नवादा में एक आईसीयू तक नहीं, झेलनी पड़ रही परेशानी
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता।कोरोना ने एक बार फिर से दस्तक दे दिया है। इसको लेकर सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। कोरोना ने एक बार फिर से दस्तक दे दिया है। इसको लेकर सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर नवादा सदर अस्पताल की व्यवस्था को भी दुरुस्त किया जा रहा है। भारत में फैल रहे कोविड-19 के दो नए वेरिएंट एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 के मामले बिहार में भी सामने आ जाने के बाद ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। लेकिन नवादा जिले में में एक आईसीयू तक नहीं रहना बेहद निराशाजनक है। जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल तक में यह व्यवस्था नहीं रहने से सामान्य दिनों में भी लोगों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ती रही है, जबकि अब तो एक बार फिर से कोरोना ने दस्तक दे दिया है, लेकिन आईसीयू के अभाव के बीच ही आने वाली दुरुह परिस्थितियों को झेलना पड़ेगा।
नवादा में अभी कोरोना का कोई मरीज चिह्नित नहीं हो सका है, जबकि हर दिन 35 से 40 लोगों की जांच एंटीजेन किट से जारी है। आवश्यकता पड़ने पर आरटीपीसीआर जांच भी की जा रही है। लेकिन चिंता इस बात को लेकर है कि कोई मरीज मिले और उसे आईसीयू में रखने की नौबत आयी तो फिर क्या होगा। आगत परेशानियों से इतर सामान्य दिनों में भी आईसीयू में भर्ती करने लायक मरीजों के आने के बाद या तो उन्हें रेफर कर दिया जाता है, जो उनके जीवन के लिए काफी खतरनाक होता है। इन परिस्थितियों में उसे किसी निजी अस्पताल की शरण में जाना पड़ता है, जहां उसका आर्थिक दोहन होता है। नवादा जिले में आईसीयू की सुविधा नहीं रहना है चिंताजनक नवादा जिले जैसी बड़ी आबादी वाले क्षेत्र में आईसीयू की सुविधा नहीं रहना आमजन चिंताजनक मानते हैं। कई बार इस सुविधा की उपलब्धता को लेकर लोगों ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में अपनी मांग उठायी है। जिला प्रशासन से लेकर विभागीय मंत्रालय तक भी यह मांग उठायी गयी है लेकिन स्थिति ढाक के तीन पात वाली ही बनी हुई है। कुल मिला कर सरकारी व्यवस्थाओं के तहत जिले को स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर एक आईसीयू तक नसीब नहीं होना जिले की लगभग 30 लाख से अधिक वाली आबादी के लिए संकटपूर्ण ही बनी हुई है। इन्टेंसिव केयर यूनिट यानी आईसीयू हर जिला स्तरीय अस्पताल में लगाने संबंधी सरकारी घोषणा पिछले दिनों हुई थी, जिसके बाद ही अब कुछ बेहतर होना संभव प्रतीत होता है। --------------------- एसएनसीयू की सुविधा भर उपलब्ध है नवजात के लिए नवादा। नवादा जिला अस्पताल यानी सदर अस्पताल में सामान्य आईसीयू तो नहीं है लेकिन नवजात बच्चों की देखभाल के लिए लगभग आईसीयू जैसी सुविधाओं से युक्त एसएनसीयू जरूर है। हालांकि यह आईसीयू कतई नहीं है लेकिन स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट एक ऐसी इकाई है, जो अस्पतालों में नवजात शिशुओं को गंभीर रूप से बीमारी अथवा सांस लेने में समस्या पर उपचार के लिए उपलब्ध है। शुगर और तापमान में गिरावट अथवा दौरे आदि में भी एसएनसीयू कारगर साबित हो रही है क्योंकि यहां रेडियो वॉर्मर, ऑक्सीजन की सुविधा, फोटोथेरेपी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। ----------------- गर्मी में आग के खतरों से बचाव के हैं पुख्ता उपाय नवादा। इस भीषण गर्मी के दिनों में अगलगी जैसे खतरों से बचाव को लेकर सदर अस्पताल में अग्निशामक का पुख्ता इंतजाम है। सिविल सर्जन डॉ.विनोद कुमार चौधरी ने बताया कि विभिन्न वार्डों और सभी यूनिट की बेहतर सुरक्षा को लेकर अग्निशमन यंत्र सभी जगह उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि एसएनसीयू में कुल आठ फायर इंस्टीग्यूशर लगाए गए हैं जबकि पूरे सदर अस्पताल परिसर व विभिन्न वार्डों व अन्य इकाइयों में कुल 32 फायर इंस्टीग्यूशर लगाए गए हैं। प्रति वर्ष इनकी रीफिलिंग करायी जाती है। हालांकि दो वर्ष पूर्व हुए फायर ऑडिट में क्लीयरेंस नहीं मिल सकी थी। चूंकि पानी के फव्वारे जैसी व्यवस्था नहीं थी, इसलिए क्लीयरेंस में दिक्कत हुई थी हालांकि अग्निशमन यंत्र की उपलब्धता को लेकर कोई दिक्कत नहीं थी।
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