पहलगाम टेररिस्ट अटैक पर प्रशांत किशोर ने गिनाई बीजेपी की गलती, पुलवामा की दिलाई याद
एक सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि आतंकी घटनाओं के मामले में देश को एकजुट होना चाहिए। र्म के आधार पर समाज में विद्वेश फैलाने की पुरानी नीति है जो ठीक नहीं है।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी वारदात में 26 पयर्टकों की निर्मम हत्या मामले में राजनीति शुरू हो गयी है। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बीजेपी की नीतियों पर सवाल खड़ा कर दिया है। पीके ने कहा कि आतंकी घटनाओं में धर्म के आधार पर आरोप प्रत्यारोप लगाना ठीक नहीं है। इसका विरोध होना चाहिए क्योंकि इससे देश को नुकसान होता है। 22 अप्रैल को पहलाग में विदेशी आतंकियों ने पयर्टकों से उनका धर्म पूछकर और प्राइवेट पार्ट चेक करने के बाद गोली मारी थी।
एक सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि आतंकी घटनाओं के मामले में देश को एकजुट होना चाहिए। यह गलत है और किसी को गलत का साथ नहीं देना चाहिए। घटना का कारण चाहे कुछ भी बताया जाए। पीके ने कहा कि जहां तक भाजपा का सवाल है तो ये लोग चाहे पुलवामा की बात हो, पहलगाम हो या कोई अन्य आतंकी घटना हो, धर्म के आधार पर समाज में विद्वेश फैलाने की इनकी पुरानी नीति है जो ठीक नहीं है। बीजेपी के इस सोच से देश को नुकसान होगा। इसका विरोध भी उसी प्रकार से होना चाहिए जैसे तुष्टिकरण की नीति होता है।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी वारदात में 26 पयर्टकों की निर्मम हत्या मामले में राजनीति शुरू हो गयी है। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बीजेपी की नीतियों पर सवाल खड़ा कर दिया है। पीके ने कहा कि आतंकी घटनाओं में धर्म के आधार पर आरोप प्रत्यारोप लगाना ठीक नहीं है। इसका विरोध होना चाहिए क्योंकि इससे देश को नुकसान होता है। 22 अप्रैल को पहलाग में विदेशी आतंकियों ने पयर्टकों से उनका धर्म पूछकर और प्राइवेट पार्ट चेक करने के बाद गोली मारी थी।
एक सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि आतंकी घटनाओं के मामले में देश को एकजुट होना चाहिए। यह गलत है और किसी को गलत का साथ नहीं देना चाहिए। घटना का कारण चाहे कुछ भी बताया जाए। पीके ने कहा कि जहां तक भाजपा का सवाल है तो ये लोग चाहे पुलवामा की बात हो, पहलगाम हो या कोई अन्य आतंकी घटना हो, धर्म के आधार पर समाज में विद्वेश फैलाने की इनकी पुरानी नीति है जो ठीक नहीं है। बीजेपी के इस सोच से देश को नुकसान होगा। इसका विरोध भी उसी प्रकार से होना चाहिए जैसे तुष्टिकरण की नीति होता है।
प्रशांत किशोर ने बिहार से अचानक भ्रष्टाचार खत्म नहीं किया जा सकता। जबतक जनता माफिया और अपराधी तत्वों को चुनकर भेजते रहेगी तबतक भ्रष्टाचार पर कंट्रोल नहीं हो सकता। बिहार में पिछले 20 वर्षों में पंचायती राज के माध्यम से तीन प्रतिशत से कम राशि खर्च हो पाई है। शेष राशि अधिकारियों के माध्यम से खर्च की गई जिसमें भारी गड़बड़ियां की गई। बिहार को नीतीश कुमार नहीं बल्कि अफसर चला रहे हैं। उन्होंने शराबबंदी पर भी सवाल उठाया और कहा कि नीतीश कुमार के जिद के कारण युवा पीढ़ी सूखे नशे का शिकार हो रही है। जब जन सुराज की सरकार बनेगी तो एक घंटे में शराबंदी को खत्म कर दिया जाएगा।