कस्तूरबा गांधी आवासीय वद्यिालय अरेराज में चहारदीवारी नहीं रहने से असुरक्षित परिवेश में रहती हैं बालिकाएं
अरेराज के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में करीब 100 छात्राएं बिना चहारदिवारी के असुरक्षित माहौल में शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। कई बार पत्राचार होने के बावजूद चहारदिवारी का निर्माण अब तक नहीं...

अरेराज, निसं। ग्रामीण क्षेत्र के वंचित समुदाय के बीच लैंगिक विषमता को दूर करने के उद्देश्य से स्थापित कस्तूरबा गांधी आवासीय बॉलिका वद्यिालय अरेराज का चाहरदीवारी नहीं होने से करीब एक सौ की संख्या में नामांकित छात्रायें असुरक्षित वातावरण में रहकर शक्षिा ग्रहण करनेको मज़बूर हैं। इसके लिए दर्जनों बार पत्राचार भी किया गया, लेकिन अब तक चहारदिवारी नर्मिाण के लिए कोई पहल नहीं हुई। ग्रीष्मावकाश के बाद आगामी 20 जून को कस्तूरबा वद्यिालय खुलेंगे। कस्तूरबा गांधी बालिका वद्यिालय अरेराज में लगभग 100 के संख्या में छात्रायें नामंकित हैं। राजकीय मध्य वद्यिालय बालक के अधीनस्थ वर्ष 2015 से संचालित इस आवासीय वद्यिालय के संचालक व प्रधानाध्यापक राजकीय मध्य वद्यिालय बालक अरवन्दि कुमार कहते हैं कि इस वद्यिालय के आवासीय परिसर में वर्ग छह से आठ तक की कक्षाएं संचालित करने के लिए छह कमरे में एक सौ बेड लगाए गये हैं।
दो अध्ययनकक्ष भी है जहां छात्रायें अध्ययन करती हैं। ग्रीष्मावकाश के बाद खुलने वाले इस आवासीय वद्यिालय में तैयारी आरम्भ कर दी गई है। वद्यिालय के कमरे ,स्नानघर,शौचालय व विछावन ,पंखा आदि की सफाई सुनश्चिति करने केलिए वार्डन को नर्दिेश दिए गए है। उनके अनुसार, इस वद्यिालय की चहारदीवारी नर्मिाण को लेकर विभागीय स्तर पर दर्जनों बार पत्राचार किया गया है जो अबतक प्रभावकारी सद्धि नहीं हो सका है। चहारदीवारी नर्मिाण की दिशा में जनप्रतिनिधियों की दृष्टि से यह बालिका आवासीय वद्यिालय भी अब तक ओझल है। आधे दर्जन से भी अधिक बार जिला व राज्य स्तर के पदाधिकारी द्वारा भी इस कस्तूरबा वद्यिालय का निरीक्षण कर चहारदीवारी नर्मिाण की समस्या के संदर्भ में चिंता जताया है वो भीअब तक धरातल पर परिणाम शून्य ही दिख रहा है।
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