बोले सीवान : फुटपाथी दुकानदारों को बिना वेडिंग जोन बनाए ही अतिक्रमण के नाम पर कर दिया जाता है बेसहारा
सीवान में फुटपाथी दुकानदारों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। नगर परिषद ने वेंडिंग जोन बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक किसी भी तरह की सुविधाएं नहीं मिली हैं।
शहर की अधिकतर सड़कों के किनारे फटपाथी दुकानें ठेला या सड़क पर ही सजती हैं। इनमें बबुनिया मोड़ से लेकर तरवारा मोड़ तक , शेखर और कृष्णा सिनेमा रोड, स्टेशन रोड, दाहा नदी पुल के किनारे दोनों तरफ , गोपालगंज मोड़ से लेकर श्रीनगर मुहल्ले तक महोदवा रोड तक दुकानें संचालित हो रही हैं। ये दुकानदार सड़क किनारे ठेला-खोमचा-टोकरी में फुटपाथी दुकानें सजाकर ग्राहकों को फूल, सब्जी, सौंदर्य प्रसाधन, पूजा सामग्री सहित कई छोटी-मोटी आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराते हैं। सीवान नगर पंचायत को अपग्रेड कर नगर परिषद बना दिया गया। इसके बाद से लेकर अबतक इस शहर का स्वरूप काफी बदला, लेकिन बाजार के हिसाब से आवश्यक सुविधाएं नहीं बढ़ीं। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान' के साथ हुई चर्चा में फटपासथी दुकानदारों का कहना है कि कहा कि सीवान नगर पंचायत से नगर परिषद तो बन गया, लेकिन कई समस्याएं अभी भी जस की तस बनी हुई हैं। फुटपाथी दुकानदारों के लिए ना तो वेंडिंग जोन बना और न ही अन्य सुविधाएं मिलीं। नगर परिषद ने कई बार सर्वे भी कराया और विभिन्न सुविधाएं देने का आश्वासन दिया। लेकिन, यह आश्वासन भी खोखला व झूठा साबित हुआ। वेडिंग नहीं बनाए जाने के कारण ही फटपाथ पर दुकान लगाकर अपनी जीविका चलानी पड़ती है। इसकारण, से लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। दुकानदारों ने बताया कि न्यायालय का आदेश है कि बिना वेंडिंग जोन बनाए फुटपाथी दुकानों को नहीं हटाना है। लेकिन, यहां तो नगर परिषद व जिला प्रशासन द्वारा बार-बार अतिक्रमण के नाम पर फुटपाथी दुकानदारों पर डंडा चलाया जाता है। प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मियों की टीम आती है और फुटपाथी दुकानों को हटाकर उनका सामान जब्त कर लेती है। इस दौरान कहा गया कि सूची में शामिल दुकानदारों को प्राथमिकता के आधार पर वेडिंग जोन बनाकर दुकानें आवंटित की जाएंगी। लेकिन, ना तो वेंडिंग जोन बना और ना ही कोई अन्य सुविधाएं मिलीं। फुटपाथी दुकानदारों ने बताया कि जबतक उचित जगह नहीं मिलेग, तबतक विकास नहीं हो पाएगा। इसके माध्यम वेंडिंग जोन और अतिक्रमण के नाम पर दुकानें हटाने पर रोक लगाने सहित अन्य मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया जा चुका है। फिर भी प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि ना ही मांगों की पूर्ति कर रहे हैं और ना ही कोई उचित पहल कर रहे हैं। सीवान के फुटपाथी दुकानदारों की समस्या केवल उनकी नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। यदि वे बेरोजगार हो गए, तो इससे अपराध और गरीबी बढ़ने की संभावना भी बनी रहेगी। जरूरत इस बात की है कि प्रशासन और सरकार मिलकर इन छोटे व्यापारियों के लिए उचित नीतियां बनाए और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद करे। जब तक इन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर नहीं मिलेगा, तब तक उनकी यह संघर्षभरी जिंदगी जारी रहेगी।
