Patna High Court reprimanded CBI in Srijan scam case what mistake agency commit सृजन घोटाला मामले में सीबीआई को पटना हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, एजेंसी से हुई क्या गलती?, Bihar Hindi News - Hindustan
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सृजन घोटाला मामले में सीबीआई को पटना हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, एजेंसी से हुई क्या गलती?

हाईकोर्ट ने सीबीआई को चेतावनी देते हुए कहा कि अगली सुनवाई की तारीख तक यदि काउंटर एफिडेविट दाखिल नहीं किया गया तो एजेंसी को पटना हाईकोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी में 10 हजार रुपये कॉस्ट के जमा करने पड़ेंगे।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तानThu, 15 May 2025 09:37 AM
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सृजन घोटाला मामले में सीबीआई को पटना हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, एजेंसी से हुई क्या गलती?

बेऊर जेल में बंद सृजन घोटाले की आरोपी रजनी प्रिया की जमानत मामले में पटना हाईकोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई है। काउंटर एफिडेविट दाखिल नहीं करने पर सीबीआई के खिलाफ पटना हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने सीबीआई को चेतावनी देते हुए कहा कि अगली सुनवाई की तारीख तक यदि काउंटर एफिडेविट दाखिल नहीं किया गया तो एजेंसी को पटना हाईकोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी में 10 हजार रुपये कॉस्ट के जमा करने पड़ेंगे। मामले की अगली सुनवाई 16 मई को नर्धिारित की गई है।

रजनी प्रिया की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अजीत कुमार ने कोर्ट को बताया कि 26 मार्च की सुनवाई के दौरान ही सीबीआई को काउंटर एफिडेविट दाखिल करने का आदेश मिला था। लेकिन 25 अप्रैल तक सीबीआई ने कोर्ट का आदेश नहीं माना। जबकि सीबीआई ने कोर्ट से अल्प अवधि की मांग करते हुए अनुरोध किया कि जल्द एफिडेविट दाखिल कर दिया जाएगा। बता दें कि रजनी प्रिया सृजन महिला विकास सहयोग समिति लि. की सचिव थीं। उनके खिलाफ डेढ़ दर्जन से अधिक मामले में चार्जशीट दाखिल है। काफी प्रयास के बाद उसकी गिरफ्तारी की गयी ही।

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सृजन घोटाला बिहार में हुआ एक बड़ा वित्तीय घोटाला था जिसमें सृजन महिला विकास सहयोग समिति नाम के एक एनजीओ ने सरकारी धन की हेरफेर की। इस एनजीओ ने कई सरकारी विभागों की रकम सीधे अपने खातों में ट्रांसफर कर दी, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड संस्था के द्वारा समाज सेवा और महिलाओं के उथान से संबंदित विभिन्न कार्यों के नाम पर भारी राशि का दुरुपयोग किया गया। 16 दिसम्बर 2003 से घोटाले की कहानी की शुरुआत हुई थी।

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14 वर्षों से घोटाले दर घोटाले किये जाते रहे। सृजन संस्था की शुरुआत गरीब, नि:सहाय महिलाओं के उत्थान के उद्देश्य से हुई थी। संस्था कई गांवों तक पहुंचने लगी। महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया। 16 दिसंबर 2003 से सृजन का उद्देश्य बदल गया महिलाओं के लिए रोजगार सृजन के मकसद से शुरू हुए सफर का रास्ता बदल गया और सरकारी राशि हड़पने की तरफ बढ़ गया। सबसे पहले जिला प्रशासन की नजारत शाखा से घोटालेबाजों ने अपने नये सफर की शुरुआत की। 16 दिसंबर 2003 से लेकर 31 जुलाई 2017 तक नजारत के खजाने को लूटती रही। दंगा पीड़ितों को मिलनेवाली पेंशन और उर्दू भाषी विद्यार्थियों को राज्य सरकार की ओर से दी जानेवाली प्रोत्साहन राशि में गड़बड़ी की गयी।