केएलएस इंटर विद्यालय का खेल मैदान सुविधाविहीन, खिलाड़ी परेशान
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता।नवादा शहर के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान केएलएस इंटर विद्यालय का खेल मैदान वर्तमान में अपनी दुर्दशा पर आठ-आठ आंसू बहा रहा है।

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा शहर के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान केएलएस इंटर विद्यालय का खेल मैदान वर्तमान में अपनी दुर्दशा पर आठ-आठ आंसू बहा रहा है। विद्यालय के आसपास के छात्र-छात्राओं के लिए यह विद्यालय जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण विद्यालय का खेल मैदान भी है। इस खेल मैदान का उपयोग छात्र-छात्राएं विभिन्न रूपों में कर रहे हैं। सुबह और शाम को छात्र-छात्राएं इस मैदान में बैठ कर ग्रुप स्टडी करते हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं जबकि खेल में अपना भविष्य तलाशने वाले बच्चे अपना प्रैक्टिस कर खुद को तैयार करते हैं। सिपाही भर्ती से लेकर दारोगा बहाली तक में इस मैदान में अभ्यास करने वाले बच्चों ने सफलता पायी है और अपना भविष्य संवारा है।
इनक प्रेरणा से अब बड़ी संख्या में बच्चे यहां अभ्यास करने पहुंचते हैं लेकिन मैदान की स्थिति बेहद बुरी हो कर रह गयी है। इस कारण बच्चों को खेलों का अभ्यास करना भारी पड़ रहा है तो ग्रुप स्टडी करने वाले छात्र-छात्राओं को भी अपनी पढ़ाई की निरंतरता बरकरार रखने में बाधाएं आ रही हैं। उनका रिविजन आदि छूट जाने से उनकी परेशानी बढ़ी हुई है। एक हजार से अधिक बच्चे उपयोग करते हैं इस खेल मैदान का शहर के तीन नंबर बस स्टैंड के समीप वार्ड संख्या 10 में यह खेल मैदान स्कूल परिसर में अवस्थित है। विद्यालय समेत आसपास के मोहल्ले के लगभग एक हजार बच्चे इस खेल मैदान का उपयोग करते हैं। 1957 में केएलएस विद्यालय का आरम्भ हुआ था, तब से अस्तित्व में रहे इस खेल मैदान की वर्तमान में स्थिति यह है कि इसका बाउंड्री वाल गिर जाने के कारण यह पूरी तरह से खुला पड़ा है। स्कूली बच्चे इस कारण इसके उपयोग में हिचकते हैं, इसलिए इसका सदुपयोग नहीं हो पा रहा है लेकिन बाहरी बच्चे इसका उपयोग कर रहे थे। हालिया दिनों में इस खेल मैदान की दुर्दशा के कारण आसपास के मोहल्ले के बच्चों का खेल पाना अथवा ग्रुप स्टडी कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में कन्हाई स्कूल मैदान में जल जमाव हो गया है। इस कारण खिलाड़ियों और छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सामान्यत: इस खेल मैदान का खिलाड़ियों द्वारा ही उपयोग किया जाता है जबकि बहुत सारे लोग मॉर्निंग वॉक करने भी इस मैदान में पहुंचते हैं। वर्तमान में सभी अपनी दिनचर्या में बाधा से परेशान दिख रहे हैं। मुश्किल यह है कि उनकी समस्या का समाधान फिलहाल निकलता नहीं दिख रहा है। आमलोगों और खिलाड़ियों की प्रभावित हो रही है दिनचर्या इस क्षेत्र के इस इकलौते खेल मैदान की दुर्दशा के कारण तमाम लोग और खिलाड़ियों ने कहा कि उनकी नियमित दिनचर्या वर्तमान में बुरी तरह से प्रभावित हो कर रह गयी है। आमजनों ने कहा कि उनका मॉर्निंग वॉक संभव नहीं हो पा रहा है। जबकि सड़कों के किनारे-किनारे टहलना सुरक्षित नहीं रहने के कारण मॉर्निंग वॉक फिलहाल बंद कर देने की नौबत आ गयी है। मॉर्निंग वॉक के लिए सुबह-शाम लगभग 100 की संख्या