- प्रस्तुति : अभिषेक उपाध्याय, सूरज कुमार
वेडिंग जोन बनाने के बाद ही होगा हमारा विकास
नगर परिषद सीवान क्षेत्र में फुटपाथी दुकानदारों के लिए वेंडिंग जोन बनाया जाना है ताकि शेड और पक्की छत वाली दुकानें बनाकर फुटपाथी दुकानदारों को उपलब्ध करायी जा सकें। और व्यवसायी अपना व्यवसाय सही तरीके से कर सकें। साथ ही, फुटपाथी दुकानदारों का भी विकास हो। वर्षों पहले डाकघर के पास वेंडिंग जोन बनाया गया था लेकिन अब सबकुछ खत्म हो गया है। अब शहर के फुटपाथी दुकानदार कड़ी धूप, लू, बरसात, आंधी, तूफान व अन्य विपरीत मौसम में खुले आसमान के तले अपनी दुकानें सजा रहे हैं। क्योंकि, पापी पेट का सवाल है और परिवार का भरण-पोषण भी करना है। सीवान शहर की सड़कों पर दिनभर चहल-पहल रहती है। यहां के बाजारों में रौनक लाने वाले फुटपाथी दुकानदार अपनी छोटी-छोटी दुकानों के सहारे अपने परिवार का पेट पालते हैं। लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई, अतिक्रमण हटाने के अभियान और स्थायी दुकानदारों की शिकायतों से इन फुटपाथी दुकानदारों की रोजी-रोटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले ये छोटे व्यापारी सुबह से लेकर देर रात तक मेहनत करते हैं। कोई चाय-बिस्कुट बेचता है, तो कोई कपड़े, जूते, खिलौने या सब्जियां। इनके ग्राहक वे आम लोग होते हैं जो कम कीमत में चीजें खरीदना चाहते हैं। लेकिन, इन दुकानदारों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि स्थायी ठिकाना नहीं होने के कारण उन्हें बार-बार प्रशासन के कोप का शिकार होना पड़ता है। स्थानीय नगर परिषद और पुलिस समय-समय पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करती है। इस दौरान इन गरीब दुकानदारों की दुकानें तोड़ दी जाती हैं या उनका सामान जब्त कर लिया जाता है। बिना किसी ठोस वैकल्पिक व्यवस्था के इन्हें वहां से हटा दिया जाता है, जिससे इनका परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच जाता है। नगर प्रशासन का कहना है कि फुटपाथ पर दुकानें लगाने से यातायात बाधित होता है, जिससे सड़क पर चलने वाले लोगों को परेशानी होती है। वहीं, स्थायी दुकानदार भी इन फुटपाथी व्यापारियों का विरोध करते हैं, क्योंकि उनकी दुकानदारी प्रभावित होती है। प्रशासन के अनुसार, अतिक्रमण हटाना जरूरी है, लेकिन फुटपाथी दुकानदारों का कहना है कि वे मजबूरी में यह काम कर रहे हैं। यदि उनके लिए कोई वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराया जाए, तो वे वहां जाकर व्यापार करने को तैयार हैं।
लेकिन, शहरी आवास व विकास विभाग बिहार सरकार के निर्देशानुसार नगर परिषद व जिला प्रशासन पूरे शहर का सर्वे कराकर वेंडिंग जोन बनाने के लिए स्थल चिन्हित भी नहीं कर सका है।
सुझाव-
