चिंता: जिले के कॉलेजों में शिक्षकों के 50 फीसदी से अधिक पद रिक्त
मोतिहारी में शिक्षकों की कमी के कारण कई कॉलेजों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। एमएस कॉलेज में विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विषयों में स्थायी शिक्षकों की कमी है। घोड़ासहन के जेएलएनएम कॉलेज में भी केवल बारह...

मोतिहारी। जिले में विगत कुछ वर्षों में शिक्षकों की बहाली विश्वविद्यालय की ओर से की गयी है। इसके बावजूद अभी भी शिक्षकों की कमी की समस्या बनी हुई है। कॉलेजों में 50 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं। कई महत्वपूर्ण विषयों में स्थायी शिक्षक तक नहीं हैं। गेस्ट शिक्षक से पठन-पाठन चल रहा है। उदाहरण के लिए जिले के प्रीमियर कॉलेज में शुमार किये जाने वाले एमएस कॉलेज को लें तो हालात खुद बयां करते हैं। साइंस में शिक्षकों की है भारी कमी:कॉलेज में साइंस, अंग्रेजी जैसे विषयों में शिक्षकों की भारी कमी है। प्राचार्य डॉ. मृगेंद्र कुमार ने बताया कि यहां जन्तु विज्ञान में कोई स्थायी शिक्षक नहीं हैं।
अतिथि शिक्षक हैं। वहीं, रसायन शास्त्र, वनस्पति शास्त्र में सिर्फ एक-एक स्थायी शिक्षक हैं। इसी प्रकार, अंग्रेजी जैसे विषय में सिर्फ एक स्थायी शिक्षक हैं। संस्कृत में शिक्षक नहीं हैं। अर्थशास्त्र की स्थिति थोड़ी बेहतर है। यहां 3 स्थायी शिक्षक हैं। वहीं,कॉमर्स में एक स्थायी शिक्षक व दो अतिथि शिक्षक हैं। शिक्षकों की कमी के कारण नियमित वर्ग संचालन बाधित : घोड़ासहन। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आवश्यक सभी संसाधनों के उपलब्ध रहने के बावजूद शिक्षकों की कमी के कारण घोड़ासहन स्थित जेएलएनएम कॉलेज में छात्र-छात्राओं का वर्ग संचालन लम्बे समय से बाधित है। सिकरहना अनुमंडल क्षेत्र में बीआर ए विश्वविद्यालय के अधीन यह कॉलेज एकमात्र अंगीभूत ईकाई है जहां कला एवं विज्ञान संकाय के सात हजार से अधिक विद्यार्थी नामांकित हैं। लेकिन इनके शिक्षण के लिए नियमित व अतिथि सहित मात्र बारह शिक्षक पदस्थापित हैं जिनमें प्राचार्य भी शामिल हैं। इन शिक्षकों में अर्थशास्त्र के तीन, इतिहास के दो, मनोविज्ञान व दर्शनशास्त्र विषय के एक शिक्षक शामिल हैं। जबकि राजनीति शास्त्र सहित कला संकाय के अन्य विषयों के लिये किसी शिक्षक की पदस्थापना यहां नहीं है। विज्ञान संकाय में वनस्पति शास्त्र, जन्तु विज्ञान तथा रसायन शास्त्र विषय के लिए शिक्षक उपलब्ध है लेकिन विज्ञान संकाय के लिए अपरिहार्य माने जाने वाले भौतिक विज्ञान व गणित के शिक्षण की यहां कोई व्यवस्था नहीं है। भाषा व साहित्य के अंग्रेजी विषय के शिक्षण के लिए कोई शिक्षक पदस्थापित नहीं है। इस परिस्थिति में विद्यार्थी एकाध विषय की पढ़ाई के लिए महाविद्यालय में नहीं आना चाहते और पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए विभिन्न निजी कोचिंग संस्थानों पर निर्भर हैं। छात्रों का कहना है कि उनके सभी विषयों के वर्ग संचालन की व्यवस्था महाविद्यालय में किये जाने पर वे लोग नियमित रूप से उपस्थित हो सकते हैं। अन्यथा एक दो विषयों के लिये पूरा दिन गंवाने का कोई फायदा नहीं। प्राचार्य प्रो पंकज कुमार राय के अनुसार, शिक्षकों की कमी की समस्या से विश्वविद्यालय प्रशासन को अवगत कराया गया है। शिक्षकों की पदस्थापना शीघ्र ही कर दी जाएगी।
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