बोले सीवान : मैरवा में अतिक्रमण से रोज लग रहा जाम, दुकानदारी प्रभावित
मैरवा नगर पंचायत के गठन के बीस वर्ष बाद भी पानी सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। क्षेत्र की बड़ी आबादी दूषित जल का सेवन कर रही है। अतिक्रमण, जलजमाव और बिजली की अनियमितता जैसी समस्याएं परेशान कर रही हैं।
मैरवा नगर पंचायत के गठन के बीस वर्ष बाद भी पानी सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। क्षेत्र में लगभग चालीस हजार से अधिक की आबादी रहती है। बड़ी आबादी अभी भी दूषित जल के सेवन को लेकर विवश है। तेरह वार्ड में पानी सप्लाई पर करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी पानी सप्लाई की स्थिति जस की तस बनी है। यह बाजार हाल के वर्षों में कई गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है। इनमें अतिक्रमण जलजमाव और बिजली की समस्याएं प्रमुख हैं। जो यहां के लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। अतिक्रमण एक ऐसी समस्या है जिसने सार्वजनिक स्थानों, सड़कों और फुटपाथों पर कब्जा कर लिया है।
दुकानदारों और विक्रेताओं द्वारा अपनी दुकानों को आगे बढ़ाना या सड़क किनारे अवैध निर्माण करना आम बात हो गई है. जिससे पैदल चलने वालों और वाहनों के आवागमन में बाधा आती है। अतिक्रमण के कारण आपातकालीन सेवाओं, जैसे एम्बुलेंस या अग्निशमन वाहनों को भी परेशानी होती है। इससे शहर की सुंदरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और अनियोजित विकास को बढ़ावा मिलता है। प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के प्रयास अक्सर अस्थायी साबित होते हैं, क्योंकि कुछ समय बाद स्थिति फिर से वही हो जाती है।इस समस्या से निपटने के लिए एक स्थायी समाधान और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। जलजमाव एक और बड़ी समस्या है। खासकर मानसून के मौसम में थोड़ी सी बारिश भी सड़कों और निचले इलाकों में पानी भर देती है। इससे लोगों का चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। इसका मुख्य कारण पुरानी और अवरुद्ध जल निकासी प्रणाली है।नालियों की नियमित सफाई न होने और अतिक्रमण के कारण जल निकासी बाधित होती है।रुके हुए पानी में मच्छर और अन्य कीड़े पनपते हैं, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। स्कूलों, कार्यालयों और बाजारों तक पहुंचने में लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। जलजमाव से निपटने के लिए नई और बेहतर जल निकासी प्रणालियों का निर्माण, मौजूदा नालियों की नियमित सफाई और अतिक्रमण हटाने की जरूरत है, जो जल निकासी को बाधित करते हैं। मैरवा में बिजली की आपूर्ति अक्सर अनियमित और अपर्याप्त रहती है। अक्सर पांच से दस घंटों बिजली कटौती, लो वोल्टेज और पुराने बिजली के तारों की समस्याएं आम हैं। जो लोगों के जीवन को प्रभावित करती हैं। उत्पादन में कमी और जर्जर तार के सहारे आपूर्ति एक बड़ी समस्या है. बिजली कटौती से छात्रों की पढ़ाई बाधित होती है। व्यवसायों को नुकसान होता है। गर्मी के महीनों में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।तकनीकी खराबी और रखरखाव की कमी से पुराने ट्रांसफॉर्मर और जर्जर बिजली के तार अक्सर खराब हो जाते हैं। इससे लंबे समय तक बिजली गुल रहती है। आए दिन 24 घंटे तक बिजली कटौती का सामना लोग करते हैं। समस्या के समाधान के लिए,बिजली के बुनियादी ढांचे में सुधार,नए ट्रांसफॉर्मर लगाना,पुराने तारों को बदलने के साथ रखरखाव में सुधार करना आवश्यक होगा। बिजली चोरी को रोकना भी कंपनी के लिए एक चुनौती है।क्षेत्र में एक पावर ग्रीड का निर्माण प्रस्तावित है। मैरवा में रहने वाले लोग अन्य बुनियादी समस्याओं के साथ-साथ पेयजल की गंभीर समस्या से भी जूझ रहे है।दो दशक बाद भी पानी टंकी से पानी सप्लाई का इंतजार कर रहे है। स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता हर नागरिक का उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। यहां के लोगों के स्वास्थ्य और दिनचर्या पर गहरा असर पड़ रहा है। मैरवा बाजार में जाम, अतिक्रमण और जल-जमाव से मिले निजात सीवान जिले का मैरवा बाजार कभी व्यापारिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र हुआ करता था, लेकिन आज यह बाजार अराजकता और अव्यवस्थाओं की मिसाल बन गया है। यहां के लोग रोजमर्रा की जिंदगी में जाम, अतिक्रमण, जल-जमाव और पेयजल संकट जैसी गंभीर समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से इन समस्याओं का कोई स्थायी समाधान अब तक नहीं हो पाया है। मैरवा बाजार में ट्रैफिक जाम एक स्थायी समस्या बन चुकी है। खासकर सुबह और शाम के समय बाजार में भारी जाम लगता है, जिससे