में महिला-पुरुष यहां पहुंचते हैं, जिन्हें मजबूरी में अपने घरों की छतों पर कामचलाऊ तरीके से वॉक लेनी पड़ रही है। इधर, खिलाड़ियों ने बताया कि कन्हाई स्कूल के मैदान में प्रतिदिन लगभग एक हजार की संख्या में बच्चे अपनी तैयारी करने के लिए आते हैं। अभी होमगार्ड की तैयारी के लिए लगभग 600 की संख्या में बालक-बालिका अपनी तैयारी कर रहे हैं। अन्य तैयारियों के लिए लगभग 200-300 प्रतिभागी प्रतिदिन यहां पहुंचते हैं। सभी को या तो पानी में छप-छप कर दौड़ने की बाध्यता है अथवा अधिक बुरे हालात में दौड़ने का अभ्यास छोड़ देने की नौबत रहती है। ग्रुप स्टडी करने वाले बच्चे बुरी तरह से हैं निराश मॉर्निंग वॉक करने वाले और दौड़ तथा एक्सरसाइज का अभ्यास करने वालों क अलावा ग्रुप स्टडी करने आने वाले बच्चों का सीधा नुकसान हो रहा है। पांच दर्जन से अधिक बच्चे अलग-अगल ग्रुप में अपनी पढ़ाई करते हैं। मगर अभी के हालात बिल्कुल भी ऐसे नहीं हैं कि मैदान में कहीं एक साथ इकट्ठे बैठा जा सके। अब थक-हार कर निराश हो चुके ऐसे बच्चों ने मैदान का कायाकल्प करने की मांग की है ताकि मॉर्निंग वॉक करने वालों समेत जॉगिंग करने वाले और एक्सरसाइज करने वालों के साथ ही आरक्षी बहाली के प्रतियोगी छात्र-छात्राओं के साथ ही सिर्फ पढ़ाई करने आने वाले समूह के बच्चों का भला हो सके। विभागीय उदासीनता पड़ रही है भारी कन्हाई स्कूल मैदान वर्षों से उदासीनता का शिकार बना हुआ । शहर की आबादी के अनुसार हरिशचंद्र स्टेडियम के बाद सबसे बड़ा खेल मैदान कन्हाई स्कूल का ही है, जो वर्तमान में उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। विद्यालय प्रबंधन की कोशिशों का भी कोई बेहतर नजीता नहीं निकल पा रहा है। विद्यालय प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक कई बार बाउंड्री वॉल को सही कराने तथा जलजमाव जैसी स्थिति से मुक्ति दिलाने की मांग उठायी गयी लेकिन स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली ही रही। इस मैदान पर निर्भर मोहित कुमार, रोहित कुमार, सुषमा कुमारी, सरिता कुमारी, बबलू कुमार, राकेश कुमार, गोलू कुमार, प्रतीक कुमार सहित दर्जनों युवाओं ने इस खेल मैदान को बेहतर तरीके से विकसित करने की मांग की है ताकि इसकी उपयोगित सार्थक सिद्ध हो सके। ------------------ केएलएस कॉलेज नवादा जिले का है प्रमुख शैक्षणिक संस्थान नवादा। नवादा स्थित केएलएस इंटर कॉलेज का नाम कन्हाई लाल साहू इंटर कॉलेज है। यह इंटर कॉलेज नवादा जिला मुख्यालय में स्थित है। यह जिले का एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है। यह 1957 में स्थापित हुआ था। जिले के प्रमुख शिक्षासेवी सह प्रखर सामाजिक व्यक्तित्व कन्हाई लाल साहू की पहल पर इस विद्यालय की स्थापना हुई थी। कन्हाई लाल साहू इंटर कॉलेज एक सह-शिक्षा घटक कॉलेज है। यह 2.14 एकड़ में फैला हुआ है और 5,637 छात्रों को विविध शैक्षणिक कार्यक्रम प्रदान करता है। कॉलेज में 11 शिक्षक हैं, जो 19 पाठ्यक्रमों और 06 डिग्री कार्यक्रमों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। केएलएस इंटर कॉलेज में प्रवेश योग्यता और प्रवेश आधारित दोनों तरह से होता है। संस्थान विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए बीएसईबी 12वीं और सीबीएसई 12वीं आदि को स्वीकार करता है। केएलएस इंटर कॉलेज यूजी स्तर पर पाठ्यक्रम