बागों का प्रबंधन न होने से झड़ रहे लीची के पेड़ों के पत्ते
मुजफ्फरपुर में लीची तुड़ाई के बाद बागों का उचित प्रबंधन न होने से पेड़ सूख रहे हैं। नमी की कमी और गर्मी के कारण सिंचाई मुश्किल हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि बागवानों को तुड़ाई के बाद भी पेड़ों...

मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। लीची की तुड़ाई के बाद बागों का उचित प्रबंधन नहीं होने से पेड़ों से पत्ते सूख कर गिर रहे हैं। बागों में नमी नहीं है। तत्काल सिंचाई की आवश्यकता है। बारिश हो नहीं रही और भीषण गर्मी में भूजलस्तर काफी नीचे जाने के कारण बोरिंग से सिंचाई करना भी मुश्किल हो रहा है। बागवानों को पेड़ सूखने की चिंता सता रही है। राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र मुशहरी के निदेशक डॉ. विकास दास ने बताया कि ज्यादातर किसान बगान से लीची की तुड़ाई के बाद प्रबंधन भूल जाते हैं। जब तक फल लगे थे, तब तक पटवन कर रहे थे।
फल समाप्त होने के बाद सिंचाई नहीं करते। जबकि अभी प्रबंधन के लिए अनुकूल समय है। इस समय पेड़ की छटाई के साथ-साथ बगानों की जुताई एवं पेड़ों में खाद डालने का समय है। अगर समय रहते किसान प्रबंधन कार्य कर लें तो बारिश के बाद बागों का विकास अच्छा होगा। उत्पादन भी बेहतर होगा।
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