स्कूली बच्चे, नौकरीपेशा लोग और व्यापारी सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। जाम का मुख्य कारण सड़कों पर लगे अस्थायी दुकानों का अतिक्रमण और नियमों को ताक पर रखकर पार्क किए गए वाहन हैं। घंटों तक जाम में फंसे रहने के कारण न केवल समय की बर्बादी होती है, बल्कि एंबुलेंस जैसी इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित होती हैं। मैरवा बाजार की सड़कों के किनारे फुटपाथी दुकानदारों और ठेला वालों ने कब्जा कर रखा है। सड़कें पहले ही संकरी हैं, ऊपर से दोनों किनारों पर पसरे दुकानों ने पैदल चलने की जगह भी नहीं छोड़ी है। नगर परिषद की ओर से समय-समय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान जरूर चलाया जाता है, लेकिन यह सिर्फ दिखावे की कार्रवाई बनकर रह जाती है। कुछ ही दिनों में फिर से अतिक्रमण यथावत लौट आता है। बारिश होते ही मैरवा बाजार की सड़कों पर जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। नालियों की साफ-सफाई नहीं होने के कारण बारिश का पानी सड़कों पर बहने लगता है और कई जगह तो सड़कें तालाब में तब्दील हो जाती हैं। दुकानदारों का कारोबार प्रभावित होता है, ग्राहक आना बंद कर देते हैं, और स्थानीय निवासियों को कीचड़ व गंदगी से गुजरना पड़ता है। इस जल जमाव से मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता है, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडराता है। मैरवा बाजार की इन समस्याओं का स्थायी समाधान तब ही संभव है जब प्रशासन सख्त इच्छाशक्ति दिखाए और सभी संबंधित विभाग समन्वय बनाकर काम करें। नहीं तो यह ऐतिहासिक बाजार जल्द ही बदहाली का प्रतीक बन जाएगा। प्रस्तुति : अरूण कुमार सुझाव 01. इन चारों समस्याओं का समाधान स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों को मिलकर काम करना होगा।नगर को एक स्वच्छ, व्यवस्थित और विकसित क्षेत्र में बदलने के लिए इन समस्याओं का समाधान अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इससे न केवल नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार करेगा बल्कि क्षेत्र के समग्र विकास को भी गति देगा। 02. सख्त कानून और प्रवर्तन:अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नियमों का पालन हो। 03. खराब जल निकासी व्यवस्था: इसका मुख्य कारण पुरानी और अवरुद्ध जल निकासी प्रणाली है।नालियों की नियमित सफाई न होने और अतिक्रमण के कारण जल निकासी बाधित होती है। 04.जलजमाव से निपटने के लिए नई और बेहतर जल निकासी प्रणालियों का निर्माण, मौजूदा नालियों की नियमित सफाई और अतिक्रमण हटाने की आवश्यकता है जो जल निकासी को बाधित करते है। 05. बुनियादी ढांचे का विकास: आधुनिक जल निकासी प्रणाली का निर्माण और बिजली के बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ सड़क से अतिक्रमण हटाना होगा।वेडिंग जोन बनाकर अतिक्रमण को कम किया जा सकता है। शिकायतें 1. मुख्य नाला का निर्माण जल्द पूरा होने से जलनिकासी की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है पर ऐसा नहीं हो रही है। 2. नागरिकों की जागरूकता और सहयोग: नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण न करने, कूड़ा-कचरा नालियों में न डालने और बिजली का सदुपयोग करने में सहयोग करना होगा। 3. नियमित निगरानी और रखरखाव: प्रशासन को इन समस्याओं के समाधान के लिए बनाई गई योजनाओं की नियमित निगरानी करनी चाहिए और उनका उचित रखरखाव सुनिश्चित करना चाहिए। 4. आधुनिक वितरण प्रणाली: पुरानी पाइपलाइनों को बदलकर नई, लीकेज-प्रूफ पाइपलाइनें बिछाई जानी चाहिए. साथ ही, सभी घरों तक पानी की समान और नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक कुशल वितरण नेटवर्क बनाना होगा। 5. मैरवा में स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना न केवल प्रशासन की जिम्मेदारी है, बल्कि यह क्षेत्र के समग्र विकास और निवासियों के बेहतर भविष्य के लिए भी आवश्यक है। हमारी भी सुनिए 01. सड़कों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए, पार्किंग की व्यवस्था हो और ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए। मैरवा में स्थायी बस पड़ाव बनाया जाना चाहिए। इससे जाम की समस्या दूर हो सकेगी। मनोज कुमार जायसवाल 02. मैरवा में बिजली की आपूर्ति को और बेहतर किया जाना चाहिए। गर्मी में पावर कट की समस्या दूर होनी चाहिए। मैरवा में प्रस्तावित पावर ग्रीड का निर्माण जल्द होना चाहिए। नंद किशोर प्रसाद 03. नगर में पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए। दो दशक से पानी टंकी बनने के बाद भी पानी सप्लाई नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में