वक्फ बिल पर जदयू से इस्तीफा देने वाले मुस्लिम नेता पार्टी का हिस्सा नहीं, साजिश में शामिल हैं: राजीव रंजन
वक्फ बिल पर जेडीयू से इस्तीफा देने वाले मुस्लिम नेताओं को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने बाहरी बताया है। उन्होने कहा कि इस्तीफा देने वाले जो नेता जेडीयू का हिस्सा होने का दावा कर रहे हैं, वे वास्तव में पार्टी का हिस्सा नहीं हैं, साजिश का हिस्सा हैं।

वक्फ संशोधन बिल को समर्थन देने के बाद जेडीयू से एक के बाद एक मुस्लिम नेताओं के इस्तीफे की झड़ी लग गई। करीब 6 नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। जिसमें मोहम्मद कासिम अंसारी, नदीम अख्तर, नवाज मलिक, एम राजू नैयर और तबरेज सिद्दीकी अलीग शामिल हैं। इस मामले पर जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने इस्तीफा देने वाले नेताओं को बाहरी करार दिया है। उन्होने कहा कि इस्तीफा देने वाले जो नेता जेडीयू का हिस्सा होने का दावा कर रहे हैं, वे वास्तव में पार्टी का हिस्सा नहीं हैं। मोहम्मद कासिम अंसारी ने एआईएमआईएम से 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा था। इस्तीफा देने वाले एक नेता को जन सुराज के कार्यक्रम में देखा गया था। राजीव रंजन ने कहा यह एक साजिश है कि जेडीयू में अल्पसंख्यक खुश नहीं हैं।
राजीव रंजन ने कहा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार अल्पसंख्यकों के कल्याण की गारंटी हैं। लोगों का मानना है कि अगर नीतीश कुमार वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हैं, तो मुसलमानों के हित के खिलाफ कुछ नहीं होगा। यह निश्चित रूप से मुसलमानों के लिए आशा की किरण है।
आपको बता दें इस मामले पर शनिवार को वक्फ बिल पर जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अशरफ अंसारी और प्रवक्ता अंजुम आरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समाज के उत्थान के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। मुख्यमंत्री के रहते अल्पसंख्यक समाज के हितों की रक्षा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता है।
दोनों नेताओं ने कहा वक्फ संशोधन बिल को लेकर हमारी पार्टी ने पांच सुझाव दिए थे, वह सभी पांच सुझाव मान लिए गए हैं। इसके बाद ही जदयू की ओर से इस बिल को समर्थन दिया गया है। जदयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जदयू के तीन एमएलसी और अन्य नेता भी मौजूद थे। लेकिन किसी ने अपने विचार नहीं रखे, और प्रेस कांफ्रेंस के बीच में ही सभी उठकर चले गए।