मुख्यमंत्री बनना छोटा सपना, इसके लिए पैदा नहीं हुए; प्रशांत किशोर ने बताया, फिर क्या है ड्रीम प्लान
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बदलाव यात्रा पर निकले जन सुराज पार्टी के प्रणेता प्रशांत किशोर ने कहा है कि मुख्यमंत्री बनना छोटा सपना है, इसके लिए पैदा नहीं हुए हैं। उनका ड्रीम है कि वो बिहार में रिवर्स माइग्रेशन देख सकें।

जन सुराज पार्टी के सूत्रधार ने कहा है कि वो मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं घूम रहे हैं, सीएम बनना छोटा सपना है। उनका सपना ये है कि अपने जीवनकाल में एक ऐसा दिन भी देखें कि जब पंजाब, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र से लोग बिहार में नौकरी-रोजगार करने आएं। तब वो मानेंगे कि बिहार में विकास हुआ है। बिहार बदलाव यात्रा के दौरान सिवान के रघुनाथपुर में प्रशांत किशोर ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार जाति, धर्म, मुफ्त राशन और पैसे को छोड़कर अपने बच्चों की शिक्षा और उनके रोजी-रोजगार के लिए वोट करें।
प्रशांत किशोर ने कहा- “कुछ लोग को लग रहा है कि हम यहां मुख्यमंत्री बनने आए हैं। अरे भाई, आप हमको नहीं जानते हैं। हम इतना छोटा सपना लेकर पैदा नहीं हुए। ये मुख्यमंत्री बनने के लिए इतना मेहनत नहीं कर रहे। ये मेहनत इसलिए कर रहे हैं, पसीना इसलिए बहा रहे हैं कि यह सपना लेकर आए हैं कि अपने जीवनकाल में एक ऐसा दिन देखें जब हरियाणा, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र से लोग बिहार में नौकरी-रोजगार करने आएं, तब मानेंगे कि बिहार में विकास हुआ है।”
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प्रशांत किशोर ने अपने परिवार, परवरिश और चुनावी रणनीतिकार के करियर का जिक्र करते हुए लोगों को बताया कि पिछले 10 साल में उन्होंने एक-दो नहीं, 10-10 नेता को सीएम बनाने में कंधा लगाया। नेता जीत गया लेकिन जनता जहां थी, वहीं रह गई। नेता और दल को बहुत सलाह दे दिए, एक बार बिहार की जनता को सलाह देने आए हैं कि आपके बच्चों का जीवन बदले। प्रशांत ने लालू यादव, नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी का नाम लेकर कहा कि आपने अब तक जिस चीज के लिए वोट दिया, वो आपको मिला है। आपने बच्चों के लिए वोट नहीं दिया है, इसलिए इस बार बच्चों के लिए वोट दीजिए।