लाइब्रेरी, इंटरनेट व पत्रिका मिले तो युवाओं की उड़ान को मिलेगी दिशा
आर्थिक तंगी और असुविधाओं के बावजूद, शहर के युवा अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रयासरत हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हुए, उन्हें बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों...
आर्थिक तंगी और असुविधाओं पर दोष मढ़ हार मान लेना आसान है, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में धैर्य के साथ सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ने का अलग ही आनंद है। शहर में बड़ी संख्या में ऐसे युवा हैं जो विपरीत हालात में अपने सपने को मुकाम देने का प्रयास कर रहे हैं। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनेवाले ये युवा शहर के कॉलेजों व स्कूलों के मैदान में समसामयिक विषयों पर सामूहिक परिचर्चा करते देखे जा सकते हैं। इनमें अधिकतर सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं। इनका कहना है कि अगर जिला प्रशासन उन्हें भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराये तो उनके सपनों की उड़ान को दिशा देने में सहूलियत होगी।
सौरभ कुमार, मनीष कुमार, प्रीति कुमारी, मुस्कान कुमारी, रेणु कुमारी, अदिति कुमारी, शिवानी कुमारी आदि का कहना है कि शहर में समृद्ध लाइब्रेरी, नि:शुल्क पत्रिकाएं और इंटरनेट जैसी सुविधाएं छात्रों को मिलनी चाहिए। इससे उन्हें पढ़ने में सहूलियत होगी। इन छात्रों का कहना है कि शहर के प्रमुख चौराहों पर ऐसे भोेजनालाय का प्रबंध होना चाहिए जहां छात्रों को कम दर पर स्वास्थ्यकर भोजन उपलब्ध हो। छात्रों का कहना है कि जिले में उद्योग-धंधे की कमी के कारण रोजगार के लिए नौकरी पर ही निर्भर रहने की मजबूरी है। शहर में बड़ी संख्या में ऐसे युवा हैं जो गांवों से बेहतर शिक्षा के लिए शहरों का रुख करते है। इन छात्रों का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के दौरान सरकार व प्रशासन की तरफ से मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने के कारण उनके हौसले की उड़ान बंद कमरे में दम तोड़ देती है। अगर छात्रों को सरकार की तरफ से उनके संघर्षशील दिनों में जरूरी सहायता मुहैया कराई जाए तो वे अपनी प्रतिभा का परचम लहराकर जिले का नाम रौशन कर सकते हैं। युवा बताते हैं कि उनके बेहतर भवष्यि के लिए सरकार को और अधिक योजनाएं व नीति बनानी चाहिए। कई युवाओं ने ने बताया कि जिला प्रशासन स्थानीय स्तर पर भी इन सुविधाओं को उपलब्ध करा सकता है। सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले छात्र राजेश कुमार ने बताया कि वे मैदान में अक्सर क्विज करने के लिए आते हैं, लेकिन यहां कोई भी मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं है। न तो यहां शौचालय है और न पीने के लिए साफ पानी। बैठने के लिए भी उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। छात्रा मुस्कान कुमारी ने बताया कि आज युवाओं के लिए शहर में रहने के लिए बड़े पैमाने पर सरकारी छात्रावास का निर्माण होना चाहिए। अधिकतर युवाओं के आधे पैसे मकान मालिक को किराए के तौर पर देने में खर्च हो जाते हैं। इस कारण उन्हें रोजमर्रा के कार्यों के लिए आर्थिक तंगी से भी जूझना पड़ता है। छात्रा ज्योति ने बताया कि आज छात्रों की सबसे बड़ी समस्या सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में हो रही धांधली और पेपर लीक को लेकर है, जिससे दिन-रात एक कर तैयारी करने वाले मेहनती छात्रों का मनोबल टूटता जा रहा है। परीक्षाओं में धांधली न हो, इसको लेकर नई नीति बनाने के साथ ही परीक्षा केंद्रीय परीक्षा जांच बोर्ड के अंतर्गत करायी जानी चाहिए।
-बोले जिम्मेदार-
छात्रों की बेहतरी को लेकर कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिला नियोजन कार्यालय की ओर से कई योजनाएं संचालित है। वहीं समय समय पर विभाग की ओर से जॉब कैंप भी लगाया जाता है। इसके तहत कई युवाओं को रोजगार भी मिला है। अन्य जो भी प्रतियोगिता की तैयारी कर प्रतिभागियों के लिए जरूरी होगा उसे जहां तक संभव होगा उसे पूरा किया जाएगा। रोशन कुशवाहा, डीएम
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