पीएम के आगमन पर भी डालमिया कारखाना खुलने की उम्मीद नहीं
(पेज चार)कार्यक्रम की शिलान्यास की सूची में प्रस्तावित डालमियानगर रेल कारखाना का कोई जिक्र नहीं है। जिससे डालमियानगरवासी समेत

डेहरी, एक संवाददाता। कभी एशिया का सबसे बड़ा उद्योग के रूप में पहचान रखने वाले डालमियानगर कारखाना खुलने की उम्मीदें टूटती जा रही है। यही कारण है कि 30 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की होने वाले सरकारी कार्यक्रम की शिलान्यास की सूची में प्रस्तावित डालमियानगर रेल कारखाना का कोई जिक्र नहीं है। जिससे डालमियानगरवासी समेत जिले के लोगों में मायूसी है। भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेताओं की मानें तो शिलान्यास समारोह के बाद सभा में ऑपरेशन सिंदूर, केंद्र की कल्याणकारी योजनाएं व बिहार में एनडीए सरकार के कामकाज का बखान प्रधानमंत्री के संबोधन का मुख्य अंश हो सकता है। मतलब साफ है कि शिलान्यास व उद्घाटन कार्यक्रम के साथ आपरेशन सिंदूर की चर्चा के बीच डालमियानगर रेल कारखाना के मुद्दे गौंड़ हो सकते हैं।
बताते चलें कि डालमियानगर उद्योग के 1984 में बंद होने के बाद छह जनवरी 2007 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में रेलवे ने 219 एकड़ वाले डालमियानगर उद्योग परिसर को 140 करोड़ रुपये में क्रय किया था। तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव डालमियानगर पहुंचकर उक्त परिसर में रेलवे कपलिंग बनाने व रेल बैंगन रिपेयरिंग कारखाना खोलने की घोषणा की थी। जो अब तक घोषणा बनकर रह गयी है। चार वर्ष पूर्व रेलवे ने उद्योग परिसर के स्क्रैप को 94 करोड़ रुपये में बेच दी। इसके बाद से रेल कारखाना खोलने का मामला लोकसभा व विधानसभा चुनाव में नेताओं के लिए सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह गया। स्थानीय नेताओं ने कभी पूर्व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा द्वारा रेल कारखाना के शिलान्यास की अफवाह उड़ाई तो कई लोग खुद को रेल मंत्री का करीबी बताकर जनता को बरगलाते रहे। हालांकि कई बार रेलवे के बड़े अधिकारियों ने साफ किया है कि डालमियानगर में रेल कारखाना खोलने का कोई बजटीय प्रावधान नहीं है। डालमियानगर वासी नन्हे सिंह, आरटीआई कार्यकर्ता रंजन कुमार आदि का कहना है कि जहां एक ओर डालमियानगर रेल कारखाना को लेकर लोगों में मायूसी है, वहीं उद्योग परिसर से लोगों को बेदखल करने की साजिश से भी लोग चिंतित हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री से लोगों को उम्मीदें हैं। जिसके लिए सभी को 30 मई को प्रधानमंत्री के संबोधन का इंतजार है। बुधवार को एक कार्यक्रम में डेहरी आए पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि यहां के जनप्रतिनिधियों को इस मुद्दे को रेल मंत्रालय तक जोरदार तरीके से उठाना चाहिए। ताकि उम्मीद जग सके।
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