बायपास सड़क निर्माण के लिए समाधान निकालने का शुरू हुआ प्रयास
ठाकुरगंज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान बाइपास सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली थी, लेकिन अब इस पर ग्रहण लग सकता है। पंचायत सरकार भवन निर्माण कार्य बाइपास सड़क के एलाइनमेंट में आ...

ठाकुरगंज, एक संवाददाता। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा के दौरान ठाकुरगंज को मिली बाइपास सड़क निर्माण पर ग्रहण लग सकता है। जब की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा बाईपास सड़क की स्वीकृति व राशि मुख्यमंत्री के जिले के प्रगति यात्रा के दौरान बाइपास सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली थी। फिलहाल बाइपास सड़क निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण के साथ टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। कटहलडांगी से घर्मकांटा तक बनने वाली बाइपास सड़क के लिए लगभग 39 करोड़ 58 लाख की राशि से दस मीटर चौड़ी दो लेन सड़क का निर्माण होना है। लेकिन फोरलेन के हिसाब से सड़क के मध्य से दोनो ओर 40 -40 फीट भूमि-अधिग्रहण का कार्य शुरू है। बाइपास निर्माण की स्वीकृति के बाद ही पथ निर्माण विभाग द्वारा पंचायत सरकार भवन निर्माण को रोकने की बात भवन निर्माण को कही गई थी। लेकिन बात नहीं बनने पर फरवरी माह में भवन निर्माण विभाग संग डीएम को पत्राचार करके काम रूकवाने हेतु आग्रह किया गया था। लेकिन पत्राचार के बाद से ही पंचायत सरकार के कार्य में तेजी आने व प्रथम तल्ले की ढलाई की संभावना को देखते हुए मामला जोर पकड़ने पर समाधान हेतु दोनो विभागों के वरीय अधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण किया । फिलहाल पंचायत सरकार भवन का कार्य प्रगति पर है।
विभागीय उदासीनता के कारण भवन निर्माण विभाग के तीन करोड़ पांच लाख राशि से निर्माणाधीन कनकपुर पंचायत भवन पर भी सवाल उठने लगा है। क्योकि जिस स्थल पर पंचायत सरकार भवन का टेंडर के माध्यम से निर्माण हो रहा है वो स्वीकृत बाइपास सड़क के एलाईमेंट में आ रही है। जिस पर डीएम के आदेश के आलोक में निर्माण कार्य पर रोक लगी हुई है। जबकि पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य प्रथम तला के छत ढलाई तक हो चुका है। अब सवाल यह उठता है कि संवेदक द्वारा खर्च किए गए राशि की देनदारी किसकी होगी। भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ओमप्रकाश व पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता शैलेश कुमार के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने गुरुवार को संध्या समय स्थल का निरीक्षण किया है। अधिकारियों की टीम ने कहा कि समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है? भूमि चयनित करके ठाकुरगंज अंचल द्वारा दी गई थी। ले आऊट भी पंचायत सरकार भवन का अंचल अमीन द्वारा चिन्हीत व नापी करके देने के बाद आरंभ किया था। इस संबंध में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता शैलेश कुमार ने बताया कि पंचायत सरकार भवन के निर्माण काल से ही कार्य रूकवाने हेतु भवन निर्माण से आग्रह संग पत्राचार किया गया था। जब पंचायत सरकार भवन का कार्य आरंभ हुआ था तभी से बाइपास एलाइनमेंट पर निर्माण को लेकर विरोध जताते हुए भवन निर्माण विभाग से पत्राचार किया गया था। लेकिन काम नहीं रूकने पर डीएम से पत्राचार करके काम रुकवाने का आग्रह किया गया था। अंचल कार्यालय से जमीन चिह्नित व अमीन द्वारा जमीन नापी करके ले आऊट किया गया था। भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ओमप्रकाश ने बताया कि पंचायत सरकार भवन बनाने हेतु ठाकुरगंज अंचल द्वारा जमीन चिह्नित करके दी गई थी। ले आऊट पूर्व अंचल अमीन द्वारा भूमि नापी के बाद ले आउट किया गया था। जबकि हमलोग उक्त स्थान से आगे की भूमि पर पंचायत सरकार भवन बनाना चाहते थे। विभागीय अधिकारियों के बैठक करके समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है। ठाकुरगंज सीओ सुचिता कुमारी ने बताया कि पूर्व के सीओ द्वारा पंचायत सरकार भवन हेतू भूमि चिन्हीत करके भेजा गया था। उक्त जमीन बिहार सरकार की है अन्य की यह जांच के बाद ही बताई जा सकती है।
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