जल्द मिलेगी मेडिकल कॉलेज की सौगात: मंत्री
लखीसराय में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ललन सिंह की अध्यक्षता में दिशा जिला विकास समन्वय समिति की बैठक हुई। बैठक में मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति संतोषजनक पाई गई। ललन सिंह ने मेडिकल...

लखीसराय, एक प्रतिनिधि। समाहरणालय स्थित मंत्रणा कक्ष में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री सह स्थानीय सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को दिशा जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में क्रियान्वित विभन्नि केंद्र प्रायोजित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा-नर्दिेश दिए गए। बैठक में ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं यथा मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की उपलब्धि संतोष जनक पाई गई। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा लखीसराय में भी मेडिकल कॉलेज खोलने का मामला रखा गया है। इन्होंने डीएम से इसके लिए पर्याप्त 20 एकड़ जमीन चह्निति कर उपलब्ध रखने का नर्दिेश दिया। केंद्रीय ग्रामीण विकास योजनाओं की चर्चा में कहा कि समीक्षा में वत्तिीय वर्ष 22- 23 एवं 24 -25 मे गांव गरीबों से जुड़े मनरेगा मामले में लखीसराय की अच्छी उपलब्धि है जबकि वृक्षारोपण में भी काफी उन्नत रहा है। वृक्षारोपण में शिकायत पर जांच कर डीएम को एजेंसी पर कार्रवाई के लिए नर्दिेशित किया है। सांसद ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि लखीसराय जिले में केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी लिया आम जनता से संबंधित कई क्षेत्रों में उपलब्धि बहुत अच्छी रही है। मनरेगा, जो गरीबों को रोजगार देने से संबंधित है, उसमें वत्तिीय वर्ष 2022-23 में 94.08 प्रतिशत और 2024-25 में 175.73 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हुई है। हरियाली और पर्यावरण से संबंधित क्षेत्र में 2023-24 में 122.89 प्रतिशत और 2024-25 में 122.10 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हुई है। कई स्थानों पर कागजों पर हरियाली दिखाई गई है, इसलिए जिला पदाधिकारी को यह जांच करने को कहा गया है कि जमीन पर असली हरियाली है या नहीं। अगर जमीनी सच्चाई में अंतर पाया, तो जांच के बाद एजेंसी पर मामला दर्ज किया जाएगा और कार्रवाई होगी। पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत लखीसराय में 36,528 लोगों को पेंशन दी जा रही है। विधवा पेंशन योजना के तहत 3,786 लाभार्थियों को सहायता मिल रही है। जबकि 9747 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित करने के लिए चयन किया गया है। बैठक में सूर्यगढ़ा विधायक प्रह्लाद यादव, जिप अध्यक्ष अंशु कुमारी, नप सभापति अरविंद पासवान, एसपी अजय कुमार, एडीएम सुधांशु शेखर, डीडीसी सुमित कुमार, डीटीओ मुकुल पंकज मणी, एसडीएम चंदन कुमार, एसडीपीओ शिवम कुमार, डीआरडीए निदेशक सह डीपीआरओ नीरज कुमार आदि उपस्थित थे।
बालू के अवैध खनन और परिवहन पर सख्ती के नर्दिेश: सांसद ने आयुष्मान भारत योजना के तहत कार्ड वितरण और अस्पतालों में इसकी सुविधा की अद्यतन स्थिति की भी जानकारी ली। डीएम ने बताया कि 24 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायती राज दिवस के अवसर पर जिले के कुल 9747 आवास योजना के लाभुकों को प्रथम कस्ति दी जाएगी। कृषि विभाग के अंतर्गत टपक सिंचाई प्रणाली की प्रगति अच्छी पाई। जिला पदाधिकारी ने नर्दिेश दिया कि टपक प्रणाली से लाभान्वित किसानों की सक्सेस स्टोरी बनाकर प्रचार-प्रसार करें। शक्षिकों की उपलब्धता के बारे में बताया कि टीआर थ्री के अंतर्गत चयनित 537 शक्षिकों की शीघ्र ही नियुक्ति होगी। अवैध बालू खनन एवं अवैध बालू ढुलाई के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का डीएम को नर्दिेश दिया गया।
