रिचार्ज फुल फिर भी बिजली रहती है गुल, फॉल्ट भी नहीं होता दुरुस्त
समस्तीपुर में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली कटौती की समस्या बढ़ गई है। शहर में 24 घंटे की बजाय 17 से 18 घंटे ही बिजली मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है, जहां बिजली कटौती के कारण...
समस्तीपुर । शहर में बिजली कटौती चरम पर पहुंच गई। तापमान बढ़ने के साथ बिजली की कटौती भी बढ़ती जा रही है। शहर में 24 की जगह 17 से 18 घंटें ही बिजली की आपूर्ति हो पाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह स्थिति और भी खराब है। सुबह और शाम के बाद बिजली की कटौती मुश्किल खड़ी कर देती है। कहीं ट्रांसफॉर्मर जलने तो कहीं लाइन फॉल्ट होने से बिजली गुल हो जाती है। ट्रांसफॉर्मर जला तो कम से कम सप्ताह भर का समय लग जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह स्थित ज्यादा लंबी हो जाती है। जिले के शहरी क्षेत्र में लगभग 10 लाख की आबादी है।
इसमें करीब 50 हजार बिजली उपभोक्ता हैं। उपभोक्ता समय से बिजली बिल भी अदा कर रहे हैं, लेकिन बिजली कटौती के कारण उन्हें दिन में चैन व रात को सुकून नहीं मिल पा रहा है। पूरे शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर तार लटक रहे हैं। खुले में ट्रांसफॉर्मर रखे हुए हैं, जिनसे आपूर्ति की जाती है। लाइनों में फॉल्ट होने व ट्रांसफॉर्मरों पर लोड पड़ते ही वे जल जा रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शहर निवासी मनीष कुमार लाल, दीपक कुमार आदि का कहना है कि शहर में 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने का दावा किया जाता है, लेकिन नियमित रूप से 18 घंटे भी बिजली नहीं मिल पाती है। कटौती के कारण कारोबार पर असर पड़ने लगा है। दोपहर में कटौती होने पर खरीदारी करने आने वाले ग्राहक पसीने से तर-बतर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग हर साल बेहतर आपूर्ति करने का दावा करता है, लेकिन समय आने पर समस्या दुरुस्त नहीं कर पा रही है। सूरज कुमार ने बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अधिकतम 17 से 18 घंटे बिजली मिल पा रही है। लालबाबू पांडेय ने कहा कि अक्सर दिन में आपूर्ति बाधित रहती है। ऊपर से लो वोल्टेज बना रहता है। रात में पंखे हवा नहीं देते हैं। कूलर तो चलते ही नहीं है, जिससे बच्चों का सोना मुश्किल हो जाता है। इस कारण से घर में लगा इंवर्टर भी सही से चार्ज नहीं होता है। वहीं कुछ घंटे चलने के बाद बैटरी जवाब दे जाती है। राजीव कुमार बताते हैं कि दोपहर में विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण दुकानदारी पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। जेनरेटर के भरोसे दुकानदारी होती है। टाउन फीडर में आए दिन तार टूट कर गिरते रहते हैं। वहीं इसके कारण जब न तब लाइन काट दिया जाता है। यही नहीं लोड पड़ते ही ट्रांसफॉर्मर जल जाते हैं। बाजार में तार का महाजाल इस तरह से है कि जब न तब शॉट सर्किट हो जाता है। इसके बाद प्राइवेट मिस्त्री के भरोसे बैठना पड़ता है। अगर मिस्त्री आ भी जाये तो पांच सौ रुपये से कम नहीं लेता है। इस कारण से आर्थिक रूप से भी परेशानी होती है। शहरी क्षेत्र में उपभोक्ताओं के घर के