मैरवा नगर पंचायत के दो दशक बाद भी ड्रेनेज सिस्टम की हालत खराब
मैरवा में नगर पंचायत के गठन के 20 साल बाद भी ड्रेनेज सिस्टम की स्थिति खराब है। बरसात के दौरान कई मुहल्ले जलमग्न रहते हैं। मुख्य नाला का निर्माण अधूरा है, जिससे जल निकासी में समस्या बनी हुई है। नाले की...

मैरवा। एक संवाददाता। नगर पंचायत के गठन के दो दशक बाद भी ड्रेनेज सिस्टम की हालत खराब है। नगर के कई मुहल्ले बरसात के दौरान जलमग्न रहते है। सभी नाले का निर्माण सुव्यवस्थित नहीं होने से ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल हो गया है।अब तक मुख्य नाला नहीं बन सका है। पुराने ड्रेनेज सिस्टम के कारण जल जमाव की समस्या बनी हुई है।मुख्य नाला अब तक अधूरा है। मझौली चौक से आगे मुख्य नाला मिट्टी के बने बांध के सहारे बहता है।पक्का मुख्य नाला नहीं बनने से पानी की निकास शहर के बाहर कम हो पाती है। हालाकिं अब सात करोड़ की लागत से बनने वाले नाले से मुख्य नाला से पानी कि निकासी अधिक होने की पूरी संभावना है।
नाले का पानी ओवर फ्लो होकर सड़क पर बहता है।नगर के कई मुहल्ले में नाले की उचांई कम हो गई है। वहीं सड़क किनारे बने नाले पर अतिक्रमण एक बड़ी समस्या बनी हुई है। नाले पर पक्का निर्माण कराने और नाले पर हीं दुकान लगाने से नाले की पूरी सफाई नहीे हो पाती है। कई मुहल्ले में नाले की उचांई सड़क से अधिक होने से पानी नाले के बजाय सड़क पर फैला रहता है। नगर के नई बाजार थाना रोड में हल्की बारिश के बाद भी पानी सड़क पर आता है। नाला की सफाई भी नियमित नही होने से जल जमाव की समस्या बनी रहती है। नगर में कई स्थान पर नाला एक दूसरे से कनेक्ट नही है। जिससे नाले का पानी कुछ दूरी पर जाकर सड़क पर आ जाता है।ड्रेनेज सिस्टम को समय समय पर विस्तार नही होने से जलजमाव की समस्या दो दशक से बनी हुई है। मैझौली चौक पर पांच वर्ष में नहीं बना टूटा नाला मैरवा। नगर पंचायत के द्वारा जलनिकासी की समस्या को दूर करने के लिए उदासीन रवैया अपनाया जाता रहा है। मझौली चौक पर मुख्य नाला पांच वर्ष से टूटा पड़ा है। इसके निर्माण को लेकर तीन बार टेंडर हो चुका है। बार बार टेंडर रद्द होने से नगर पंचायत के रवैये पर लेग सवाल उठाने लगे है। लगभग चालिस फिट तक नाला टूटा हुआ है। नाला के खुले रहने से प्लास्टीक और अन्य कचरा डंप होकर जाम हो गया है। नाला के टूटने से लोग बांस के चचरी के सहारे आने जाने को विवश है। चौराहे पर खुला नाला होने से लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे है। नई बाजार में बारिश के बाद होता है जलजमाव नई बाजार और थाना रोड़ में हल्की बारिश के बाद जलजमाव हो जाता है। दोनों मुहल्ले में नाला का निर्माण संकरा हुआ है। जिससे जल निकासी नहीं होती है। लगभग दो देशक पूर्व बने नाले की चौउ़ाई कम होने और मुहल्ले में आबादी बढ़ने से बड़े और चौडे नाले की जरूरत है। नाला के मझौली रोड़ में मुख्य नाला से कनेक्ट होने वाले पाइप की चौड़ाई कम होने से पानी की निकासी धीमी होती हीै। जिससे पानी मुख्य नाला तक नहीं पहुंचता है।
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