प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा
लखीसराय के दामोदरपुर पंचायत की महिलाएं संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता दे रही हैं। 2024-2025 में 406 संस्थागत प्रसव कराए गए, जबकि केवल 21 घर में हुए। स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक कर रहा है कि सुरक्षित...

लखीसराय। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने में दामोदरपुर पंचायत की महिलाएं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को पहली प्राथमिकता दे रही है। जब किसी दंपती के घर नवजात का जन्म होने वाला होता है। तो उनके परिवार के सदस्य सोचते रहते हैं कि बच्चे के साथ जन्म देने वाली मां भी सुरक्षित रहे। इसके लिए जरूरी है संस्थागत प्रसव जो सबसे सुरक्षित प्रसव है। सीएस डॉ बीपी सन्हिा ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के दामोदरपुर पंचायत के लोग इस बात को भली-भांति समझ रहे हैं। जो प्रसव घर में कराए जाते हैं उसमें हर तरह का खतरा रहता है। बच्चे के साथ मां की भी जान जा सकती है। जिसका परिणाम है कि अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक कुल 406 संस्थागत प्रसव कराया गया है। 21 प्रसव ही घर में कराया गया। स्वास्थ्य विभाग की पूरी कोशिश है कि सभी सरकारी संस्थान में ही प्रसव कराएं। जब भी आशा गृह-भ्रमण करती है तो वो लोगों को संस्थागत प्रसव के बारे में जागरूक करते हुए बताती है कि संस्थागत प्रसव को छोड़कर गृह-प्रसव को अपनाएंगे तो हर तरह का नुकसान हो सकता है। प्रसव के दौरान जटिलता या आपातकालीन स्थिति में तत्काल चिकत्सिा सहायता नहीं मिल सकती है। बच्चे एवं जन्म देने वाली मां को संक्रमण का खतरा, जन्म के समय बच्चे को सांस लेने में कठिनाई या अन्य परेशानी हो सकती है।
सरकारी स्वास्थ्य संस्थान सुरक्षित प्रसव के लिए होते: सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में प्रसव के लिए जाते हैं तो वहां प्रशक्षिति डॉक्टर-नर्सों की देखरेख में सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। जहां प्रसव के दौरान कोई जटिलता उत्पन्न होती है जैसे कि रक्तस्राव या शिशु के दबाव, तो तुरंत उपचार उपलब्ध होते हैं। घर से अस्पताल तक आने-जाने के लिए निःशुल्क एम्बुलेंस की सुविधा भी मिलती है। इसलिए संस्थागत प्रसव को अपनाना जरूरी है।
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