सामने तार झूल रहे हैं। लोगों का कहना है कि फॉल्ट आने पर कई-कई घंटे बिजली गुल रहती है। इन बेतरतीब तारों को ठीक करने की जरूरत है। कपड़ा व्यवसायी मुकेश कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में बिजली जरूरत बन गई है। लेकिन स्थिति यह है कि जिले की अधिकांश आबादी बिजली संकट झेलने को विवश है। बिजली विभाग उपभोक्ताओं की समस्याओं का निदान करने में अक्षम साबित हो रहा है। जर्जर तार से हो रही बिजली आपूर्ति, बार-बार फॉल्ट से बढ़ गया जेनरेटर का खर्च विभागीय सूत्रों ने बताया कि लाइनमैन पर पर टूटे हुए तारों को ही बार-बार जोड़कर बिजली सप्लाई चालू रखने का दबाव बनाया जाता है। सब स्टेशन में तारों के टूटने के डर से जरा सी आंधी-पानी आने पर सप्लाई बंद कर दी जाती है। एक होटल के मैनेजर अजय कुमार कहते हैं कि बिजली समस्या के कारण कई दिन तो 10 से 12 घंटा जेनरेटर चलाना पड़ता है। इस कारण लागत खर्च बढ़ जाता है। जिसदिन कमरे कम बुक रहते हैं उसदिन नुकसान ही होता है। बिजली की परेशानी को लेकर अधिकारियों के फोन की घंटियां घनघनाती रहती हैं, परंतु फोन नहीं उठाते हैं। बिजली कटौती का रोस्टर नहीं, होती है अघोषित कटौती गर्मी में बिजली की अघोषित कटौती शुरू हो गई है। कटौती से निपटने के लिए बिजली विभाग के पास कोई रोस्टर व संसाधन नहीं हैं। केवल चंद ठेके के कर्मियों के सहारे बिजली की आपूर्ति बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। इनके पास न तो सीढ़ी हैं, जिससे तत्काल बिजली के पोल पर चढ़कर फॉल्ट दूर किया जा सके। कभी-कभी तो रामबाबू चौक पर अत्यधिक लोड होने के कारण पूरे क्षेत्र की बिजली गायब हो जा रही है। बिजली की आपूर्ति की अपेक्षा खपत ज्यादा होने से बिजली का संकट बढ़ गया है। बिजली कटौती बहुत हो रही है। गर्मी बढ़ने से पहले विभाग की ओर से कोई तैयारी नहीं होने के कारण उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस गर्मी में एसी व कूलर लो वोल्टेज के कारण नहीं चल पा रहे हैं। सरोज कुमार ने कहा कि गर्मी आते ही बिजली की कटौती बढ़ी है। इसके निदान को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। जेनरेटर की बदौलत दुकानदारी करनी पड़ती है। इससे आर्थिक रूप से परेशानी होती है। राजन कुमार ने बताया कि उपभोक्ताओं को बिल में कई तरह की समस्या हो रही है। कंपनी से शिकायत कई बार की गई लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। विभाग में जाने पर कई बार चक्कर लगाना पड़ता है। लेकिन निदान नहीं होता। टाउन फीडर के लोग बिजली कटौती से परेशान रहते हैं। बिजली नहीं रहने से इनवर्टर की बैटरी भी चार्ज नहीं हो पाते हैं। इस कारण से परेशानी होती है। इसके निदान को लेकर बेहतर प्लान बनाने की जरूरत है।
बोले जिम्मेदार
पावर लोड के कारण केबल जल जा रहा है, जिस कारण बीच-बीच में बिजली ट्रीप कर जाती है। ई-हाउस में कर्मियों के साथ बैठक कर सभी क्षेत्रों में लगे ट्रांसफॉर्मर की जांच और जहां-जहां मरम्मत करने की जरुरत है उसका निर्देश दिया गया है। बाजार में कई जगहों का तार बदला गया है अन्य जगहों का भी बदला जाएगा। -अबू खालिद, बिजली एसडीओ ग्रामीण सह शहरी का अतिरिक्त प्रभारी, समस्तीपुर
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