या पैदा होने की प्रबल संभावना उत्पन्न हो गई है। ऐसी आशंका व्यक्त करने वालों लोगों के मुताबिक गांव में सड़क के दोनों किनारों पर बसी आबादी के वर्षा का पानी का निकासी का मुख्य स्रोत सड़क ही बनता है। जिससे सड़कों पर जलजमाव हो जाएगा एवं सड़क खराब होने लगेगी। कन्वेंशनल तरीके से बनाई गई इस सड़क की चौड़ाई 12 फीट 4 इंच से बढ़ाकर 18 फीट चौड़ाई कर दी गई है। सड़क में जल निकासी के लिए तीन जगहों पर पुलिया एवं कल्वर्ट का निर्माण कार्य किया गया है। वर्तमान समय में इस पर 9 टन क्षमता के वाहनों के आवागमन के हिसाब से इसका निर्माण कार्य करवाया गया है, जबकि सड़क के उपयोगिता को देख कर ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है एवं इससे अधिक क्षमता लोड लेने वाले वाहनों की आवाजाही हो रही है। सड़क के मिडिल मे एक राइस मिल के संचालन किए जाने से इस पर रोक लगा पाना भी संभव नहीं है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक सड़क के उपयोगिता के हिसाब से विभाग के वरीय अधिकारियों के द्वारा इसके निर्माण की उस हिसाब से स्वीकृति नहीं दी गई है। जिस तरह से इस पर लोडेड वाहनों की आवाजाही हो रही है उस हिसाब से सड़क निर्माण में जेएसबी एवं बीएम का तकनीकी प्रावधान किए जाने का नियम है जो कि नहीं किया गया है। इस वजह से सड़क के जल्द खराब होने की आशंका उत्पन्न हो गई है। बोले अधिकारी: सड़क को आरसीडी सड़क में प्रोन्नति करने की सिफारिश विभागीय स्तर पर की जा रही है। वर्तमान समय में नौ टन से अधिक क्षमता वाले वाहनों की आवाजाही हो रही है। इस पर रोक लगाने की जिम्मेवारी जिला प्रशासन के पास है। राधारमण प्रसाद सिंह, एसडीई आरडब्ल्यूडी प्रमंडल गोगरी।

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