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घरों में होगी नदी के पानी की आपूर्ति, बनेगी आधुनिक जलवितरण प्रणाली

मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक और गंडक नदी के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए आधुनिक जलवितरण प्रणाली विकसित की जाएगी। नगर आयुक्त ने इस योजना के लिए प्रस्ताव भेजा है, जिसमें उच्च क्षमता के जलमीनार और वाटर...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSat, 24 May 2025 05:45 PM
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घरों में होगी नदी के पानी की आपूर्ति, बनेगी आधुनिक जलवितरण प्रणाली

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। बूढ़ी गंडक व गंडक नदी के पानी को पीने योग्य बनाते हुए घरों में आपूर्ति की जाएगी। शहर में आधुनिक तकनीक पर आधारित जलवितरण प्रणाली बनाई जाएगी। इसको लेकर नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने नगर विकास विभाग को प्रस्ताव भेजा है। इसमें सतही जलस्रोत आधारित ओवरहेड टैंक पेयजल परियोजना को लेकर प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति मांगी गई है। योजना के तहत नदी के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए आधुनिक फिल्ट्रेशन तकनीक युक्त वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) स्थापित होगा। यह बी15 मानकों के अनुसार पानी की गुणवत्ता को सुनिश्चित करेगा। पानी की आपूर्ति के लिए विभिन्न इलाकों में उच्च क्षमता के जलमीनार (ओवरहेड टैंक) बनाते हुए उन्हें स्मार्ट नियंत्रण प्रणाली से जोड़ा जाएगा।

पंपिग स्टेशन के जरिये नदी के पानी को डब्ल्यूटीपी में पहुंचाया जाएगा। फिर वहां पानी साफ होने के बाद जलमीनारों के जरिये घरों तक आपूर्ति की जाएगी। बीते एक मार्च को मेयर निर्मला साहू की अध्यक्षता में हुई निगम बोर्ड की बैठक में केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री डॉ. राजभूषण चौधरी की मौजूदगी में इस प्रोजेक्ट से जुड़े प्रस्ताव को पास किया गया था। सेंसर युक्त मीटरिंग प्रणाली : जलवितरण प्रणाली डिजिटल व पारदर्शी होगी। इसके लिए सेंसर युक्त मीटरिंग प्रणाली लगाई जाएगी। इससे रियल टाइम में पानी के बहाव, दबाव, उपभोग, रिसाव व गुणवत्ता की निगरानी हो सकेगी। गड़बड़ी होने पर तत्काल सेंसर के जरिये पता चल जाएगा। जलापूर्ति के लिए उच्च गुणवत्ता वाली नई पाइपलाइन बिछाने के साथ ही वर्तमान नेटवर्क का भी उपयोग किया जाएगा। उन इलाकों में नए पाइप लगेंगे, जहां पहले से पाइपलाइन नहीं है। बताया गया कि इस प्रोजेक्ट को अमृत 2.0 के तहत राज्य व केंद्र की भागीदारी से लागू किया जा सकता है, ताकि वित्तीय व तकनीकी सहयोग हो सके। कम हो रहा जलस्तर चिंताजनक : शहरी क्षेत्र में भूजल स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। सामान्य भूजल स्तर 25 फीट है। वर्तमान में यह 50 फीट तक पहुंच चुका है। शहरीकरण व पानी के अत्यधिक दोहन ने गंभीर भूजल संकट उत्पन्न कर दिया है। इससे आने वाले दिनों में दीर्घकालिक जलसंकट होने की आशंका को देखते हुए यह कदम उटाया गया है। 30 साल की जरूरतों पर आधारित डिजाइन : निगम क्षेत्र के विस्तार के साथ ही अगले 30 वर्षों में होने वाली जनसंख्या वृद्धि व अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट का डिजाइन बनाया गया है। निगम का प्रस्तावित विस्तार होने पर वार्डों की संख्या 75 तक होने के साथ ही आबादी साढ़े आठ लाख हो जाएगी। अगले 20-25 वर्षों में जनसंख्या 15 लाख तक पहुंचने की संभावना है। जलस्रोत : एक नजर नदी का नाम - शहर से दूरी बूढ़ी गंडक - शहर से होकर बहती है गंडक - 40 किलोमीटर गंगा - 60-70 किलोमीटर बयान : निगम क्षेत्र में भूजल के अत्यधिक दोहन, गिरते भूजल स्तर और वितरण तंत्र की वर्तमान स्थिति को देखते हुए गंडक व बूढ़ी गंडक नदियों के सतही जल उठाव आधारित जलमीनार योजना की तत्काल आवश्यकता है। 30 से 40 किमी तक पाइपलाइन बनाकर पानी लाया जाएगा। नदी किनारे कुआं या हौज आदि बनाए जाएंगे। पानी को डब्ल्यूटीपी में साफ करके पीने योग्य बनाया जाएगा। - विक्रम विरकर, नगर आयुक्त

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