इस बरसात संप हाउस के जरिये शहर को जलजमाव से मिलेगी मुक्ति
मुजफ्फरपुर में जलजमाव से बचने के लिए इस साल करीब आधा दर्जन संप हाउस बनाने की योजना है। केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री ने नमामी गंगे के अधिकारियों के साथ बैठक में प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। नए...

मुजफ्फरपुर, मुख्य संवाददाता। इस साल बरसात में शहर को जलजमाव से बचाने के लिए करीब आधा दर्जन संप हाउस बनाने की तैयारी है। संप हाउस के माध्यम से शहर के अंदर जमा होने वाले पानी को बाहर गंडक नदी और तिरहुत नहर में फेंका जाएगा। केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री राजभूषण निषाद ने इसके लिए दिल्ली स्थित मंत्रालय में नमामी गंगे के अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रस्ताव देने को कहा है। अधिकारियों से इस प्रस्ताव की मांग 45 दिनों के अंदर की गई है, ताकि इस साल बरसात से पहले इस योजना पर काम शुरू की जा सके।
जल शक्ति राज्यमंत्री ने बताया कि नमामी गंगे के डीजी को मुजफ्फरपुर शहर में जलजमाव से मुक्ति की योजना बनाने का निर्देश दिया गया है। बैठक में डीजी ने बताया कि शहर को जलजमाव से बचाने के लिए पर्याप्त संप हाउस व नये ड्रेनेज सिस्टम की आवश्यकता है। नये ड्रेनेज सिस्टम में जलजमाव वाले इलाकों को जोड़कर उसका पानी फरदो तक पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। मंत्री ने इस मामले में डीजी को प्रस्ताव तैयार करने और उसकी लागत का आकलन करने का निर्देश दिया ताकि नमामी गंगे प्रोजेक्ट के तहत उसे स्वीकार कर काम शुरू कराया जा सके।
ग्राउंड वाटर को साफ कर किया जायेगा व्यापारिक उपयोग
मंत्री ने नमामी गंगे प्रोजेक्ट के तहत ग्राउंड वाटर बचाने के लिए भी प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। इसके तहत एनटीपीसी और दूसरे उन उद्योगों को एसटीपी से साफ किया हुआ पानी उपलब्ध कराया जाएगा, जो अपने उत्पाद तैयार करने के लिए ग्राउंड वाटर पर निर्भर है। मंत्री और डीजी में इस बात पर सहमति बनी कि इसके लिए भूगर्भ जल शोधन अधिनियम का सहारा लिया जाएगा और इसे मुजफ्फरपुर में लागू किया जाएगा। इससे शहर के नालों के पानी का उपयोग होगा और उस पानी की बिक्री से नगर निगम की आय बढ़ेगी। इसके लिए शहर के आसपास 50 किमी के दायरे में पानी पहुंचाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा शहर में जलस्तर के गिरने के कारणों पर ध्यान देते हुए एक जलमीनार बनाने का भी प्रस्ताव तैयार किया गया है, जो गंडक नदी के पानी को साफ कर उपयोग लायक बनायेगा और उसकी सप्लाई पाइपलाइन के जरिये शहर के घरों तक की जाएगी।
कदाने नदी और फरदो नहर की होगी सफाई
नमामी गंगे प्रोजेक्ट के तहत कदाने नदी और फरदो नहर की सफाई का भी निर्णय लिया गया। अबतक नगर निगम फरदो नाले की सफाई कर उसे फरदो नहर में मिला देता था, लेकिन फरदो नहर के उथला और गंदगी से भरने के कारण शहर के पानी की निकासी नहीं हो पाती थी। अब फरदो नहर की उड़ाही और उसकी सफाई का निर्णय लिया गया है, ताकि शहर में बरसात के दिनों में लगने वाले पानी को फरदो नहर में गिराया जा सके और नहर के माध्यम से उसे दूसरी तरफ भेजा जा सके। वहीं कदाने नदी के कारण बाढ़ की तबाही झेलने वाले सकरा और कुढ़नी प्रखंड को बाढ़ से बचाने की भी रणनीति मंगलवार की बैठक में तैयार की गई। निर्णय लिया गया कि कदाने नदी की सफाई भी नमामी गंगे प्रोजेक्ट के तहत करायी जाये, ताकि कम से कम दो प्रखंडों को बाढ़ की तबाही से बचाया जा सके और वहां के पानी को नदी के माध्यम से दूसरी दिशा में मोड़ा जा सके।
बैठक में संतोष मल्ल प्रधान सचिव वाटर रिसोर्स, पंकज कुमार प्रधान सचिव पीएचईडी, अभय सिंह सचिव अर्बन डेवलपमेंट, सुब्रत कुमार सेन डीएम मुजफ्फरपुर, विक्रम वीरकर नगर आयुक्त मुजफ्फरपुर, श्रेष्ठ अनुपम डीडीसी मुजफ्फरपुर, राजीव मित्तल डीजी एनएमसीजी, ब्रिजेन्द्र स्वरूप ईडी प्रोजेक्ट एनएमसीजी, जीतेन्द्र श्रीवास्तव एमडी स्वच्छ भारत मिशन, स्पेशल कमिश्नर, बाढ़ प्रबंधन जलशक्ति मंत्रालय, अर्जुन सिंह आदि मौजूद थे।
बयान:
मुजफ्फरपुर शहर के जलजमाव और दो प्रखंडों में बाढ़ की समस्या को लेकर नमामी गंगे के अधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति तैयार की गई है। नमामी गंगे प्रोजेक्ट से शहर में आवश्यक संख्या में संप हाउस बनाने, लखनदेई नदी और फरदो नहर को साफ करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा गंडक के पानी को उपयोग लायक बनाकर जलमीनार से उसकी सप्लाई तथा एसटीपी के पानी को एनटीपीसी और उद्योगों को देने की योजना है। इस योजना पर इसी मानसून से पहले काम शुरू हो जाएगा।
- राजभूषण निषाद, केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री
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