Tejashwi Yadav Advocates for Caste Census in Bihar Amid NDA s Resistance जातीय गणना से खुलेगी बहुजन विकास की राह : तेजस्वी, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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जातीय गणना से खुलेगी बहुजन विकास की राह : तेजस्वी

मुजफ्फरपुर में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जातीय गणना के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पिछड़ों का हक मारने के लिए जातीय गणना से भाग रही थी, लेकिन...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSun, 18 May 2025 08:28 PM
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जातीय गणना से खुलेगी बहुजन विकास की राह : तेजस्वी

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। केंद्र में बैठी एनडीए की सरकार पिछड़ों का हकमारी करना चाहती है। इसलिए वह जातीय गणना से दूर भाग रही थी। लेकिन, हमारे संघर्ष के कारण उसे मजबूरी में जातीय गणना कराने के लिए मजबूर होना पड़ा। ये बातें रविवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर क्लब के भीमराव आंबेडकर सभागार में ‘बिहार में जातीय गणना एवं आरक्षण की सीमा : समाज और सरकार की भूमिका विषय पर हुए राष्ट्रीय सेमिनार में कही। उन्होंने कहा कि जातीय गणना से मिले आंकड़े ही बहुजन समाज के विकास की राह खोलेंगे। लेकिन, इसके लिए भी हमें आंदोलन की राह पकड़नी होगी।

कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने हमेशा ही इसके लिए आवाज बुलंद की। लेकिन, केंद्र में हमारी सरकार नहीं होने से ऐसा नहीं हो सका। बिहार में 17 महीने हमारी सरकार रही। इस दौरान हमने जातीय गणना का सर्वे कराया। क्योंकि, जातीय गणना कराने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास ही होता है। उन्होंने बिना किसी दल विशेष का नाम लिए कहा कि जो लोग कल तक इसका विरोध कर रहे थे, वे अब खुद आगे आकर इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि, उनको भी हमारी संख्या की ताकत का अंदाजा हो चुका है। कहा कि गणना से सही तस्वीर देश के सामने होगी। कार्यक्रम की शुरुआत में अनिल चमड़िया ने कहा कि बहुजन समाज को लेकर अब तक गलत नैरेटिव फैलाया जा रहा था। काका कालेलकर आयोग ने भी जातीय गणना कराने की अनुशंसा की थी। जातीय विद्वेष फैलने की बात कह इसे हर बार ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता था। लेकिन, बिहार के जातीय सर्वे ने इस मिथक को तोड़ दिया। दिल्ली से आए दलित चिंतक और राजनीति विज्ञान के प्रो. दीपक भास्कर ने कहा कि अंग्रेजों के समय में जिन्होंने गुलामी स्वीकारी, वे धनवान हो गए। जबकि संघर्ष करने वाले गरीब बने रहे। अब हालात बदल चुके हैं। संघर्ष करने वाले अब अग्रिम पंक्ति में खड़े हो रहे हैं और यह दलित हितों के विरोधी नहीं चाह रहे हैं। जातीय गणना हमारे हक की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होने वाला है। सेमिनार की अध्यक्षता एलएस कॉलेज के इतिहास विभाग के डॉ. विजय कुमार ने की। विषय प्रवेश विवि के हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक सुशांत कुमार ने कराया। मौके पर किरोड़ीमल कॉलेज दिल्ली के प्रो. जीतेंद्र मीणा, बीआरएबीयू के पूर्व कुलपति प्रो. अमरेंद्र नारायण यादव, आरडीएस कॉलेज के इतिहास विभाग के पूर्व विभाध्यक्ष डॉ. संजय सुमन, ललित किशोर, डॉ. विजय कुमार जायसवाल, गोपी किशन आदि थे।

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