वट सावित्री का किया पूजन, सोमवती अमावस्या पर सुहागिनों ने दी फेरी
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। सोमवार को वट सावित्री व्रत का पूजन सुहागिनों ने किया। पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए सुहागिन महिलाओं द्वारा विधिपूर्वक वट सावित्री व्रत पर उपवास रख कर...

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। सोमवार को वट सावित्री व्रत का पूजन सुहागिनों ने किया। पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए सुहागिन महिलाओं द्वारा विधिपूर्वक वट सावित्री व्रत पर उपवास रख कर पूजन किया गया और सर्वसिद्धि की कामना की गयी। सुहागिन महिलाओं ने भरणी और कृतिका नक्षत्र संयोग के साथ ही शोभना योग में पूजन का विशेष फल प्राप्त किया। इसके साथ ही, सोमवार को अमावस्या होने से व्रती महिलाओं को सोमवती अमावस्या का पुण्य भी प्राप्त किया। सुहागिनों ने पीपल व बरगद वृक्ष की पूजा कर धागा बांधकर पति की लंबी आयु की कामना की। पूजन के क्रम में व्रतियों ने जलदान के अलावा छाता, चप्पल, अन्न आदि का दान भी किया ताकि ग्रह-गोचर का प्रभाव सकारात्मक रहे जबकि दुष्ट ग्रह शांत रहें।
व्रतियों ने बरगद के पेड़ की पूजा-अर्चना करने का विधान कर धार्मिक मान्यता के अनुसार बरगद में विराजमान ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा-अर्चना की। शुभ मुहूर्त में किया गया पूजन वैदिक पंचांग के अनुसार, शुभ मुहूर्त का ध्यान रख कर व्रतियों ने पूजन किया। ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 26 मई को 12 बजकर 11 मिनट से शुरू और अगले दिन यानी 27 मई मंगलवार को सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर तिथि का समापन के बीच सोमवार को सुबह 11:02 बजे से शाम 04:25 बजे के शुभ मुहूर्त में अपनी सहूलियत से सभी ने पूजन किया। सुहागिनों ने सोमवती अमावस्या पर भी पूजन किया। व्रतियों ने सुबह उठकर स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दिया। इसके बाद बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री और सत्यवान की प्रतिमा को विराजमान कर पेड़ पर जल अर्पित किया। फूल और मिठाई समेत अन्य चीजें अर्पित की। इसके बाद दीपक जलाकर व्रतियों ने आरती की। रोली बांधते हुए पेड़ की सच्चे मन से परिक्रमा लगायी। वट सावित्री व्रत की कथा का पाठ किया। इसके बाद वैवाहिक जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति के लिए कामना की। इस व्रत में अन्न और जल का त्याग किया जाना पुण्यदायी माना जाता है, इसलिए सभी ने इसका विशेष ख्याल रखा।
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