Narendra Modi eyes from Bikramganj rally on Shahabad 22 assembly seats NDA defeat in 2020 elections बिक्रमगंज से शाहाबाद की 22 सीटें साध रहे मोदी, 2020 के चुनाव में एनडीए को मिली थी करारी हार, Bihar Hindi News - Hindustan
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बिक्रमगंज से शाहाबाद की 22 सीटें साध रहे मोदी, 2020 के चुनाव में एनडीए को मिली थी करारी हार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बिक्रमगंज में रैली करते हुए शाहाबाद क्षेत्र की 22 विधानसभा सीटों को साध रहे हैं। 2020 के बिहार चुनाव में इनमें से 20 सीटों पर एनडीए को हार का सामना करना पड़ा था। 2024 लोकसभा इलेक्शन में भी शाहाबाद की चारों सीटें भी एनडीए हार गया था।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, ब्रजेश कुमार, सासारामFri, 30 May 2025 09:02 AM
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बिक्रमगंज से शाहाबाद की 22 सीटें साध रहे मोदी, 2020 के चुनाव में एनडीए को मिली थी करारी हार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के रोहतास जिले के बिक्रमगंज में शुक्रवार को जनसभा को संबोधित करने जा रहे हैं। वे यहां 48 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करेंगे। यद्यपि पीएम मोदी का यह आधिकारिक दौरा है, लेकिन इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। पीएम के अब तक की सबसे बड़ी रैली के लिए बिक्रमंगज का चयन बहुत सोच-समझ के किया गया है। वैसे तो बिक्रमगंज रोहतास में है लेकिन, यह शाहाबाद क्षेत्र के लगभग केंद्र में पड़ता है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी बिक्रमगंज से शाहाबाद की 22 सीटों को साधने जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री की रैली का लक्ष्य शाहाबाद के चारों जिले भोजपुर, रोहतास, कैमूर एवं बक्सर तक है। चारों जिलों में कुल मिलाकर विधानसभा की 22 सीटें हैं। गत विधानसभा चुनाव में इन 22 सीटों में 20 सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया था। भाजपा मात्र दो सीटों को जीत पाई थी।

यही कहानी लोकसभा चुनाव 2024 में भी दोहराई गई, जब शाहाबाद के चारों लोकसभा सीटें सासाराम, काराकाट, आरा और बक्सर पर महागठबंधन ने कब्जा जमाया एवं एनडीए का स्कोर जीरो रहा था। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में शाहाबाद की 22 सीटें एनडीए के लिए बड़ी चुनौती है। इसलिए पीएम मोदी ने खुद मोर्चा संभाला है।

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपने बिहार के प्रथम दौरा के लिए बिक्रमगंज को चुना है। पीएम शुक्रवार यानी आज की जनसभा में विकास योजनाओं के शिलान्यास के साथ एक तरह से चुनावी जंग का ऐलान भी करेंगे। बिक्रमगंज रैली की सफलता आगामी चुनाव में जीत के लिए कार्यकर्ताओं में जोश भी भरेगी।

पूरे शाहाबाद से भीड़ जुटाने का लक्ष्य:

बिक्रमगंज की रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए पार्टी का लक्ष्य शाहाबाद के चारों जिलों से लाखों की संख्या में लोगों को बिक्रमगंज ले आना है। इसे लेकर एनडीए के प्रमुख नेताओं के द्वारा चारों जिलों में कार्यकर्ता सम्मेलन किया जा चुका है। सभी पार्टी के प्रमुख नेताओं को रैली में भीड़ लाने का टारगेट दिया गया है। सभी जिला के संगठनों को लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एनडीए के अन्य दल भी अपना शक्ति प्रदर्शन भीड़ के सहारे ही रैली में करेंगे

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चुनाव पूर्व रैली की सफलता क्षेत्र के नेताओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। भोजपुर में 2020 के चुनाव में भाजपा आरा और बड़हरा सीटें जीतने में कामयाब रही थी। लेकिन शाहपुर, जगदीशपुर और संदेश सीट राजद जीता था। माले ने तरारी और अगिआंव पर कब्जा जमाया था। तरारी सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने वापसी की है। इस तरह अब भोजपुर में राजद और भाजपा के तीन-तीन विधायक हैं। लेकिन आगामी चुनाव में पार्टी बड़ी जीत की उम्मीद कर रही है।

कैमूर और बक्सर में हैं चार-चार सीटें

इसी तरह कैमूर जिले के तीन सीटों रामगढ़, मोहनिया एवं भभुआ पर 2020 के चुनाव में राजद के उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया था। जबकि चैनपुर में बसपा जीती थी। यद्यपि उपचुनाव में रामगढ़ सीट पर भाजपा की वापसी हो गई। मोहनिया एवं भभुआ विधायक पाला बदल कर अब भाजपा के साथ हैं। जबकि चैनपुर के विधायक जदयू में जा मंत्री बने हैं। ऐसे में वर्तमान में चारों विधायक एनडीए के हैं, लेकिन आगामी चुनाव में इसे बरकरार चुनौती है। बक्सर के चार सीटों में 2020 में महागठबंधन जीता था। बक्सर सदर और राजपुर में कांग्रेस जीती थी। ब्रह्मपुर में आरजेडी एवं डुमरांव में माले जीती थी।

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रोहतास में हैं विधानसभा की सात सीटें

रोहतास में विधानसभा की कुल सात सीटें हैं। जिसमें गत चुनाव में राजद ने सासाराम, डेहरी, नोखा एवं दिनारा सीट पर कब्जा जमाया था। जबकि कांग्रेस ने चेनारी और करगहर सीट जीता था। माले ने काराकाट जीता था। यद्यपि चेनारी से कांग्रेस विधायक मुरारी गौतम अब भाजपा के पाले में हैं। ऐसे में जिले के एनडीए नेताओं पर रैली की सफलता की बड़ी चुनौती है। भावी उम्मीदवारों के टिकट की संभावना भी उनके भीड़ जुटाने की क्षमता पर निर्भर करेगी।