दूसरों के आगे हाथ फैलाने को मजबूर कर देती हैं ये 5 आदतें, समय रहते कर लें बदलाव
अक्सर लोग जाने-अनजाने कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिस वजह से आज भी तो कल उन्हें किसी और के आगे हाथ फैलाने की जरूरत पड़ जाती है। ये सारा खेल पैसों की गलत मैनेजमेंट का है। आइए जानते हैं इसी से जुड़ी कुछ खास बातें।

पैसों की मैनेजमेंट को ले कर अक्सर हर कोई परेशान रहता है। ज्यादातर लोगों के साथ 'आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया' वाले हालात ही बने रहते हैं। महीने की शुरुआत के चंद दिनों तो पैसे हाथ में टिकते हैं, फिर एकदम से ऐसा अकाल पड़ता है कि किसी से पैसे मांगने तक की नौबत आ जाती है। महंगाई के जमाने में पैसा जल्दी खर्च होना स्वाभाविक है लेकिन कई बार लोगों की मिसमैनेजमेंट के चलते ही उनके पास कभी पैसा नहीं टिक पाता। कई बार लोग जाने-अनजाने ऐसी चीजें दोहराते ही रहते हैं, जिस वजह से उनके पास पैसे टिकते ही नहीं। अगर आप भी इन्हीं लोगों में शामिल हैं, तो एक बार आपको अपनी इन हरकतों पर नजर जरूर डाल लेनी चाहिए। ये आदतें अगर आप में हैं तो आज नहीं तो कल आपको दूसरों के सामने हाथ फैलाने की जरूरत पड़ ही जाएगी।
बिना बजट बनाए पैसा खर्च करना
सैलरी आई नहीं कि कुछ लोग बिना सोचे-समझे शॉपिंग करना शुरू कर देते हैं। तब तो बड़ा मजा आता है लेकिन सजा भुगतनी पड़ती है महीने के एंड में। जाहिर है अब अगर हर महीने यही आदत जारी रही तो अंत में आपके पास सेविंग्स के नाम पर कुछ खास बचत होगी नहीं, जो किसी बुरे समय में आपके लिए आफत बन सकती है। इसलिए सैलरी आते ही खर्च करने के बजाए एक मोटा-मोटा बजट जरूर बना लें और फिर खर्चा शुरू करें। इससे आप पैसों को अच्छी तरह मैनेज कर पाएंगे और अंत में कुछ बचत भी हो पाएगी।
बचत को प्राथमिकता ना देना
ज्यादातर घरों में बचत को कभी उतना महत्व दिया ही नहीं जाता है। बचत को ले कर लोगों का माइंडसेट अक्सर यही रहता है कि बच पाएगा तो बचा लेंगे। यानी पहले लोग सैलरी को खर्च करने पर ध्यान देते हैं और फिर कुछ थोड़ा बहुत बच जाए तो वो उनकी सेविंग्स हो जाता है। जबकि ये बिल्कुल ही गलत अप्रोच है। होना तो ये चाहिए कि आप अपनी सैलरी का एक फिक्स हिस्सा बचत के लिए पहले ही तय कर लें। अब जैसे ही सैलरी आए, उतने पैसे सेविंग्स के अलग निकाल दें और बाकी बचे और पैसों से अपना खर्चा चलाएं। इससे आप किसी बुरे टाइम के लिए अपना एक सेफ्टी नेट तैयार कर पाएंगे।
दिखावा करने की आदत कहीं पड़ ना जाए भारी
कहते हैं कि मिडिल क्लास लोगों का आधे से ज्यादा पैसा सिर्फ अमीर दिखने में खर्च हो जाता है। यह सच्चाई भी है क्योंकि कई बार हम ज्यादातर चीजें सिर्फ दिखावे के लिए ही लेते हैं, भले ही हमें उसकी उतनी जरूरत ना हो। कोई दिखावे के चक्कर में महंगी गाड़ी ले लेता है, जबकि उसे उसकी कोई खास जरूरत होती नहीं। किसी को हर बार आई फोन का नया मॉडल लेना होता है। ये सब चीजें शॉर्ट टर्म में आपको भले की अच्छा महसूस कराएं लेकिन लॉन्ग टर्म में आपके हाथ सिर्फ खाली जेब और ढेर सारी लोन और ईएमआई की किश्ते ही लगेंगी।
क्रेडिट कार्ड का मिसयूज करना
क्रेडिट कार्ड आजकल हर किसी के पास मौजूद है। इमरजेंसी के लिए ये एक बहुत अच्छा टूल है लेकिन जब लोग इसका इस्तेमाल अपने शौक पूरा करने के लिए करने लगें, तो परेशानी वाली बात है। कुछ लोग तो छोटे से बड़ा अपना हर सामान क्रेडिट कार्ड से ही खरीदना पसंद करते हैं। शुरू में तो ये एक्साइटिंग लग सकता है लेकिन महीने के आखिर में जब ढेर सारे बिल के रिमाइंडर आते हैं, तो टेंशन बढ़ने लगती है। कई लोग तो इस बिल को चुकाने के लिए भी दूसरा कार्ड ले लेते हैं और ये साइकिल चलती रहती है।
सिर्फ एक इनकम सोर्स पर डिपेंड होना
आज के जमाने में सिर्फ एक इनकम सोर्स पर डिपेंड होना रिस्की भी है और काफी भी नहीं है। सच तो ये है कि जॉब की कोई सिक्योरिटी है नहीं, आज है तो हो सकता है कल अचानक चली जाए। ऐसे में अपने अच्छे टाइम में ही इनकम के अलग-अलग सोर्स डेवलप करने की कोशिश करें। आप किसी अच्छी जगह पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं, फ्रीलांसिंग कर सकते हैं या कोई साइड बिजनेस भी किया जा सकता है। जब इनकम अलग-अलग जगहों से भी आएगी तो सेविंग्स भी बेहतर हो पाएंगी और आप खुद को किसी इमरजेंसी के लिए तैयार कर पाएंगे।
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