मृगांक रंजन बने मुंगेर स्थायी लोक अदालत के सदस्य, विश्वविद्यालय परिवार ने दी बधाई
मुंगेर के स्थायी लोक अदालत में मृगांक रंजन ने सदस्य के रूप में पदभार ग्रहण किया। उनकी नियुक्ति से न्यायिक प्रक्रिया में सुधार की उम्मीद है। मृगांक के पिता प्रो. प्रभात कुमार कॉलेज के प्राचार्य हैं।...

मुंगेर, एक संवाददाता। मृगांक रंजन ने गुरुवार को मुंगेर के स्थायी लोक अदालत के सदस्य के रूप में अपना पदभार ग्रहण किया। वे मूल रूप से बेगूसराय जिले के निवासी हैं। उनके पिता प्रो. प्रभात कुमार आरडी एंड डीजे कॉलेज के प्राचार्य हैं। मृगांक रंजन की नियुक्ति से जिले में न्यायिक प्रक्रिया की सहजता एवं सुलह प्रणाली को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मृगांक रंजन के इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति पर मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर सहित कई गणमान्य लोगों ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इसके साथ ही प्रो. संतोष कुमार, मु. महफूज आलम, अवधेश कुमार, अनिमेष कुमार एवं अविनाश कुमार नन्हें सहित अन्य शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों ने मृगांक रंजन को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, उनकी नियुक्ति से लोक अदालत की कार्यप्रणाली और अधिक प्रभावी एवं निष्पक्ष होगी।
महफूज आलम ने जानकारी दी कि, स्थायी लोक अदालत एक वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली है, जो परिवहन, डाक, टेलीग्राफ जैसी सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं से जुड़े मामलों का सुलहपूर्वक निपटारा करती है। यह अदालत मुकदमेबाजी से पहले ही समाधान का अवसर देती है। इसमें एक करोड़ रुपये तक के मामलों की सुनवाई का अधिकार होता है। हालांकि, आपराधिक मामलों की सुनवाई इसका दायरा नहीं है। स्थायी लोक अदालत का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होता है तथा इसके खिलाफ किसी अन्य न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती। लोक अदालत प्रक्रिया को लचीले ढंग से संचालित करती है, जिसमें मौखिक सुनवाई, पक्षों की इच्छा और मामले की प्रकृति के अनुसार शीघ्र निपटारा सुनिश्चित किया जाता है।
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