रूढ़ियों को तोड़ती हैं कबीर की रचनाएं : चंद्र
कांटी में बुधवार को कबीर जयंती मनाई गई। नूतन साहित्यकार परिषद के अध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह ने कबीर की रचनाओं को रूढ़ियों को तोड़ने वाली बताया। कबीर ने भेदभाव और अंधविश्वास के खिलाफ आवाज उठाई। इस मौके पर...

कांटी, हिन्दुस्तान संवाददाता। साहित्य भवन कांटी में बुधवार को कबीर जयंती मनाई गई। नूतन साहित्यकार परिषद के अध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह चंद्र ने कहा कि अल्हड़, फक्कड़, बेबाक जनकवि कबीर की रचनाएं रूढ़ियों को तोड़ती मुक्त आत्मा की कविता है। उनकी भाषा में सरलता, सादगी व मानवता का मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि कबीर ने जिस बात को जिस रूप में प्रकट करना चाहा, उसी रूप में भाषा से कहलवाया। परशुराम सिंह ने कहा कि कबीर ने भेदभाव, आडंबर, विषमता व कट्टरता के खिलाफ मुखर संदेश दिया है। स्वराजलाल ठाकुर ने कहा कि कबीर धार्मिक आडंबरों, रूढ़ियों, अंधविश्वासों के कट्टर विरोधी थे।
इस दौरान उपस्थित लोगों को कबीर का प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। इस मौके पर रामेश्वर महतो, नंदकिशोर ठाकुर, संजय कुमार कुशवाहा, मनोज मिश्र, महेश कुमार, राकेश कुमार राय, रोहित रंजन, अधिवक्ता नीरज शर्मा आदि थे।
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