नटवर साहित्य परिषद की कवि गोष्ठी में पहलगाम की घटना पर आक्रोश
मुजफ्फरपुर में रविवार को नटवर साहित्य परिषद द्वारा मासिक कवि गोष्ठी सह मुशायरा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कई कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं, जिसमें आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री के गीतों से...

मुजफ्फरपुर। प्रमुख संवाददाता शहर के श्री नवयुवक समिति के सभागार में रविवार को नटवर साहित्य परिषद की ओर से मासिक कवि गोष्ठी सह मुशायरा का आयोजन हुआ। कवि गोष्ठी की शुरुआत आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री के गीतों से हुई। इसके बाद कवि ओमप्रकाश गुप्ता ने ‘चीखते रहो और चिल्लाते रहो, मोमबती और पुतला जलाते रहो... सुनाकर दाद बटोरी। शायर डॉ. नर्मदेश्वर मुजफ्फरपुरी ने गजल ‘करीब मौत खड़ी है जरा ठहर जाओ, कजा से आंख लड़ी है जरा ठहर जाओ... सुनाया तो कवि अंजनी कुमार पाठक ने ‘कुछ कहते है करते है कुछ, ऐसे भी लोग होते है... सुनाकर तालियां बटोरी। इसके अलावे कवि सत्येन्द्र कुमार सत्येन, मुन्नी चौधरी, अशोक भारती, अरुण कुमार तुलसी, डॉ. जगदीश शर्मा, रामबृक्ष राम चकपुरी, श्रवण कुमार, राजीवेन्द्र किशोर, श्याम पोद्दार, नंदकिशोर प्रसाद, पल्लव कुमार सुमन, अर्जुन कुमार की रचनाएं भी सराही गईं।
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