टिश्यू कल्चर से ढाई सौ हेक्टेयर में होगी केले की खेती
समस्तीपुर जिले में टिश्यू कल्चर तकनीक से केले की खेती में किसान रुचि दिखा रहे हैं। इस वर्ष, राज्य सरकार ने 250 हेक्टेयर क्षेत्र में केले की खेती का लक्ष्य रखा है। किसानों को अनुदान दिया जाएगा और प्रति...

समस्तीपुर। जिले में टिश्यू कल्चर तकनीक से केले की खेती में किसान रुचि दिखा रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में इस योजना के तहत जहां खेती का रकबा बढ़ा है। इस साल भी राज्य सरकार की ओर से इसे आगे बढ़ाते हुए जिले को 250 हेक्टेयर क्षेत्र में केला की खेती का लक्ष्य दिया गया है। उद्यान विभाग के अनुसार इस वर्ष भी किसानों को अनुदान देकर टिश्यू कल्चर केले की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उद्यान विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में जिले में लगभग साढ़े चार सौ हेक्टेयर भूमि पर केले की खेती हो रही है। इसमें 500 से अधिक किसान सक्रिय हैं।
हसनपुर, बिथान, ताजपुर प्रखंड में किसान केले की खेती से अच्छी आमदनी कर रहे हैं। इन किसानों के अनुसार प्रति हेक्टेयर केले की खेती से सालाना 6 से 7.5 लाख रुपए तक की आमदनी होती है। खास बात यह है कि पहले साल के मुकाबले दूसरे साल में खर्च कम आता है, क्योंकि दोबारा पौधे नहीं खरीदने पड़ते। इस कारण लाभ की मात्रा भी अधिक होती है। जी-9, मालभोग और चीनिया प्रजाति के केले शामिल : इस योजना के अंतर्गत किसानों को जी-9, मालभोग और चीनिया वैरायटी के टिश्यू कल्चर केले के पौधे लगाए जाएंगे। प्रति हेक्टेयर 3086 पौधों की रोपाई का मानक तय किया गया है। विभाग के अनुसार एक हेक्टेयर में केले की खेती पर कुल अनुमानित खर्च 1.75 लाख रुपए आता है। इसमें से पात्र किसानों को कुल 70 हजार रुपए तक अनुदान दिया जाएगा। पहले वर्ष में 42 हजार और दूसरे वर्ष में 28 हजार रुपए की सहायता मिलेगी। यह सुविधा रैयत और बटाईदार दोनों प्रकार के किसानों को दी जा रही है। छोटे किसानों को भी मिलेगा मौका : इस योजना में न्यूनतम 0.25 हेक्टेयर और अधिकतम 5 हेक्टेयर तक खेती की जा सकती है। इच्छुक किसानों को उद्यान विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। विभाग की ओर से पौधे 20 जून से 31 अगस्त तक वितरित किए जाएंगे।
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