पूर्णिया में एससी-एसटी उत्पीड़न के 1084 मामले
पूर्णिया जिले में 2020 से 2025 अप्रैल के बीच एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 1084 उत्पीड़न के मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य सरकार ने पीड़ित परिवारों को 11 करोड़ 97 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी...

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के अधिकारों की रक्षा और उनके साथ होने वाले अन्याय को रोकने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत पूर्णिया जिले में वर्ष 2020 से अप्रैल 2025 तक कुल 1084 उत्पीड़न के मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में राज्य सरकार द्वारा पीड़ित परिवारों को 11 करोड़ 97 लाख 88 हजार 544 रुपये की अनुग्रह राशि दी गई है। हालांकि एससी/एसटी उत्पीड़न के मामले समाज के लिए चिंता का विषय हैं, लेकिन सरकार की ओर से मिल रही राहत और प्रशासन की तत्परता से यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में ऐसे अपराधों में कमी आएगी और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
यह अधिनियम अनुसूचित जातियों और जनजातियों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न और भेदभाव को रोकने के लिए 1989 में लागू किया गया था। इसके तहत यदि किसी एससी-एसटी व्यक्ति के साथ हिंसा, अपमान, सामाजिक बहिष्कार, संपत्ति को नुकसान, या किसी प्रकार का भेदभाव होता है, तो वह अपराध माना जाता है। यह कानून पीड़ितों को त्वरित न्याय और आर्थिक सहायता सुनिश्चित करता है। इस अधिनियम के तहत पीड़ित परिवारों को तुरंत आर्थिक सहायता, सुरक्षा, पुनर्वास और न्यायिक सहायता दी जाती है। पीड़ित की स्थिति की गंभीरता के अनुसार सरकार द्वारा तय राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन मामलों की निगरानी कर पीड़ितों को हरसंभव मदद सुनिश्चित करता है। आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि समाज में आज भी एससी-एसटी समुदाय के खिलाफ गंभीर अपराध हो रहे हैं, लेकिन सरकार की सजगता के चलते पीड़ित परिवारों को न्याय और राहत मिल रही है। राज्य सरकार और पूर्णिया जिला प्रशासन इस अधिनियम के तहत दर्ज प्रत्येक मामले की शत-प्रतिशत अनुश्रवण कर रहा है। पीड़ितों को समय पर सहायता देने और दोषियों को दंडित करने के लिए विभागीय स्तर पर निरंतर समीक्षा की जा रही है। वर्ष 2020 से अप्रैल 2025 के बीच वर्षवार दर्ज अपराधिक मामलें : वर्ष -हत्या -बलात्कार-आगजनी-अन्य मामले 2020 - 09 - 06 - 01 - 145 2021 - 08 - 04 - 08 - 146 2022 - 03 - 04 - 01 - 120 2023 - 04 - 17 - 07 - 149 2024 - 04 - 00, - 00 - 326 2025 - 01 - 00 - 00 - 121(प्रक्रियाधीन) ------------------------------------------------------------------- कुल - 29- 31 -17 - 1007 -------------------------------------------------------------- अब तक दी गई मुआवजा राशि : वर्ष - हत्या - बलात्कार - आगजनी - अन्य 2020 - 57,75,000 - 8,12,500 - 50,000 - 56,54,500 2021 - 37,12,500 - 1,75,000 - 11,00,000 - 2,84,78,500 2022 - 12,37,500 - 4,00,000 - 50,000 - 79,89,650 2023 - 16,50,000 - 8,50,000 - 3,50,000 - 2,01,48,894 2024 - 20,62,500 - 0,00,000 - 0,00,000 - 3,88,79,500 2025 - 4,12,500 - 0,00,000 - 00,00,000 - (प्रक्रियाधीन) ------------------------------------------------------------------ कुल योग - 1,48,50,000 - 22,37,500 - 15,50,000 - 10,11,51,044 ------------------------------------------------------------------- ....कहते हैं अधिकारी : हमारा प्रयास है कि कोई भी पीड़ित परिवार न्याय से वंचित न रहे। हम सभी मामलों की गंभीरता से जांच कर रहे हैं और पीड़ितों को नियमानुसार अधिकतम सहायता प्रदान की जा रही है। विगत पांच वर्षो में 1084 उत्पीड़न के मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में राज्य सरकार द्वारा पीड़ित परिवारों को 11 करोड़ 97 लाख 88 हजार 544 रुपये की अनुग्रह राशि दी गई है। - संजय कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।