ढाई लाख से अधिक आबादी पिछले वर्ष बाढ़ से हुए थे प्रभावित
सहरसा जिले के चार प्रखंडों में हर वर्ष बाढ़ का खतरा रहता है। पिछले वर्ष 2.6 लाख लोग प्रभावित हुए थे। इस वर्ष, जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने तैयारी की है। 33 पंचायतों में संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की...

सहरसा, हिन्दुस्तान संवाददाता। कोसी सहित कमला बलान नदी में हर वर्ष बाढ़ से जिले के चार प्रखंडों में महिषी, नवहट्टा, सिमरी बख्तियारपुर और सलखुआ के 33 पंचायतों में 22 पूर्ण और 11 आंशिक रूप से हर वर्ष बाढ़ रहता है। पिछले वर्ष लगभग 2 लाख 60 हजार से अधिक आबादी बाढ़ प्रभावित हुए थे। इस वर्ष संभावित बाढ़ को लेकर जिला आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा तैयारी की गई है।।अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन सहरसा को नोडल पदाधिकारी के रूप में नामित किया गया है एवं टास्क फोर्स का गठन कर लिया गया है। जिला आपताकालीन संचालन केन्द्र सह नियंत्रण कक्ष जिला स्तर पर जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र सहरसा संचालित है।
जिसके प्रभारी पदाधिकारी उदय प्रताप सिंह सहायक आपदा प्रबंधन पदाधिकारी, सहरसा को बनाया गया है। 15 जून से बाढ़ की रिपोटिंग शुरू कर दी गई है। हालांकि अभी कोसी में जलस्तर काफी कम है। जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग के अभियंता टीम द्वारा सभी तटबंधो का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया और संवेदनशील जगहों पर कटाव निरोधी कार्य किया गया है। राहत एवं बचाव दल का गठन संभावित बाढ़ 2025 हेतु सभी संबंधित बाढ़ प्रभावित अंचलों के अंचल अधिकारी द्वारा आपदा से निपटने हेतु पंचायतवार राहत एवं बचाव दल का गठन कर लिया गया है।पूर्व तैयारी के संदर्भ में एसडीआरएफ द्वारा स्थानीय स्वयं सेवकों तथा गैर सरकारी संगठनों के साथ मॉकड्रिल का आयोजन नियमित रूप से संबंधित अंचल अधिकारी की देखरेख में किया जा रहा है। संभावित बाढ़ के प्रभावित परिवारों की सूची का अद्यतनीकरण हेतु आपदा सम्पूर्ति पोर्टल से संबंधित बिन्दुओं के लिए डाटा इन्द्री ऑपरेटरों , कार्यपालक सहायकों को प्रशिक्षित कर दिया गया है। विभिन्न प्रखंड में प्रभावित पंचायत : जिले के महिषी प्रखण्ड में 12 पूर्ण व 4 आंशिक सहित 15 पंचायत बाढ़ प्रभावित होते है। वहीं नवहट्टा में 6 पूर्ण व 1 आंशिक सहित 7, सिमरी बख्तियारपुर में 2 पूर्ण व 2 आंशिक सहित 4, एवं सलखुआ प्रखण्ड के 3 पूर्ण व 4 आंशिक सहित 7 पंचायत हर वर्ष बाढ़ की चपेट में रहता है। जिले में चार तटबंध प्रमंडल कार्यरत : जिले में चार तटबंध प्रमंडल कार्यरत हैं। जानकारी अनुसार पूर्वी कोसी तटबंध सुपौल तहत 72 से 84 किलोमीटर तक कुल 12 किमी, पूर्वी कोसी तटबंध चंद्रायण तहत 84 से 105 किलोमीटर तक कुल 21 किमी, पूर्वी कोसी तटबंध कोपरिया तहत 105 से 125 किलोमीटर तक कुल 20 किमी तथा पश्चिमी कोसी तटबंध निर्मली तहत 42 से 54 किलोमीटर तक कुल 12 किलोमीटर तटबंध है। तटबंध के संकटग्रस्त व्यक्ति,समुहों की पहचान : तटबंध के अन्दर 33 पंचायतों के संकटग्रस्त व्यक्ति, समूहों में वृद्ध. गर्भवती एवं धातृ माताओं, बच्चों की पहचान जिला प्रशासन और आईसीडीएस सहरसा द्वारा कर ली गई है। जिसके अनुसार तटबंध के अंदर गर्भवती महिलाओं की संख्या लगभग 4220, 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों की संख्या लगभग 23632, 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों की संख्या लगभग 25012, वृद्जनो की लगभग संख्या 7725, दिव्यांगजन की संख्या लगभग 3131 सहित बीमार लाचार व्यक्ति की भी पहचान कर ली गई है। 149 निजी नाव एकरारनामा, 119 सामुदायिक रसोई केन्द्र चिन्हित : जिले में कुल 149 निजी नाव का एकरारनामा किया गया है। वहीं 119 सामुदायिक रसोई केन्द्र, 113 बाढ़ राहत केन्द्र एवं 60 बाढ़ आश्रय केन्द्र चिन्हित किया गया है। कहते पदाधिकारी : संभावित बाढ़ को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा तैयारी कर ली गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को बचाव के लिए जन जागरूक किया जा रहा है। जिला आपताकालीन केन्द्र सह नियंत्रण कक्ष का संचालन शुरू कर दिया गया है। संजीव चौधरी, अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन सहरसा
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