जिले में पूर्णिया के रास्ते मानसून ने दी दस्तक, लोगों को उमस व गर्मी से मिली राहत
पेज चार की लीडपेज चार की लीड 81.6 मिली मीटर बारिश के साथ हुआ मानसून का आगाज मौसम के अधिकतम तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस तक आई

बांका। निज प्रतिनिधि। जिले में मंगलवार को पूर्णिया के रास्ते मानसून ने दस्तक दी है। जिससे लोगों को उमस व गर्मी से राहत मिली है। क्षेत्र में 81.6 मिली मीटर बारिश के साथ मानसून का आगाज हुआ है। यहां दो दिनों का औसत वर्षापात 7.4 मिली मीटर रिकार्ड किया गया है। मानसून की बारिश से यहां मौसम के अधिकतम तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आई है। सोमवार को यहां मौसम का अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस था। जबकि मंगलवार को यहां मौसम का अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
जिससे यहां का मौसम खुशनुमा हो गया है। बांका के आसमान में अभी बादल छाये हुए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक यहां बुधवार को भी बारिश होने की संभावना है। जिससे यहां मौसम के अधिकतम तापमान में फिर 5 डिग्री सेल्सियस कमी आने की संभावना है। इस दिन यहां मौसम का अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान भी 26 डिग्री सेल्सियस रहेगा। जो मानसून के प्रवेश का अच्छा संकेत माना जा रहा है। इस बीच यहां हवा की गति 15 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है, जो पूर्व दिशा से आएगी। जबकि आद्रता का प्रतिशत 72 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। यहां 15 जून तक मानसून के प्रवेश का समय है। इस बार यहां मानसून ने लगभग सही समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। जबकि पिछले साल यहां मानसून ने पांच दिन विलंब से 20 जून को प्रवेश किया था। लेकिन उस समय यहां मानसून के देर से प्रवेश करने के बाद भी अच्छी बारिश हुई थी। इस बार भी यहां मानसून की बारिश में 30 फीसदी इजाफा होने की संभावना है। जिससे खरीफ फसल को संजीवनी मिलेगी और फसलों का उत्पादन दर बढेगा। 1.3 लाख हेक्टेयर भूमि में होनी है खरीफ फसलों की खेती इस खरीफ मौसम में यहां 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर भूमि में खरीफ फसलों की खेती का लक्ष्य रखा गया है। मानसून के सही समय पर प्रवेश करने से यहां खरीफ फसल की खेती में किसानों को काफी मदद मिलेगी। यहां 1 लाख 14 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की खेती होगी। जबकि 1730 हेक्टेयर भूमि में अरहर, 1050 हेक्टेयर भूमि में कुल्थी, 7012 हेक्टेयर भूमि में मक्का, 952.6 हेक्टेयर भूमि में ढैंचा, 416.8 हेक्टेयर भूमि में उडद एवं 259.1 हेक्टेयर भूमि में मूंग की खेती होगी। इसके आलावे यहां 428.1 हेक्टेयर भूमि में मिलेट, 216.9 हेक्टेयर भूमि में ज्वार, 101.7 हेक्टेयर भूमि में फोड्डर, 102.7 हेक्टेयर में मिलेट, 71.7 हेक्टेयर में कौनी, 94.2 हेक्टेयर में तिल, 41.2 हेक्टेयर में बाजरा, 30.1 हेक्टेयर में गन्ना एवं 60.9 हेक्टेयर भूमि में दलहन की खेती का लक्ष्य है। खेतों में बिचडा गिराने की नहीं हो सकी है शुरूआत जिले में मई माह में रिकार्ड 108.4 मिली मीटर बारिश हुई है। लेकिन जून के पहले दो सप्ताह में प्री मानसून की अच्छी बारिश नहीं हुई और रोहिणी नक्षत्र बीत गया। जिससे किसान खरीफ फसल की खेती के लिए अपने खेतों को तैयार नहीं कर सके। अब यहां आद्रा नक्षत्र की शुरूआत होने वाली है। जिससे यहां के किसान मानसून की बारिश के इंतजार में हैं। जिले में अभी खरीफ फसल का बिचडा गिराये जाने की भी शुरूआत नहीं हो सकी है। जबकि धान का बिचडा गिराने का समय तेजी से गुजर रहा है। इसके लिए अनुकूल अवधि का 23 दिन बीत चुका है। बावजूद इसके अब तक खेतों में बिचडा गिराये जाने की शुरूआत भी नहीं हो सकी है। अब बिचडा गिराने के लिए मात्र 29 अनुकूल दिन ही बचे हैं। ऐसे में यहां के किसान लंबी अवधि वाले धान की खेती से चूक जाएंगे। लंबी अवधि वाले धान की खेती के लिए 25 मई तक ही बिचडा गिराने का अनुकूल समय था। जिले में समय पर मानसून के प्रवेश से खरीफ फसल की खेती की अच्छी संभावना बनी है। हालांकि, प्री मानसून की बारिश में आई कमी से किसान लंबी अवधि वाले धान का बिचडा नहीं गिरा सके। लेकिन अब मानसून की बारिश होने से खरीफ फसल का बिचडा गिराने में तेजी आएगी। इस खरीफ मौसम में यहां 1.3 लाख हेक्टेयर भूमि में खरीफ फसल की खेती का लक्ष्य तय किया गया है। दीपक कुमार, डीएओ, बांका
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