प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, यहां कई धाराओं में पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जैसे कि अकाउंटिंग और कॉमर्स, मानविकी और सामाजिक विज्ञान और विज्ञान आदि। ---------------------- विकसित होने की राह ताक रहा केएलएस इंटर स्कूल का खेल मैदान नवादा। केएलएस इंटर स्कूल में एक बड़ा खेल का मैदान है। यह विभिन्न खेल खेलने के लिए उपलब्ध हैं। लेकिन यह खेल मैदान वर्तमान में विकसित होने की राह ताक रहा है। इस खेल मैदान के बहुतेरे उपयोग हो रहे हैं। यह खेल का मैदान छात्रों को खेल, व्यायाम और अन्य गतिविधियों के लिए उपयोग करने के लिए उपलब्ध है। खेल के रूप में यह खेल मैदान वॉलीबॉल, बैडमिंटन, बास्केटबॉल और टेबल टेनिस जैसे विभिन्न खेल खेले जाने में सहायक है। यह मैदान विभिन्न सुविधाओं से युक्त है और इसके तहत यहां बेंच, पेड़ तथा शौचालय आदि भी उपलब्ध हैं। इस खेल मैदान का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि यहां जारी रखी जाने वाली गतिविधियों से छात्रों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। इस खेल मैदान के रखरखाव का जिम्मा स्कूल प्रबंधन के हाथ में है। खेल के मैदान का रखरखाव स्कूल पूरी मुश्तैदी से करता है ताकि यह सुरक्षित और साफ रहे। लेकिन बारिश के इस मौसम में इस खेल मैदान का हाल बेहद बुरा हो कर रह गया है। इस मैदान का निरंतर उपयोग करने वाले बच्चे कहते हैं कि यह खेल का मैदान छात्र-छात्राओं और छोटे बच्चों समेत बड़े-बुजुर्गों के जीवन में कल्याण और आनंद को जोड़ने में सफल है, जिससे टीम वर्क, अनुशासन और नेतृत्व कौशल को बढ़ावा भी मिल रहा है। वर्तमान हालात के कारण इन सारी सुविधाओं और लाभ से लोग वंचित न रह जाएं, इसको लेकर जरूरी है कि इस खेल मैदान का विकास समय रहते पूरी तरह से संपादित कर दिया जाए। ----------------------- लोगों की व्यथा: यह खेल मैदान भले ही केएलएस इंटर विद्यालय का है लेकिन स्कूल के छात्र-छात्राओं की तुलना सर्वाधिक उपयोग आसपास के लोग और छात्र-छात्रा तथा खिलाड़ी कर रहे हैं। जरूरी है इस मैदान का उन्नयन हो ताकि सभी लोग इसका भरपूर फायदा उठा सकें, जैसा कि पूर्व में संभव हो पा रहा था। - सुभाष कुमार, प्रतियोगी खिलाड़ी, नवादा। शहरी क्षेत्र में अव्वल तो खेल मैदानों की भारी कमी है। हरिश्चंद्र स्टेडियम के अलावा यही एक मैदान है, जिसका भरपूर उपयोग आसपास के लोग करते हैं। समुचित रख-रखाव और प्रकृति की मार के कारण यह खेल मैदान वर्तमान में उपयोग के लायक नहीं रह गया है। जनहित में इसका विकास जरूरी है। -दीपक कुमार, खिलाड़ी, नवादा। फिलहाल सरकार गृह रक्षक से लेकर आरक्षी की बहाली लगातार निकाल रही है। महिलाओं के लिए समुचित आरक्षण की भी व्यवस्था है। ऐसे में एक उम्मीद जगी है कि सरकारी नौकरी पायी जा सकती है। इसको लेकर लगातार अभ्यास करने आ रही थी लेकिन मैदान की इस हालत ने परेशानी बढ़ा दी है। - सुनीता कुमारी, प्रतियोगी छात्रा, नवादा। वर्तमान में खेल में बेहतर प्रदर्शन करने पर सरकार खिलाड़ियों की प्रतिभा के अनुकूल एक से बढ़ कर एक नौकरी दे रही है। इस कारण मैं भी इसकी तैयारी में अभी से ही लग गयी हूं। अपने लक्ष्य को पाने के लिए समर्पित हो चुकी हूं लेकिन परिस्थितिजन्य बाधाओं ने हौसला तोड़ना शुरू कर दिया है। - सुषमा कुमारी, खिलाड़ी, नवादा।
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