1. जल्द से जल्द वेंडिंग जोन के तहत शेड वाली दुकानें बनाकर फुटपाथी दुकानदारों को आवंटित किया जाए। इससे उन्हें व्यवसाय करने में आसानी होगी।
2. सर्वे के तहत बनी सूची में शामिल सभी फुटपाथी दुकानदारों का नगर परिषद मुफ्त बीमा की व्यवस्था करे। साथ ही, उन्हें सुविधाएं भी उपलब्ध कराएं।
3. फुटपाथी दुकानदानों को मुफ्त इलाज की सुविधा को लेकर स्वास्थ्य कार्ड बनाकर उपलब्ध करायी जाए, ताकि वे बेहतर इलाज करा सकें।
4. अतिक्रमण के नाम पर दुकानें हटाने का काम बंद हो और बाजार बंदोबस्ती के नाम पर राशि की वसूली बंद हो, उन्हें परेशान करना भी छोड़ दें।
5. सभी फुटपाथी दुकानदारों का नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल कर मुफ्त राशि की व्यवस्था की जाए।
शिकायतें-
1. वेंडिंग जोन नहीं बनने से फुटपाथी दुकानदारों को खुले आसमान के नीचे विपरीत मौसम में दुकानें सजाने पर परेशानी होती है।
2. फुटपाथी दुकानदारों के परिवारों को मुफ्त बीमा और मुफ्त इलाज के लिए कोई सरकारी सुविधा अबतक नहीं मिली है।
3. फुटपाथी दुकानदारों के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा या सहायता राशि आदि की व्यवस्था नहीं की गयी है, इससे उनके बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं।
4. फुटपाथी दुकानदारों को मुफ्त राशन योजना की सुविधा नहीं मिलने से बाजार से खरीदना पड़ता है, इससे उनकी अर्थिक स्थिति खराब हो रही है।
5. अतिक्रमण के नाम पर बार-बार दुकानें हटायी जाती हैं और प्रतिदिन अवैध राशि की वसूली की जाती है, इससे फुटपाथी दुकानदार परेशान रहते हैं।
. बनने से काफी परेशानी होती है। विपरीत मौसम होने पर कई बार दुकान नहीं सज पाती है। जबकि प्रत्येक दिन की आमदनी के अनुसार ही परिवार का खर्च चलता है। ऐसे में वेडिंग जोन में शेड वाली दुकानें बनाकर फुटपाथी दुकानदारों को आवंटित होनी चाहिए।
- सुनील श्रीवास्तव
अतिक्रमण के नाम पर नगर परिषद व जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर हमारी दुकानें हटायी जाती हैं। न्यायालय ने भी आदेश दिया है कि वेंडिंग जाने बनाए बिना फुटपाथी दुकानों को नहीं हटाना है। इसके बावजूद हर बार हमपर प्रशासन का डंडा चलता रहता है।
- जगमोहन प्र्रसाद
नगर परिषद द्वारा सर्वे कराया गया और फुटपाथी दुकानदारों की सूची भी बनायी गयी। उस समय कहा गया कि सभी फुटपाथी दुकानदारों का फोटोयुक्त पहचान पत्र बनेगा और मुफ्त में बीमा भी कराया जाएगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ।
- शैलेश यादव
ठेला-खोमचा पर सड़कों के किनारे दुकान लगानेवालों से किसी तरह की वसूली करने पर सरकार ने रोक लगायी है। इसके बावजूद बंदोबस्ती के नाम पर वसूली की जाती है।
- इमामुद्दीन
हमारी समस्याओं के बारे में सुनने वाला कोई भी नहीं है। ना ही कोई अधिकारी और जनप्रतिनिधि शहर के फुटपाथी दुकानदारों का हाल-चाल लेने आते हैं। इससे शहर के हजारों फुटपाथी दुकानदारों की समस्याएं समाप्त नहीं हो रही हैं।
- विनोद श्रीवास्तव
