बृजबिहारी हत्याकांड में मुन्ना शुक्ला की उम्रकैद की सजा बरकरार
सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में पटना में राजद के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में मुन्ना शुक्ला की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। अदालत ने सजा की समीक्षा की याचिका खारिज कर दी और...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1998 में पटना में राजद के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। शीर्ष अदालत ने मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी की ओर से सजा के फैसले की समीक्षा को लेकर दाखिल की गई याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि पिछले फैसले की समीक्षा करने के लिए कोई अच्छा आधार और कारण नहीं मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल तीन अक्टूबर को मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को मामले में दोषी ठहराया था।
मुन्ना शुक्ला व मंटू तिवारी अभी बेउर जेल में बंद है। सूरजभान समेत पांच को संदेह का मिला था लाभ सुप्रीम कोर्ट ने मामले में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह समेत पांच अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ दिया और मामले में उन्हें बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। इस हत्याकांड में गोरखपुर का गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला भी आरोपित था। हालांकि, मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही श्रीप्रकाश शुक्ला, भूपेंद्र नाथ दुबे और कैप्टन सुनील सिंह की मौत हो गई थी। इस वजह से तीनों पर ट्रायल बंद कर दिया गया था।
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