भारत में तेजी से बढ़ रहे कोरोना केस, ICMR ने बताया कितना खतरनाक है नया वेरिएंट NB.1.8.1
Corona Virus Update: कोरोना के एक्टिव केस देखकर हर कोई डरा हुआ है कि कहीं उन्हें एक बार फिर मास्क और सैनिटाइजर की जिंदगी में लौटना तो नहीं पड़ेगा। बता दें, भारत में कोविड 19 पॉजिटिव लोगों की संख्या एक हजार के पार जा चुकी हैं।

कोरोना काल में अपनों को खोने का दर्द लोग अभी पूरी तरह से भुला भी नहीं पाए हैं कि उसके दो नए सब-वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 की एंट्री हो चुकी है। बता दें, भारत में कोविड 19 पॉजिटिव लोगों की संख्या एक हजार के पार जा चुकी हैं। दिल्ली के साथ-साथ महाराष्ट्र और केरल समेत कई राज्यों में नए केस दर्ज किए गए हैं। ऐसे में हर कोई डरा हुआ है कि कहीं उन्हें एक बार फिर मास्क और सैनिटाइजर की जिंदगी में लौटना तो नहीं पड़ेगा। बता दें, फिलहाल दिल्ली में 99 एक्टिव केस हैं। जिसके बाद भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने प्रतिक्रिया देते हुए लोगों को कुछ बुनियादी सावधानियों के साथ घबराने के लिए मना किया है। आइए जानते हैं क्या हैं कोविड के ये दो नए सब-वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 और इनके लक्षण और बचाव के उपाय।
क्या है कोविड-19 के सब-वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7
इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के अनुसार भारत में NB.1.8.1 और LF.7 नाम के कोरना के दो नए सब-वेरिएंट्स की पहचान हुई है। जो भारत में पहले आ चुके ओमिक्रॉन के JN.1 वेरिएंट के ही उप-प्रकार हैं। बता दें, तमिलनाडु में अप्रैल महीने में NB.1.8.1 का एक मामला मिला था। जबकि मई में गुजरात में LF.7 के चार मामले सामने आए थे। डॉक्टरों की मानें तो ये दोनों ही वेरिएंट तेजी से फैलने की क्षमता रखते हैं क्योंकि इनमें स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन हैं, जो वायरस को इंसानी कोशिकाओं से आसानी से प्रवेश करने में मदद करते हैं।
किन लोगों को खतरा ज्यादा?
एम्स दिल्ली के पूर्व डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया के अनुसार जिन लोगों को पहले से ही डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम या कमजोर इम्यूनिटी जैसी कोई सेहत से जुड़ी समस्या है, उन लोगों के लिए खतरा ज्यादा है। हालांकि अभी तक के मौजूदा आंकड़ों के अनुसार इस वैक्सीन से प्रोटेक्शन काफी हद तक कारगर हो रहा है। ध्यान देने वाली बात यह है कि ये ओमीक्रॉन लिनिएज का ही एक वेरिएंट है और ओमिक्रॉन से ज्यादातर लोग इफेक्टेड हुए थे। ऐसे में जो नेचुरल इम्यूनिटी पैदा हुई वो इस गंभीर रोग से सुरक्षा देगी।
क्या हैं इसके लक्षण ?
WHO के अनुसार, ये वेरिएंट्स ज्यादातर मामलों में हल्की, अपने आप ठीक होने वाली बीमारी पैदा कर रहे हैं। लक्षण सामान्य फ्लू या अन्य श्वसन संक्रमणों जैसे RSV से मिलते-जुलते हैं। इसके आम लक्षणों में हल्का बुखार,सूखी खांसी,गले में खराश,नाक बहना या बंद होना,थकान,शरीर और जोड़ों में दर्द,कुछ मामलों में सिरदर्द या हल्की पेट की गड़बड़ी भी देखी जा सकती है।
पहले के वेरिएंट के लक्षण कैसे हैं अलग?
पहले के वेरिएंट्स में स्वाद या गंध का चले जाना आम था, लेकिन अब यह लक्षण ज्यादातर मामलों में नहीं दिखता। खासकर वैक्सीन ले चुके या पहले संक्रमित हो चुके लोगों में सांस लेने में तकलीफ, ऑक्सीजन की कमी, या निमोनिया जैसे गंभीर लक्षण अब बहुत कम देखे जा रहे हैं। इसके अलावा ज्यादातर मरीज हफ्ते भर में घर पर रहकर ही ठीक हो रहे हैं। पर्याप्त पानी, पैरासिटामॉल, और आराम से इन लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
क्या है ICMR का कहना?
ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल के अनुसार अभी तक जो केस मिले हैं, वे ज्यादा गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'भारत में कोविड-19 संक्रमण भले ही बढ़ रहा है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये लक्षण गंभीर नहीं हैं हम इस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।' उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार सक्रिय रूप से मामलों की निगरानी कर रही है।
बरतें ये जरूरी सावधानियां
-बाजार, बस या मेट्रो जैसी भीड़ वाली जगह पर मास्क पहनकर जाएं।
-साबुन या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और हाथों को नियमित रूप से धोते रहें।
-बुखार, खांसी या गले में खराश जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
-कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग बूस्टर डोज ले सकते हैं।
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