. पांच वर्ष पूर्व हुए सर्वे के अनुसार शहर में छह जगहों पर वेंडिंग जोन बनाने की योजना बनी। विभाग ने वेंडिंग जोन बनाने को 1रुपए नप को उपलब्ध कराए, पर वेंडिंग जोन नहीं बना। इससे परेशानी जस की तस बरकरार है।
- प्रभु यादव
. बिना वेंडिंग जोन बनाए फुटपाथी दुकानों को नहीं हटाना है। पर यहां तो नप व जिला प्रशासन ने अतिक्रमण के नाम पर फुटपाथी दुकानदारों पर डंडा चलाया जाता है।
- रामायण साह
लोगों की दुकान केवल दिन में ही लगती है। शाम होते ही रोशनी के अभाव में बंद करनी पड़ती है। जबकि अधिकतर ग्राहक शाम में खरीदारी करते हैं। शहर की स्ट्रीट लाइट या तो खराब है या फिर रोशनी नहीं कर रही।
- अमित कुमार
हम लोग का दुकान लगती है। पर संध्या समय में लोगों की ज्यादा भीड़ हो जाने के चलते वाहन पार्किंग नहीं होने से हम लोग के दुकान पर परेशानी होती है।
- धीरज कुमार
दुकान लगाने के अलावा आगे सड़क पर जगह नहीं रहने से बाइक व कार दुकान के सामने पार्किंग कर दिए जाने से ग्राहक नहीं पहुंचते हैं। वेडिंग जोन होने पर एक स्थाई दुकान मिलने पर सुविधा हो जाएगी।
- सूरज कुमार
हम लोगों की दुकान केवल दिन में ही लगती है। शाम होते ही रोशनी के अभाव में बंद करनी पड़ती है। सड़क पर वेतरतीब ट्रैफिक के चलते जगह कम पड़ जाती है। जब जाम लग जाता है तो ग्राहक दुकान तक नहीं पहुंच पाते हैं।
- सुनील साह
. गर्मी और एवं ठंड में सड़क किनारे दुकान लगाने की मजबूरी है। अब तक वेंडिंग जोन नहीं बना। कई बार वेंडिंग जोन बनाने की घोषणा हुई। जमीन भी चिह्नित करना पड़ता है।
- सोनू यादव
शहर में धरना प्रदर्शन दौरान हमारी दुकानदारी ठप हो जाती है। क्योंकि हम लोगों की दुकान सड़क के किनारे ही लगती है। सड़क पर मार्च व जुलूस निकाले जाने के दौरान व्यवसाय करना मुश्किल होता है।
- मो. छोटे
अतिक्रमण हटाने के अभियान के समय भी फुटपाथ पर दुकान लगाने का डर बना रहता है। जिससे कभी कभी दुकान नहीं लगा पाते हैं। जिससे भुखमरी की स्थिति हो जाती है। अफसर मुख्यालय से आते हैं तो दुकान हटाना पड़ता है।
- राम ध्यान यादव
आज भी शहर के फुटपाथी दुकानदार कड़ी धूप, लू, वर्षा, आंधी, तूफान व अन्य विपरीत मौसम में खुले आसमान के तले अपनी दुकानें सजा रहे हैं। नप जल्द से जल्द शेड वाली दुकानें बना फुटपाथी दुकानदारों को उपलब् कराए।
- लालबाबू यादव
. फुटपाथी दुकानदारों के लिए ना तो वेंडिंग जोन बना और ना ही अन्य सुविधाएं मिलीं। नगर परिषद ने कई बार सर्वे भी कराया गया है। लेकिन अबतक दुकानदारों को कोई सुविधा नहीं दी गई है।
- दशरथ साह
फुटपाथी दुकानदारों का नगर परिषद मुफ्त बीमा की व्यवस्था करे। साथ ही उन्हें सुविधाएं भी उपलब्ध कराए।फुटपाथी दुकानदानों को मुफ्त इलाज की सुविधा को लेकर स्वास्थ्य कार्ड बनाकर उपलब्ध करायी जाए, ताकि वे बेहतर इलाज करा सकें।
- योगेंद्र यादव
अतिक्रमण के नाम पर दुकानें हटाने का काम बंद हो और बाजार बंदोबस्ती के नाम पर राशि की वसूली बंद हो, उन्हें परेशान करना भी छोड़ दें। सभी फुटपाथी दुकानदारों का नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल कर मुफ्त राशि की व्यवस्था की जाए।
- अजय कुमार राय
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