दो शिक्षिका के भरोसे हैं कस्तूरबा आवसीय बालिका विद्यालय हजपुरबा की 100 छात्राएं
वारिसनगर के हजपुरबा गांव में कस्तूरबा बालिका आवसीय विद्यालय में शिक्षकों की कमी है। यहां 200 छात्राओं के लिए केवल दो शिक्षिकाएं काम कर रही हैं, जबकि कई विषयों के लिए शिक्षकों का अभाव है। पिछले एक साल...

वारिसनगर। प्रखंड के हजपुरबा गांव स्थित कस्तूरबा बालिका आवसीय विद्यालय में शिक्षिका का आभाव का दंश झेल रहा है। उक्त आवासीय विद्यालय में पढ़ने बाली छात्राओं पर सरकार लाखों रूपये प्रतिवर्ष रहने, भोजन, ड्रेस, किताब एवं अन्य साधनों पर खर्च करती है। बाबजूद पढ़ाने के लिए मात्र दो शिक्षिका ही कार्यरत है। जबकि इस कस्तूरबा विद्यालय में दो सौ छात्राएं के नामांकन की व्यवस्था है। अभी करीब एक सौ छात्राएं का नामांकन हो चुकी है। अभिभावकों का कहना था कि उक्त विद्यालय में कई विषयों की शिक्षिका नहीं है विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, संस्कृत आदि विषयों के शिक्षिका नहीं है। वार्डन अलका कुमारी जहां भाषा पढ़ाती है वही रेणु कुमारी समाजिक विज्ञान। अन्य विषयों के शिक्षिका कमी रहने पर यही दोनों शिक्षिका बचे विषयों की पढ़ाई करते है। हालांकि समय मिलने पर लेखापाल धर्मेंद्र कुमार कर्ण भी गणित व विज्ञान का क्लास लेते है।
डॉक्टर नहीं आते है वर्षो से जांच करने
विद्यालय में रहने वाली छात्राएं की स्वास्थ जांच पहले प्रत्येक माह पीएचसी के डॉक्टर की टीम पहुंचकर स्वास्थ्य जांच करने के साथ दवा भी देते थे। जबकि करीब एक वर्ष से जांच करने के लिए डॉक्टर की टीम नहीं आती है। फलत वार्डेन व लेखापाल छात्राएं की तबियत खराब होने पर निजी डॉक्टर को बुलाकर इलाज करना मुनासिब समझते है। इस सबंध में पंचायत के महिला प्रतिनिधि मुखिया सीमा कुमारी, सरपंच चंदा देवी, पंच रीता देवी आदि का कहना है कि विभाग को चाहिए की विषयवार शिक्षिका व प्रत्येक माह छात्राएं की स्वास्थ्य की जांच करने के लिए टीम को आनी चाहिए ताकि इस भीषण गर्मी में छात्राएं की स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर नही पड़े।
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