राजनीति के दो विषैले कीटाणु, आरसीपी सिंह और पीके पर JDU का पलटवार; पूर्व केंद्रीय मंत्री को एक चुनौती भी दी
साल 2005 में बिहार की सत्ता संभालने के बाद नीतीश कुमार ने सिंह के प्रशासनिक कौशल से प्रभावित होकर आरसीपी सिंह को अपने प्रमुख सचिव के रूप में बिहार आने के लिए राजी किया। आरसीपी सिंह 2010 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर कुमार की जद (यू) में शामिल हो गए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले रविवार को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में शामिल हो गए। बिहार में चुनाव से पहले इस एक अहम घटनाक्रम माना जा रहा है। एक वक्त ऐसा भी था जब आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार का काफी करीबी माना जाता था। हालांकि, आरसीपी सिंह पहले ही जदयू से अलग हो चुके थे और उन्होंने 'आसा' नाम से अपनी एक पार्टी भी बनाई थी। अब आरसीपी सिंह की 'आसा' का जनसुराज में विलय हो चुका है। इसपर जनता दल यूनाइटेड की प्रतिक्रिया भी आई है। जेडीयू के तेज तर्रार प्रवक्त माने जाने वाले नीरज कुमार ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर दोनों पर ही निशाना साधा है।
नीरज कुमार ने आरसीपी सिंह को लेकर यहां तक कह दिया कि जिसे नीतीश कुमार ने राज्यसभा में भेजा वो आज उन्हीं की थाली में छेद कर रहे हैं। नीरज कुमार ने पटना में मीडिया से बातचीत में कहा, ‘ आज राजनीति के दो विषैले कीटाणु, जिन्होंने नीतीश कुमार के साथ विश्ववासघात किया आज वो एक-दूसरे से मिल रहे हैं। ये राजनीति के छूटे हुए कारतूस हैं और राजनीत के विषैले कीटाणु हैं। चूकि जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं। ये जो नापाक गठबंधन है उसमें एक तरफ संपत्ति सृजन साइलेंट करप्शन करने वाले आरसीपी हैं और दूसरी तरफ प्रशांत किशोर हैं जिनकी तेलंगाना की कंपनियों से आर्थिक लेनदेन का मामला मैंने प्रतिवेदित किया है।’
आरसीपी सिंह को नीरज कुमार ने दी चुनौती
JDU प्रवक्ता ने आगे कहा, 'आरसीपी सिंह जी आपको नीतीश कुमार ने प्राइवेट सेक्रेटरी बनाया। नीतीश कुमार ने आपको राज्यसभा भेजा। अब आप जहां पर गए हैं तो मैं आपको चुनौती दे रहा हूं कि 2025 का विधानसभा चुनाव है, नालंदा के किसी भी विधानसभा क्षेत्र या जहां आपका पैतृक घर है या कहीं से भी चुनाव लड़ जाइए तो जिस उम्मीदवार को मुखिया के चुनाव में सबसे कम वोट मिलता है उससे भी कम वोट नहीं आया तो मैं राजनीति करना छोड़ दूंगा।'
2010 में जदयू में शामिल हुए थे आरसीपी सिंह
आपको बता दें कि पूर्व नौकरशाह आरसीपी सिंह ने नवंबर 2024 में अपनी खुद की पार्टी बनाई थी। आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी 'आप सबकी आवाज' का जन सुराज में विलय करने की भी घोषणा की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृहनगर नालंदा से संबंध रखने वाले सिंह उत्तर प्रदेश काडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी थे और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वह पहली बार 1999 में नीतीश कुमार के संपर्क में आए थे। उस समय जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार रेल मंत्री थे।
साल 2005 में बिहार की सत्ता संभालने के बाद नीतीश कुमार ने सिंह के प्रशासनिक कौशल से प्रभावित होकर उन्हें अपने प्रमुख सचिव के रूप में बिहार आने के लिए राजी किया। आरसीपी सिंह 2010 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर कुमार की जद (यू) में शामिल हो गए। इसके बाद वह लगातार दो बार राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए। बाद में, उन्हें जद(यू) का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया। हालांकि, 2021 में आरसीपी सिंह का केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होना नीतीश कुमार को पसंद नहीं आया। आरसीपी सिंह ने जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया और एक साल बाद, उन्हें फिर से राज्यसभा सदस्य नहीं बनाया गया। बाद में, आरसीपी सिंह जद(यू) छोड़कर 2023 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे।