नदी में डूबे चरवाहे का शव तीसरे दिन भी नहीं मिला
गुठनी के डुमरहर गांव के समीप सरयू नदी में शनिवार को डूबे 60 वर्षीय चरवाहा राजित चौधरी का शव तीसरे दिन भी बरामद नहीं हो सका। परिजनों और ग्रामीणों ने रात भर खोजबीन की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।...

गुठनी, एक संवाददाता। दरौली थाना क्षेत्र के डुमरहर गांव के समीप शनिवार की शाम सरयू नदी में डूबे चरवाहा का शव तीसरे दिन भी बरामद नहीं हुआ। शनिवार को पशुओं को दियारा से लेकर वापस लौटने के दौरान सरयू नदी में डूब गया। पहचान दरौली थाना क्षेत्र के डुमरहर बुजुर्ग गांव निवासी राजित चौधरी (60) वर्ष के रूप में हुई थी। रविवार को छपरा से पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने सोमवार की सुबह भी नदी में शव बरामदगी के लिए रेस्क्यू शुरू कर दिया। हालांकि, सोमवार को भी नदी से शव को बरामद नहीं किया गया। परिजनों का कहना था कि रोज की तरह वह पशुओं को दियारा से लेकर डुमरहर गांव के समीप घाट से निकल रहा था।
जब वह गहरे पानी में पहुंचा तो डूबने लगा, जहां उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर घाट के समीप कृषि कार्य कर रहे लोग मौके पर पहुंचे। उसे बचाने का प्रयास किये। सरयू नदी में उसे ढूंढने के लिए आसपास के ग्रामीण और परिजनों ने काफी कोशिश की। लेकिन उसका कहीं भी कोई सुराग नहीं मिल पाया। घटना के बाद सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण सरयू नदी में शनिवार की रात तक शव ढूंढने का प्रयास किए। लेकिन उन्हें भी शव ढूंढने में सफलता नहीं मिली। सूचना मिलने के बाद मौके पर सीओ विद्याभूषण भारती, थानाध्यक्ष रौशन कुमार, एसआई अजय कुमार, एएसआई अमितोष कुमार, मुखिया गोगा पाल, सरपंच मुक्ता चौहान, समेत सैकड़ो ग्रामीण नदी किनारे खड़े रहे। परिजन शव नहीं मिलने से तीसरे दिन भी हो गए उदास डुमरहर गांव के समीप सरयू नदी में डूबे तीसरे दिन भी बरामद नहीं हुआ। परिजनो में हाहाकार उस समय मच गया। जब तीसरे दिन काफी खोजबीन के बाद भी शव को बरामद नहीं किया गया। उसके बाद एसडीआरएफ टीम वापस लौट गई। परिजनों के करुण विलाप से जहां पूरा माहौल गमगीन हो गया। वहीं मृतक की पत्नी सोना देवी और तीन बेटे नागेन्द्र यादव, लाल बाबू यादव व लाल साहब यादव उसे याद करके बार-बार रो रहे थे। जिन्हें संभालने के लिए आसपास के लोग लगे हुए थे। उसकी मौत की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे राजेश कुशवाहा, भूलन चौधरी, विनोद गुप्ता, राजेश यादव, चंदन यादव, हीरो अंसारी, बबलू श्रीवास्तव समेत सैकड़ों लोगों ने पीड़ित परिवार का ढांढस बंधाया। क्या कहते हैं सीओ सीओ विद्याभूषण भारती ने बताया कि एसडीआरएफ टीम को बुलाया गया था। हमने स्थानीय स्तर पर मौजूद गोताखोरों की भी मदत लिया। लेकिन तीसरे दिन भी शव बरामद नहीं हुआ।
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