डबल मर्डर : जावेद की ऑफिस से मिली लेनदेन के हिसाब की डायरी
मुजफ्फरपुर में प्रॉपर्टी डीलर मो. जावेद और राजू दास के हत्या मामले में एसआईटी ने जावेद के ऑफिस की तलाशी ली। पुलिस को लेनदेन की डायरी मिली है। जावेद के विवादित जमीनों की जांच की जा रही है और 20 लोगों...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। मुशहरी के राजस्व कर्मियों से जुड़े प्रॉपर्टी डीलर मो. जावेद और राजू दास के डब्ल मर्डर कांड में गठित एसआईटी ने जावेद के निजी कार्यालय की तलाशी ली। इसमें पुलिस को लेनदेन के हिसाब से जुड़ी डायरी मिली है। अब पुलिस इस केस में लेनदेन के हिसाब से यह पता लगा रही है कि जावेद ने हाल में किन विवादित जमीनों की दाखिल खारिज कराई थी। विवादित जमीन के दाखिल खारिज और प्रॉपर्टी डीलिंग में ही हत्या किए जाने के प्रारंभिक साक्ष्य के आधार पर पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई में जुटी है। मामले में अब तक 20 लोगों से हुई पूछताछ में सामने आए तथ्यों की जांच भी पुलिस टीम कर रही है।
इसमें राजस्व कर्मियों के बीच आपसी तनातनी के मुद्दे की भी जांच की जा रही है। तनातनी के कारण किन भूमि धंधेबाजों को नुकसान होने वाला था इसका सुराग भी पुलिस तलाश रही है। इस बीच जमीन के धंधेबाजों के गहरे नेटवर्क और अपराध से जुड़ाव को तोड़ने के लिए मुख्यालय से भी इस मामले में हर दिन की कार्रवाई की रिपोर्ट ली जा रही है। जावेद के करीबियों से पूछताछ में भी पुलिस को कई अहम जानकारी हुई है। विभागीय जांच की मिल रही थी जमीन धंधेबाजों को खबर : सूत्रों के अनुसार, जावेद और उसके विरोधी गुट की ओर से दिए गए आवेदनों पर विभागीय स्तर पर हो रही गोपनीय जांच की खबर जमीन धंधेबाजों को भी हो रही थी। इसकी वजह से जमीन धंधेबाजों का दबाव जावेद व राजू पर बढ़ रहा था। इस खेल को अब पुलिस शुरुआती स्तर से जांच के दायरे में लिया है। तत्कालीन आईजी ने भी बताया था शहर में जमीन के धंधे को खतरनाक : शहर में जमीन के धंधे से कद्दावर सफेदपोश और बड़े अपराधियों के जुड़ाव के कारण लगातार हो रहे वारदात पर तत्कालीन आईजी शिवदीप लांडे ने वृहत रिपोर्ट मुख्यालय भेजी थी। उन्होंने स्पष्ट किया थ कि बड़े आपराधिक गिराहों का इस धंधे से जुड़ाव के बीच भूमि राजस्व कार्यालयों से हो रही कागजातों के खेल ने इसे और खतरनाक व जानलेवा बना दिया है। भूमि धंधेबाजों के आपसी वर्चस्व व जमीन कब्जे में हत्याओं की घटनाओं का भी सिलसिलेवार जिक्र किया था। इसके बावजूद राजस्व कार्यालयों में बिचौलिए और राजस्व कर्मियों के बदले काम करने वाले अटर्नी के खेल पर लगाम नहीं लग सका।
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