पिन बताने से इनकार करने पर पुणे के स्क्रैप कारोबारी को मारा, कार में लाश लेकर गए; पटना पुलिस ने किए कई खुलासे
- संटू भी जब बगैर एम पिन के व्यवसायी के खाते से रुपये ट्रांसफर नहीं कर पाया, तो अपराधियों ने लक्ष्मण के साथ मारपीट शुरू की। व्यवसायी की मौत हो जाने पर संटू, संगीता सहित अन्य कार से व्यवसायी लक्ष्मण का शव लेकर उसे ठिकाने लगाने लगे। संटू फरार है।

पुणे के स्क्रैप कारोबारी लक्ष्मण साधु शिंदे (50) का अपहरण कर बिहार में उनकी हत्या करने की घटना के बाद पटना पुलिस ने साइबर गिरोह के सात अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। अपराधियों ने रुपये ट्रांजैक्शन के वक्त उनकी इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित एमपिन कोड की मांग की तो उन्होंने उसे बताने से इनकार कर दिया। इसके बाद साइबर अपराधियों ने उनके साथ बेरहमी से मारपीट की जिससे उन्होंने दम तोड़ दिया। फिर उनके शव को जहानाबाद के घोषी में फेंक दिया गया। एसएसपी अवकाश कुमार ने मंगलवार को बताया कि ई-मेल भेजकर अपराधियों ने लक्ष्मण से संपर्क किया था। कोल इंडिया से स्क्रैप का बड़ा काम दिलवाने के नाम पर उन्हें भरोसे में लेकर पटना बुलाया गया।
इसके बाद 11 अप्रैल को ही उन्हें एयरपोर्ट से अगवा कर लिया गया। हालांकि उस वक्त उन्हें अपराधियों की साजिश की भनक नहीं लगी। आशंका है कि 11 तारीख को ही अपराधी उन्हें नालंदा जिले के हिलसा ले गये। उनसे 90 हजार रुपये ट्रांसफर भी करवा लिये। इसके बाद अपराधियों ने दूसरे बैंक खाते को देखा। उसमें मोटी रकम थी। साइबर अपराधियों ने उस खाते का पिन कोड मांगकर रुपये ट्रांसफर करना चाहा, लेकिन उसने पिन बताने से इनकार कर दिया। इसके बाद उनके साथ मारपीट की गई। इसी दौरान चोट लगने से उनकी मौत हो गई।
पुलिस ने घटना को अंजाम देने में शामिल मुख्य अभियक्त मुन्ना महतो उर्फ रंजीत पटेल, वैशाली के जनदाहा निवासी विपत्र कुमार, अपराधियों का सहयोग करने वाली युवती सहित 11 को गिरफ्तार किया है। रंजीत पटेल ही शिवराज सागी बनकर बात करता था। इन सभी के पास से दो चारपहिया वाहनों को बरामद किया गया। इसके अलावा आईफोन 2, दो लैपटॉप, टैब, छह स्मार्ट फोन और अन्य सामान जब्त किया गया। साइबर अपराधी दूसरे राज्यों के व्यवसायियों को निशाना बनाता था। एसएसपी ने बताया कि गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और बेंगलुरु के स्क्रैप कारोबारियों का अपहरण इस गिरोह ने किया था। अपराधियों ने तीन माह में पांच व्यवसायियों का अपहरण किया था। पैसा लेकर उन्हें छोड़ दिया गया।
व्यवसायी लक्ष्मण के एक खाते से साइबर अपराधियों ने 90 हजार रुपये निकलवा लिए। इसके बाद उन्होंने व्यवसायी के दूसरे खातों को देखना शुरू किया। पता चला कि एक और खाते में 12 लाख रुपये जमा हैं।अपराधियों ने व्यवसायी से रुपये ट्रांसफर करने को कहा। इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित एम पिन की जानकारी जब व्यवसायी ने नहीं दी, तो साइबर गिरोह के सरगना संटू को नालंदा के हिलसा से बुलाया गया। संटू गर्लफ्रेंड संगीता के साथ पहुंचा।
संटू भी जब बगैर एम पिन के व्यवसायी के खाते से रुपये ट्रांसफर नहीं कर पाया, तो अपराधियों ने लक्ष्मण के साथ मारपीट शुरू की। व्यवसायी की मौत हो जाने पर संटू, संगीता सहित अन्य कार से व्यवसायी लक्ष्मण का शव लेकर उसे ठिकाने लगाने लगे। संटू फरार है। एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे के जरिए उस कार का नंबर पता किया जिस पर व्यवसायी को बैठाकर ले जाया गया था। कार वैशाली जिले के विपत्र कुमार का निकला। गिरोह का सरगना रंजीत पूर्व में स्क्रैप का कारोबार करता था।