वेतन-पेंशन के लिए तरस रहे हैं मुंगेर विश्वविद्यालय के शिक्षक, वेतन-पेंशन के लिए तरस रहे मुंगेर विश्वविद्यालय के शिक्षक,
बिहार में विश्वविद्यालय शिक्षकों के वेतन और पेंशन की समस्या बढ़ती जा रही है। मुंगेर विश्वविद्यालय के शिक्षक नवंबर 2024 से बिना वेतन के हैं, जिससे उनकी स्थिति गंभीर हो गई है। अखिल भारतीय विश्वविद्यालय...

मुंगेर, एक संवाददाता। बिहार में विश्वविद्यालय शिक्षकों के वेतन और पेंशन भुगतान की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। विशेष रूप से मुंगेर विश्वविद्यालय के शिक्षक महीनों से वेतन और भत्ते से वंचित हैं। मुंगेर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव प्रो. हरिश्चंद्र शाही ने बताया कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों को नवंबर 2024 से अब तक वेतन नहीं मिला है। यह स्थिति शिक्षकों को भुखमरी के कगार पर ला चुकी है, लेकिन शिक्षा और वित्त विभाग अब भी निष्क्रिय बने हुए हैं। शिक्षकों की यह पीड़ा शिक्षा व्यवस्था की गंभीर अवहेलना की ओर इशारा करती है। इस संकट को लेकर अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (एआईफुक्टो) ने भी राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. अरुण कुमार ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि फरवरी से मई, 2025 तक राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यरत हजारों शिक्षक वेतन और पेंशन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। उन्होंने इसे 'जंगलराज की वापसी' जैसा बताया। ज्ञापन में यह भी उल्लेख है कि, वर्ष, 2021 से लंबित महंगाई भत्ता और वर्ष- 2015-18 की अनुदान राशि का भुगतान अब तक नहीं हुआ है। साथ ही उच्च न्यायालय और विधान परिषद के स्पष्ट निर्देश के बावजूद संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों को नियमित वेतन-पेंशन नहीं मिल रहा है। प्रो. कुमार ने चेतावनी दी है कि, यदि सरकार ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो इसका सीधा प्रभाव आगामी विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है। वहीं, मुंगेर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने भी एआईफुक्टो की मांगों का समर्थन करते हुए राज्य सरकार और उच्च शिक्षा विभाग से अविलंब समाधान की मांग की है।
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