पानी सप्लाई शुरू हो चुकी है। हम पेयजल का इंतजार कर रहे है। मंटू प्रसाद 04. नगर में बिजली सप्लाई बार बार फाल्ट के कारण बंद हो रही है। जिससे सबसे ज्यादा असर दुकानदारों पर पड़ रहा है। बाजार में जर्जर तार के सहारे सप्लाई से हादसे की आशंका रहती है। विशाल जायसवाल 05. सड़क किनारे से अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए। मझौली चौक से आगे लोगों को आने में परेशानी होती है। जिसका असर व्यवसाय पर पड़ रहा है। डिवाईडर बनाया जाना चाहिए। नंद किशोर पटेल 06. नगर में जलजमाव की समस्या है। बारिश के बाद पानी सड़क पर नाले का पानी जमा हो जाता है। बाजार में नाले की सफाई समय समय पर होनी चाहिए। श्रवण बरनवाल 07. लोग सड़कों पर वाहनों के गलत तरीके से खड़े होने और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को भी जाम का कारण मानते हैं। बाजार में कोई भी कहीं भी वाहन लगा देता है। जिससे मालगोदाम रोम से मझौली चौक तक जाम लगता है। अभय जायसवाल 08. दुकानदार भी अतिक्रमण से परेशान हैं क्योंकि यह उनके ग्राहकों के लिए परेशानी पैदा करता है।जब सड़क ही जाम रहेगी तो ग्राहक दुकान तक कैसे आएंगे। इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। अमित कुमार 09. पार्किंग की कमी एक बड़ी बाधा है।लोग गाड़ी पार्क करने की जगह न मिलने के कारण बाजार आने से कतराते हैं।अगर मल्टीलेवल पार्किंग या पर्याप्त खुली पार्किंग की जगह बनने से ग्राहक बढ़ेंगे। विकास जायसवाल 10. बाजार में आने वाले ग्राहक साफ-सुथरे और हवादार माहौल में खरीदारी करना पसंद करते हैं। नगर में सड़क के चौड़ीकरण और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। राजकुमार गुप्ता 11 . सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था नहीं है। इससे लोग निजी वाहनों का अधिक उपयोग करने पर मजबूर होते है। जिससे सड़कों पर दबाव बढ़ रहा है। इससे सड़क जाम की समस्या बढ़ी है। जाम में समय के बर्बादी के साथ आर्थिक नुकसान हो रहा है। राजू जायसवाल 12. ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोग अघोषित और लंबी बिजली कटौती से परेशान है। खासकर गर्मी के मौसम में बिजली की खराब आपूर्ति परेशानी बढ़ा रही है। ग्रीड के लिए भूमि मिलने और निर्माण में देरी से यहां बिजली की समस्या से लोगों की परेशानी बढ़ रही है। प्रभात शाही 13. सड़क पर अतिक्रमण और अव्यवस्थित पार्किंग यातायात जाम का एक बड़ा कारण है। फुटपाथों पर दुकानदारों और ठेले वालों का कब्जा और सड़क पर वाहनों की गलत पार्किंग से समस्या और बढ़ रही है। बाजार में आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए। अभय जायसवाल 14. पुराने क्षतिग्रस्त बिजली के पोल और तार के सहारे बिजली सप्लाई मिल रही है। जिससे बार बार फाल्ट हो रहा है। सब-स्टेशन से बिजली की आपूर्ति नियमित नही हो रही है। बिजली के लोड के अनुपात में ट्रांसफार्मर लगना चाहिए। सूर्य प्रताप सिंह 15. मैरवा में जाम की समस्या को दूर करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आने में परेशानी के साथ समय बर्बाद हो रहा है। ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था होनी चाहिए। उमेश सिंह 16. बाजार से अतिक्रमण बढ़ा है। जिससे व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। दिन पर दिन सड़क पर दुकान की संख्या बढ़ने से अपने नीजी वाहन से आने वाले ग्राहक बाजार में आने से कतरा रहे है। प्रशासन इसको लेकर उदासीन है। संजीव बरनवाल 17. कई मुहल्ले में लो वोल्टेज की समस्या है। जिससे बिजली के उपकरण ठीक से काम नहीं कर पाते।बिजली की मांग के अनुसार पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित होनी चाहिए। बिजली कंपनी की जवाबदेही तय होनी चाहिए। संदीप घोषाल 18.सड़क जाम से वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है। जिसका असर लोगों के सेहत पर पड़ रहा है। नगर क्षेत्र में पार्क की व्यवस्था नहीं है। जिससे लोग टहलने के लिए सड़क किनारे जाने को विवश है। राजकुमार 19. नगर में खराब जल निकासी व्यवस्था के कारण सड़क और निचले इलाकों वाले मुहल्ले में पानी भर जाता है। जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर बनाना होगा। मुख्य नाला का निर्माण जल्द पूरा करने की जरूरत है। निशांत कुमार 20. नगर में बिजली की समस्या को दूर करना होगा। बिजलीं कंपनी को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। दूसरी तरफ नगर में हो रहे तेजी से निर्माण के कारण हरे-भरे स्थान और खुले मैदान कम होते जा रहे है। जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। निरंजन जायसवाल
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