Madhubani Ward 14 Faces Severe Waterlogging and Health Risks Due to Lack of Drainage वार्ड 14 में सड़क न नाले, जलजमाव से बढ़ा डेंगू और मलेरिया का खतरा, Madhubani Hindi News - Hindustan
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वार्ड 14 में सड़क न नाले, जलजमाव से बढ़ा डेंगू और मलेरिया का खतरा

मधुबनी नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 14 की स्थिति बारिश में अत्यंत खराब हो जाती है। नाले का निर्माण न होने से सड़कों पर गंदा पानी जमा रहता है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीWed, 30 April 2025 06:07 PM
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वार्ड 14 में सड़क न नाले, जलजमाव से बढ़ा डेंगू और मलेरिया का खतरा

मधुबनी । नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 14 की स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई है। यहां के लोगों का कहना है कि वर्षों से यहां नाले का निर्माण नहीं हुआ है। इससे बारिश के मौसम में सैकड़ों परिवारों को जलजमाव की समस्या से जूझना होता है। हल्की सी बारिश होते ही सड़कों पर पानी भर जाता है, जो कई दिनों और कई बार महीनों तक जमा रहता है। सड़कों पर सड़ रहे इस पानी से आवाजाही लोगों की मजबूरी है। लोगों का कहना है कि पानी की सड़ांध से डेंगू, मलेरिया व अन्य संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि बारिश के दौरान बच्चों का स्कूल जाना, लोगों का ऑफिस या बाजार जाना मुश्किल हो जाता है। कई बार लोगों के घरों में भी पानी घुस जाता है।

मोहल्ले के ऋतिक कुमार, प्रवीण कुमार, सुशीली देवी, मंजू देवी आदि ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने हर बार नाला और सड़क निर्माण का आश्वासन दिया लेकिन कार्य कभी शुरू नहीं हुआ। लोगों का आरोप है कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधि बड़े-बड़े वादे करते हैं, समस्याएं सुनते हैं और उन्हें जल्द दूर करने का आश्वासन देते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे उन वादों को भूल जाते हैं। यहां के अपनी समस्याओं को लेकर नगर निगम कार्यालय का चक्कर काटते हैं, ज्ञापन देते हैं पर कोई ठोस समाधान नहीं निकलता। वार्ड नंबर 14 की जनता अब इन झूठे वादों और प्रशासनिक उदासीनता से परेशान हो चुकी है।

गंदे पानी घर के आसपास फैलने से बीमारियों का डर: नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 14 की स्थिति बारिश के मौसम में बेहद खराब हो जाती है। नाला निर्माण नहीं होने के कारण सड़कों पर महीनों तक गंदा पानी जमा रहता है, जिससे इलाके में जलजमाव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस गंदे पानी में मच्छरों का प्रकोप तेजी से बढ़ता है। इससे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा लगातार बना रहता है। लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते हैं, क्योंकि सड़कों पर फैला कीचड़ और गंदगी परेशानी का सबब बन जाती है।

स्थानीय विवके कुमार, जयनारायण कुमार, पप्पू पासवान, सुशील पासवान आदि लोगों का कहना है कि इस स्थिति में सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों और बुजुर्गों को होती है। बच्चे स्कूल जाने के लिए जब बाहर निकलते हैं तो रास्ते में गंदे पानी में कई बार फिसलकर गिर जाते हैं, जिससे वे बीमार हो जाते हैं। कई अभिभावकों ने शिकायत की है कि उनके बच्चों को बार-बार बीमारियों का सामना करना पड़ता है। लोगों का कहना है कि नगर निगम और स्थानीय जनप्रतिनिधि इस समस्या के प्रति पूरी तरह उदासीन हैं। चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करने वाले जनप्रतिनिधि जीतने के बाद क्षेत्र की तरफ ध्यान नहीं देते। न तो नाले का निर्माण कराया जाता है और न ही जल निकासी की कोई स्थायी व्यवस्था की जाती है। नागरिकों को मजबूरी में कई बार अपने घरों से बाहर निकलकर कीचड़ भरे रास्तों से गुजरना पड़ता है।

नगर निगम के सफाईकर्मियों द्वारा वार्डों की नियमित सफाई नहीं करने के कारण आम जनता को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों पर जगह-जगह कूड़े-कचरे का ढेर लगा रहता है, जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है और बदबू के कारण लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। इस स्थिति के चलते आसपास की हवा में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। इससे बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। कई बार स्थानीय निवासी इस समस्या की शिकायत नगर निगम से करते हैं, लेकिन उचित कार्रवाई नहीं की जाती। नियमित सफाई न होने के कारण गंदगी में मच्छर, मक्खियाँ और आवारा पशु भी इकट्ठे हो जाते हैं, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियाँ फैलने की आशंका रहती है। इसके अलावा, जगह-जगह कचरे का रहता है। इससे असुविधा होती है। निगम को चाहिए कि सफाईकर्मियों की ड्यूटी नियमित रूप से सुनिश्चित करे और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई करे। इसके साथ ही आम जनता को भी सफाई के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि सभी मिलकर स्वच्छता बनाए रखें। साफ-सुथरा वातावरण न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है बल्कि एक विकसित समाज की पहचान भी बनता है।

नल-जल योजना अभी तक अधूरी शुद्ध पेयजल को तरस रहे लोग

मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजना के तहत ‘हर घर नल का जल एक महत्वपूर्ण पहल थी, जिसका उद्देश्य था कि हर घर तक स्वच्छ और शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा सके, ताकि लोगों को पानी की समस्या से राहत मिले और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।

यहां के लोगों का कहना है कि बड़े-बड़े दावे व करोड़ों रुपये की राशि आवंटित किये जाने के बावजूद लोगों को साफ पानी नहीं मिल रहा है। नल जल योजना का कार्य कई जगहों पर अधूरा पड़ा है। पाइपलाइन बिछाने का काम या तो पूरा नहीं हुआ है या फिर पाइप इधर-उधर बिखरे पड़े हैं। इससे न केवल आवागमन में बाधा उत्पन्न होती है बल्कि दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। कई गांवों और मोहल्लों में आज भी नल से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जबकि योजना का शुभारंभ कई वर्ष पहले किया गया था। लोगों का कहना है कि कई स्थानों पर नल तो लगाए गए हैं लेकिन उनमें या तो पानी नहीं आता या फिर कुछ दिन चलने के बाद व्यवस्था ठप हो जाती है। इससे लोगों को मजबूरन कुएं, हैंडपंप या दूर-दराज के जलस्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है। मोहल्ले के लोगों को कहना है कि शुद्ध पेयजल की उपलब्धता अब भी एक सपना बनकर रह गया है।

बोले जिम्मेदार

वार्डोंं में जलजमाव, पेयजल, साफ-सफाई जैसी समस्याओं को लेकर सड़क और नाला निर्माण के लिए योजनाएं बनायी गई हैं और जल्द ही सभी वार्डों में कार्य शुरू किया जाएगा। जहां तक वार्डों की सफाई की बात है उसके लिए सफाईकर्मियों को हर वार्ड में लगाया गया है।

-अरुण राय,मेयर

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