पूर्णिया महाविद्यालय में 'समय के रंग ' पर साहित्यिक परिचर्चा
-फोटो-50 : -फोटो-50 : पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। पूर्णिया महाविद्यालय के महर्षि मेंही दास प्रेक्षागृह में चर्चित युवा कवि रंजित तिवारी की प्र

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। पूर्णिया महाविद्यालय के महर्षि मेंही दास प्रेक्षागृह में चर्चित युवा कवि रंजित तिवारी की प्रथम काव्य कृति ''समय के रंग '' पर साहित्यिक परिचर्चा का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन साहित्यिक चौपाल चटकधाम, रचनाकार प्रकाशन एवं पूर्णिया महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस अवसर पर जिले के कई साहित्यकार, कवि और साहित्य प्रेमियों ने रंजित तिवारी को उनकी प्रथम कृति के लिए बधाई देते हुए उनके सृजन पर विचार साझा किए। सौ पृष्ठों के इस संग्रह में 65 कविताएं सम्मिलित हैं, जो समाजवाद, मानवीय चेतना और समय के विविध रंगों को उकेरती हैं। प्रथम सत्र में पुस्तक परिचर्चा हुई, जिसकी अध्यक्षता आकाशवाणी से सेवानिवृत निदेशक व कवि विजय नंदन प्रसाद ने की।
मुख्य अतिथि विद्या बिहार आवासीय विद्यालय के प्राचार्य निखिल रंजन थे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर डा. रामनरेश भक्त,डा. निरुपमा राय और कवि यमुना बसाक मंचासीन थे। कार्यक्रम का स्वागत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. एस एल वर्मा ऊर्फ प्रोफेसर शंभू कुशाग्र ने किया। मंच संचालन युवा शायर शम्स तबरेज ने किया। अध्यक्षीय संबोधन में विजय नंदन प्रसाद ने रंजित तिवारी की कविताओं को समाजवादी चेतना से ओत-प्रोत बताया। दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें अंजू दास, गीतांजलि, नीतू रानी, दिव्या त्रिवेदी, दिनकर दीवाना, हरे कृष्ण प्रकाश, कैलाश बिहारी चौधरी और बाल कवि अक्षत सौम्यन ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का समापन कवि गोविंद कुमार के संचालन और संजय सनातन की गायकी के साथ हुआ।
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