Challenges Faced by Hotel Owners in City Water Scarcity and High Prices होटलों को मिले पेयजल, नियमित हो सफाई तो कारोबार के बढ़ेंगे अवसर, Madhubani Hindi News - Hindustan
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होटलों को मिले पेयजल, नियमित हो सफाई तो कारोबार के बढ़ेंगे अवसर

शहर में 200 से अधिक होटल हैं, जो आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण हैं। होटल मालिक बुनियादी सुविधाओं की कमी, जैसे साफ पानी और सफाई, से परेशान हैं। महंगाई और घटते कारीगरों की समस्या भी है। सरकार से उचित...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीMon, 28 April 2025 06:56 PM
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होटलों को मिले पेयजल, नियमित हो सफाई तो कारोबार के बढ़ेंगे अवसर

 

शहर में दो सौ से अधिक छोटे-बड़े ऐसे होटल हैं, जहां लोगों को पसंद का भोजन कराया जाता है। इन होटलों से प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से करीब पांच हजार लोग जुड़े हैं। शहर के आर्थिक विकास व लोगों को रोजगार देने की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण सेक्टर हैं। इसके साथ ही इन होटलों से जुड़े कारोबारियों को कई चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। इनका कहना है कि निगम प्रशासन उन्हें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल है। होटल कारोबारियों का कहना है कि उन्हें होटलों में उपयोग के लिए साफ पानी तक नहीं मुहैया कराया जाता है। अगल-बगल के नालों को साफ नहीं कराया जाता है। इसके कारण होटलकर्मियों के साथ ग्राहकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जलजमाव की स्थिति ऐसी है कि थोड़ी सी बारिश होने पर भी कई होटलों में पानी घुस जाता है।

होटल कारोबार से जुड़े शहर के किशोरी चौधरी, शिवशंकर राय, मनीष गुप्ता, नारायणजी साह, सोनू साह, शिवशंकर प्रसाद का कहना है कि उन्हें सरकार द्वारा न तो पेयजल की सुविधा दी जा रही है और न साफ-सफाई की व्यवस्था। इसके अलावा होटल में काम करने वाले कर्मियों को आयुष्मान हेल्थ कार्ड व पारिवारिक पेंशन की सुविधा भी नहीं दी जा रही है। स्टेशन रोड के होटल मालिक सुरेश चन्द्र चौधरी एवं पप्पू महतो ने बताया कि आज के दौर में होटल चलाना चुनौतियों से भरा काम हो गया है। चावल, दाल व सब्जी के बढ़ते दाम का असर होटल कारोबार पर पड़ता है। सरकार द्वारा न तो पेयजल की सुविधा प्रदान की जा रही है और न नाले की सफाई। ऐसे में परेशानी को समझा जा सकता है। सरकार को छोटे होटल संचालकों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए बैंक के माध्यम से समय समय पर कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराना चाहिए। होटल मालिकों और वहां पर काम करने वाले कर्मियों को इंश्योरेंस, आयुष्मान कार्ड, सामाजिक सुरक्षा पेंशन आदि की सुविधा मिलनी चाहिए ताकि इस कारोबार से जुड़े लोग भी सम्मान के साथ रह सकें। होटल के समीप नियमित रूप से नाले की सफाई, होटल के बाहर रोड पर नियमित झाड़ू लगाने की व्यवस्था के साथ नलजल की व्यवस्था करनी चाहिए। होटल के बाहर साफ-सफाई अच्छी रहेगी तो ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी। इससे कारोबार भी बढ़ेगा और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बेहतर होगा।

महंगाई से परेशानी : होटल मालिकों ने बताया कि पिछले लंबे समय से होटलों में खाना और नाश्ते का रेट नहीं बढ़ा है लेकिन सब्जी बहुत महंगी हो गयी है। ऐसे में इसका असर कारोबार पर पड़ता है। खाना बनाने के लिए अच्छे कारीगर नहीं मिलते हैं। जो कारीगर मिलता है वह बहुत अधिक पैसे की डिमांड करता है। कारीगर ,शेफ, वेटर, हाउसकीपिंग कर्मचारी के खर्च के अलावा बिजली बिल और मकान का किराया भी हर माह देना पड़ता है।

होटलों में शौचालय व यूरिनल की सुविधा नहीं : शहर के अधिकांश खानपान वाले होटलों में शौचालय एवं यूरिनल की सुविधा नहीं है। इससे ग्राहकों को अधिक परेशानी होती है। खासकर महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी होती है।

गर्मी में पेयजल के लिए होती है ज्यादा मारामारी

होटल संचालकों का कहना है कि बगैर पानी का कोई भी होटल नहीं चलाया जा सकता है। शहर के स्टेशन रोड में सबसे अधिक होटल और नाश्ते की दुकानें हैं। इसके बावजूद सर्फि एक सरकारी चापाकल चालू है। शहर के सर्वाधिक भीड़भाड़ वाले इलाके स्टेशन रोड में अभी तक नगर निगम नलजल नहीं चालू करा सका है। इससे गर्मी में पानी के लिए अधिक जूझना होता है। ग्राहकों को पानी की बोतल खरीदनी पड़ती है। इनका कहना है कि स्टेशन रोड में तीन से चार सरकारी चापाकल हैं जो खराब हैं या फिर उसका पानी का लेयर ज्यादा नीचे चला गया है। इससे बाहर से आनेवाले ग्राहकों को अधिक परेशानी होती है। कई होटल मालिकों ने खुद का सबमरसेबुल लगा लिया है। वहीं छोटे होटल मालिक इधर-उधर से पानी की व्यवस्था कर किसी प्रकार काम चला रहे हैं। होटल संचालकों का कहना है कि होटलों के आसपास नियमित रूप से सफाई की व्यवस्था भी नहीं कराया जाती है। इससे परेशानी होती है। ग्राहक दुकानों पर आना नहीं चाहते हैं।

होटल मालिकों की समस्याओं के निदान के लिए नगर निगम के स्तर पर हरसंभव प्रयास किया जाएगा। स्टेशन रोड में कचरा बॉक्स है। होटल मालिकों को चाहिए कि वे कचरा उसी में डालें। जहां पर कचरा बॉक्स नहीं है, वहां कचरा वाला ट्रैक्टर जाने पर उसमें कचरा डालें। शहर में सफाई नियमित रूप से की जाती है। नलजल की समस्या का भी समाधान होगा। इसके अतिरक्ति सभी समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास किया जाएगा।

-राजमणि गुप्ता, सिटी मैनेजर

 

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