24 अप्रैल को आएंगे पीएम: 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मधुबनी आ रहे हैं और उसी दिन सभी लाभार्थियों को बटन दबाकर राशि ट्रांसफर की जाएगी। ग्राम स्वराज प्रशक्षिण कार्यक्रम में भी अच्छा प्रदर्शन है, वर्ष 2024 में 101.60 प्रतिशत और एक अन्य आंकड़े में 141.42 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की है। अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक योजना की लाभान्वितों तक सुलभता और पारदर्शिता सुनश्चिति होनी चाहिए।
डीएनबी स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की पढ़ाई शुरू नहीं: लखीसराय। मिशन 60 डेज के तहत लगभग दो वर्ष पूर्व गर्भवती व प्रसूता महिला को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सदर अस्पताल में डीएनबी स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की पढ़ाई का नर्णिय लिया गया था। सदर अस्पताल में आवश्यकतानुसार दो से छह चिकत्सिक जो गायनी के विषय में एमबीबीएस की पढ़ाई पूर्ण कर चुके हैं।
वद्यिार्थी के रूप में चिकत्सिकों को पीजी कर चुके चिकत्सिक से शक्षिक के रूप में जिला या सदर अस्पताल में रहकर थ्योरी और प्रैक्टिकल की पढ़ाई करनी होती है। एमबीबीएस होने के कारण उसका सीधा लाभ अस्पताल के मरीजों को मिलता है। मिशन 60 डेज के दौरान स्थानीय सदर अस्पताल में स्टेट एवं नेशनल चिकत्सिकों की टीम ने डीएनबी स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ से संबंधित पढ़ाई की अर्हता पूर्ण होने की बात कह नामांकन को स्वीकृति भी दी थी। राज्य स्वास्थ्य समिति व स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण अभी तक सदर अस्पताल में डीएनबी स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ की पढ़ाई को लेकर पहल नहीं हो सकी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मानें तो डीएनबी की पढ़ाई होने से मरीज को लाभ मिलता। अस्पताल में पूर्व की अपेक्षा नॉर्मल एवं सिजेरियन संस्थागत प्रसव की संख्या में 10 गुना से भी अधिक की बढ़ोतरी सुनश्चिति हो जाती है। जिसका मुख्य कारण डीएनबी करने वाले चिकत्सिक के 24 घंटे की उपस्थित मानी जाता है।
अस्पताल में संस्थागत प्रसव की संख्या अनुकूल: डीएस डॉ राकेश कुमार एवं प्रबंधक नंदकिशोर भारती ने बताया कि डीएनबी की पढ़ाई के लिए सदर अस्पताल में प्रोफेसर के रूप में दो स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. हरप्रियिा एवं डा. रूपा सिंह उपलब्ध हैं। अहर्ता के अनुकूल दोनों चिकत्सिक तीन वर्ष के पीजी के साथ पांच वर्ष का अनुभव भी हासिल किया है। वहीं अन्य अहर्ता में सदर अस्पताल में होने वाले संस्थागत प्रसव की संख्या भी अनुकूल है। स्टेट एवं नेशनल टीम ने लेबर और ओटी वार्ड में खामियों को दूर करने का नर्दिेश दिया था जिसे पूरा कर लिया है। नामांकन व पढ़ाई को लेकर गाइडलाइन नहीं मिलने की बात बताई।
अस्पताल में जलसंकट, आने वाले परेशान: बड़हिया, एक संवाददाता। नगर स्थित रेफरल अस्पताल परिसर में मौजूद खराब चापाकल लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है। लंबे समय से खराब पड़े चापाकल को कुछ दिन पूर्व ही मरम्मत के बाद चालू किया गया था।
जो दो दिन बाद ही फिर से खराब हो गया। अस्पताल में लगा आरओ भी महीनों से खराब पड़ा है। अस्पताल के कर्मियों और आने जाने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है। मरीजों के परिजनों का कहना है कि उन्हें या तो घर से पानी लाना पड़ता है या फिर मजबूरी में बाजार से बोतल बंद पानी खरीदना पड़ता है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन द्वारा मोटर चलित पेयजल सुविधा उपलब्ध कराई गई है, लेकिन वह प्रसव वार्ड के अंदर स्थित होने के कारण वहां तक पहुंचने में लोगों को असुविधा होती है। इस कारण अधिकांश लोग इस सुविधा का उपयोग करने से हिचकते हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन बुनियादी सुविधाओं को लेकर गंभीर नहीं है। वहीं हाल ही में एडीएम के नेतृत्व में जिला स्तर पर आयोजित बैठक में सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त करने के नर्दिेश दिए गए थे। इसके बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जल्द ही अस्पताल को नवनर्मिति भवन में स्थानांतरित होना है। जहां समुचित पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी।
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