हर साल हेलीकॉप्टर हादसे क्यों हो रहे, कौन जिम्मेदार? हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से पूछा
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने बढ़ते हेलीकॉप्टर हादसों का स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है और ठोस नीति बनाने के निर्देश दिए हैं।

चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर हादसों की खबरों का स्वत: संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सरकार से मौखिक रूप से पूछा कि आखिर हर वर्ष हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं क्यों हो रही हैं? इनमें क्या खामियां हैं या इनके लिए लापरवाहियां जिम्मेदार हैं? साथ ही कोर्ट ने सरकार को हेलीकॉप्टर सेवाओं के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने को ठोस नीति बनाने के निर्देश भी दिए हैं।
विशेष सावधानी जरूरी
हाईकोर्ट ने कहा कि केदार घाटी, उच्च हिमालयी क्षेत्र है। यहां मौसम अचानक बदलता रहता है। ऐसे में एविएशन कंपनियों को पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों के मौसम और कोहरे की जानकारी होना अनिवार्य है। कोर्ट ने कहा कि बारिश के बाद ये क्षेत्र प्राय: शुष्क हो जाते हैं, जिससे उड़ान में विशेष सावधानी की जरूरत होती है।
पुनरावृत्ति रोकें
सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चार धाम यात्रा रूट पर हेलीकॉप्टर सेवाओं पर अस्थाई रूप से रोक लगाने का निर्णय लिया गया। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस नीति बनाए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
केदार घाटी में हेली सेवाएं आज से शुरू
बीते रोज गौरीकुंड में हेलीकॉप्टर हादसे के बाद चारधाम यात्रा मार्ग पर रोकी गईं हेली सेवाएं मंगलवार से पुन: शुरू हो जाएंगी। सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने सोमवार शाम इस निर्णय की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि हेली सेवाएं दे रही कंपनियों को आदेश दिए गए हैं कि डीजीसीए द्वारा जारी सभी मानकों का सख्ती से पालन किया जाए।
तिवारी ने बताया कि केदार घाटी में उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टरों में ऐसे पायलटों को जिम्मेदारी दी जाए जिन्हें हिमालयी क्षेत्र में उड़ान का अनुभव हो। खासकर उड़ान के दौरान क्षेत्र के मौसम की सटीक जानकारी जरूर ले ली जाए।
उन्होंने बताया कि हेली ऑपरेटरों को सख्त ताकीद की गई कि वह अपनी हेली सेवाओं का संचालन दिए गए टाइम स्लॉट के अनुसार ही करें। यदि कोई हेली ऑपरेटर नियमों का उल्लंघन करते पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। तिवारी ने कहा कि हेली सेवाओं की व्यवस्था यात्रियों की सुविधा के लिए की गई है। इसमें यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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